
Chapter-3 कोयला और पेट्रोलियम 8th Class Science
3-कोयला और पेट्रोलियम Class 8 Notes in Hindi
→ ईंधन (Fuel)
: ऐसे पदार्थ जो पूर्ण दहन करने पर
ऊष्मा देते हैं,
ईंधन
कहलाते हैं।
→ अक्षय
प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible
Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में असीमित
मात्रा में उपस्थित हैं, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
→ समाप्त
होने वाले संसाधन (Exhaustible
Resources) : ऐसे संसाधन जो प्रकृति में सीमित
मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले संसाधन कहलाते
हैं।
→ जीवाश्म
ईंधन (Fossil Fuels) : ईंधन जिनका निर्माण सजीव
प्राणियों के मृत अवशेषों (जीवाश्मों) से होता है, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं।
→ कोयला (Coal)
: एक जीवाश्म ईंधन जो कार्बनीकरण का
उत्पाद है ।
→ कार्बनीकरण
(Carbonisation) : मृदा के नीचे दबी हुई मृत वनस्पति’ के उच्च ताप और दाब के कारण, धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में
परिवर्तित होने के क्रम को ‘कार्बनीकरण’ कहते हैं।
→ कोयले का
प्रक्रमण (Destructive distillation of Coal)
: कोयले को 1000 °C ताप से अधिक पर गर्म करने का
प्रक्रम ‘प्रक्रमण’ कहलाता है।
→ परिष्करण (Refining)
: पेट्रोलियम से अशुद्धियों को दूर
करने तथा प्रभाजों को पृथक् करने का प्रक्रम ‘परिष्करण’ कहलाता है।
पहेली बूझो
प्रश्न 1.
क्या हम अपने सभी प्राकृतिक संसाधनों का निरन्तर उपयोग कर
सकते हैं ?
उत्तर: नहीं । हम अपने सभी प्राकतिक
संसाधनों का निरन्तर उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि प्रकृति में कुछ स्रोत
असीमित मात्रा में हैं; जैसे- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि जबकि कुछ स्रोत सीमित
मात्रा में हैं;
जैसे- वन, वन्यजीव, खनिज आदि ।
प्रश्न 2. कोयला हमें कहाँ से
प्राप्त होता है और यह कैसे बनता है ?
उत्तर: कोयला हमें पृथ्वी की अंदरूनी सतह
अर्थात् खानों से प्राप्त होता है । प्राकृतिक आपदाओं के कारण, वन पृथ्वी के अन्दर समा जाते हैं
तथा मिट्टी उनके ऊपर जमा हो जाती है। पृथ्वी के भीतर उच्च ताप तथा दाब के कारण ये
मृत पेड़-पौधे धीरे-धीरे कार्बनीकरण की प्रक्रिया द्वारा कोयले के रूप में
परिवर्तित हो जाते हैं।
प्रश्न 3. क्या प्रयोगशाला में मृत जीवों से कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक
गैस बनाई जा सकती है?
उत्तर: नहीं । प्रयोगशाला में मृत जीवों
से कोयला,
पेट्रोलियम
और प्राकृतिक गैस का निर्माण नहीं किया जा सकता, क्योंकि इनका बनना बहुत धीमी
प्रक्रिया है तथा इनके बनने के लिए आवश्यक दशाएँ प्रयोगशाला में उत्पन्न नहीं की
जा सकती।
Lesson -3 कोयला और पेट्रोलियम 8th Class Science Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1. सीएनजी और एलपीजी का
ईंधन के रूप में उपयोग करने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर: सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप
में उपयोग बहुत लाभदायक है क्योंकि इनका वितरण हर जगह आसानी से पाइप लाइन द्वारा
किया जा सकता है । इन दोनों का मुख्य गुण है, जलने पर वायु प्रदूषण नहीं फैलाते
है। इनकी ऊष्मा की उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है । इन्हें घरों तथा फैक्टरियों
में सीधे ही प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2. पेट्रोलियम का कौन-सा
उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर:बिटुमेन,पेट्रोलियम का उत्पाद है जो सड़क के निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ।
प्रश्न 3.वर्णन कीजिए,मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार
बनता है ? यह
प्रक्रम क्या कहलाता है?
उत्तर: कोयले का निर्माण : लगभग 300 मिलियन वर्ष पूर्व जब मृत वनस्पति
मिट्टी की सतह के नीचे फँसकर इकट्ठी हो गई, तो निचले स्तर के उच्च ताप व दाब
के कारण ये धीरे-धीरे कोयले के रूप में परिवर्तित हो गए है। कोयले के निर्माण की
यह धीमी प्रक्रिया ‘कार्बनीकरण’ कहलाती है।
प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) ………………….. तथा …………………..
जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम
………………….. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………………..
है ।
उत्तर: (क) कोयला, पेट्रोलियम, (ख) परिष्करण (ग) सीएनजी।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों के
सामने सत्य/असत्य लिखिए-
(क)
जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं।
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है ।
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है।
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है।
उत्तर: (क) असत्य (ख) असत्य (ग) सत्य (घ) सत्य (ङ) असत्य ।
प्रश्न 6. समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त
होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ?
उत्तर: जीवाश्म ईंधन मृत जीवों के
अवशेषों से प्राप्त होते हैं । इनको बनने की प्रक्रिया में लाखों वर्ष व्यतीत हो
जाते हैं। इस कारण जीवाश्म ईंधन काफी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं तथा
मानव के द्वारा यह अत्यधिक मात्रा में प्रयोग में लाए जाते हैं और समाप्त हो सकते
हैं । इसी कारण जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।
प्रश्न 7. कोक के अभिलक्षणों और
उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कोक के अभिलक्षण : यह कठोर, सरंध्रयुक्त और काले रंग का होता
है। यह विद्युत तथा ऊष्मा दोनों का कुचालक है। कोक के उपयोग : यह एक अच्छा घरेलू
ईंधन है,
जो जलने पर
धुंआ नहीं छोड़ता है । यह कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने तथा धातुओं जैसे- कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि के निष्कर्षण के काम आता
है ।
प्रश्न 8. पेट्रोलियम-निर्माण
के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर: पेट्रोलियम का निर्माण : पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले
सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से होता है । मृत्यु के पश्चात् ये सागर की गहराई में
जाकर तली तक पहुंच जाते हैं तथा धीरे-धीरे ये रेत और मिट्टी से ढंकने लगते हैं ।
करोड़ों वर्षों के बाद उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण यह हाइड्रोकार्बन में
बदल जाते हैं । ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्रयुक्त चट्टानों से रिसकर
पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते रहते हैं, जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें
रोक नहीं लेतीं । इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं, चूंकि तेल व गैस जल से हल्के होते
हैं,
अत: यह जल
के साथ मिश्रित नहीं होते तथा ऊपर तैरने लगते है ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित सारणी में
2004 से 2010 तक भारत
में विद्युत की कुल कमी को दिखाया गया है । इन आंकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित
करिए । वर्ष में कमी प्रतिशतता को.Y- अक्ष पर तथा वर्ष को x- अक्ष, पर आलेखित करिए।
वर्ष
|
कमी %
|
2004
|
7.8
|
2005
|
8.6
|
2006
|
9.0
|
2007
|
9.5
|
2008
|
9.9
|
2009
|
11.2
|
उत्तर: 
8th Class Science कोयला और
पेट्रोलियम Important Questions
and Ans बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्नलिखित
में से समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन है
(अ) सूर्य का प्रकाश (ब) वायु (स)
पेट्रोलियम (द)
उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर: (स) पेट्रोलियम
2. मृत पेड़-पौधों के
धीमे प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तित होने को कहते हैं –
(अ) हाइड्रोजनीकरण (ब) कार्बनीकरण (स) ऑक्सीकरण (द) अपचयन ।
उत्तर: (ब) कार्बनीकरण
3. सीएनजी का
पूरा नाम है – (अ) संपीडित
प्राकृतिक गैस (ब) कोयला
प्राकृतिक गैस
(स) कोलतार
प्राकृतिक गैस (द) उपरोक्त
में से कोई नहीं ।
उत्तर: (अ) संपीडित प्राकृतिक गैस ।
4. पेन्ट एवं सड़क निर्माण में
पेट्रोलियम का निम्न में से कौन-सा घटक प्रयुक्त होता है ।
(अ) एलपीजी (ब) डीजल (स) पैराफिन मोम (द) बिटुमेन
उत्तर: (द) बिटुमेन
5. PCRA द्वारा
सलाह दी जाती है –
(अ) वाहन
चलाने के सम्बन्ध में (ब) वाहन चलाते
समय पेट्रोल/डीजल
बचाने के सम्बन्ध में
(स) अधिक
पेट्रोल डीजल उपयोग करने के सम्बन्ध में (द) उपरोक्त
में से कोई नहीं ।
उत्तर: (ब) वाहन चलाते समय पेट्रोल/डीजल
बचाने के सम्बन्ध में
रिक्त स्थान पूर्ति
(क) संसाधन जो
प्रकृति द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं, ……………. संसाधन
कहलाते हैं।
(ख), मृत
वनस्पति के धीमे प्रकम द्वारा कोयले में परिवर्तन को …………….
कहते हैं।
(ग) कोयले के
प्रक्रमण द्वारा कोक बनाते समय ………………. प्राप्त
होती है।
(घ) प्राकृतिक
गैस को ………… दाब पर संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में भंडारित
किया जाता है।
उत्तर: (क) प्राकृतिक (ख) कार्बनीकरण (ग) कोयला गैस (घ) उच्च।
सुमेलन
कॉलम ‘अ’
|
कॉलम ‘ब’
|
(i) सूर्य का प्रकाश
|
(क) पेट्रोलियम
|
(ii) कोयला
|
(ख) अक्षय
प्राकृतिक संसाधन
|
(iii) काला सोना
|
(ग) कोलतार
|
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव
|
(घ) समाप्त
होने वाला प्राकृतिक संसाधन
|
उत्तर:
कॉलम ‘अ’
|
कॉलम ‘ब’
|
(i) सूर्य का
प्रकाश
|
(ख) अक्षय
प्राकृतिक संसाधन
|
(ii) कोयला
|
(घ)
समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन
|
(iii) काला सोना
|
(क)
पेट्रोलियम
|
(iv) अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव
|
(ग)
कोलतार
|
सत्य / असत्य कथन
(क) कोक एक
कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है।
(ख) प्राकृतिक
गैस को निम्न दाब पर सीएनजी के रूप में भंडारित किया जाता
है।
(ग) बिटुमेन
का उपयोग स्नेहन के रूप में किया जाता है।
(घ) कोयला और
पेट्रोलियम जीवाश्म ईधन हैं।
उत्तर: (क) सत्य (ख) असत्य (ग) असत्य (घ) सत्य।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अक्षय प्राकृतिक संसाधन क्या हैं ?
उत्तर: वे संसाधन जो प्रकृति में असीमित
मात्रा में उपस्थित हैं और मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त नहीं होते, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
उदाहरण :
सूर्य का प्रकाश,
वायु आदि ।
प्रश्न 2.
समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वे संसाधन जो प्रकृति में सीमित
मात्रा में उपस्थित हैं एवं जो मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं, समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन
कहलाते हैं।
उदाहरण :
कोयला,
पेट्रोलियम
आदि।
प्रश्न 3.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ प्राकृतिक पदार्थों
के नाम लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर: खनिज, जल, सूर्य का प्रकाश, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल आदि।
प्रश्न 4.
दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले कुछ मानव-निर्मित
पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर: प्लास्टिक, रेशा, संश्लेषित रबर, मोटर टायर, बैटरी आदि।
प्रश्न 5.
जीवाश्म ईंधन किसे कहते हैं ?
उत्तर: जीवाश्म ईंधन : ऐसे ईंधन जो
सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा में दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में परिवर्तित
हुए,
जीवाश्म
ईंधन कहलाते हैं ।
प्रश्न 6.
यदि कोयले को वायु में जलाया जाए तो क्या होगा?
उत्तर: कार्बन-डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न
होगी ।
प्रश्न 7.
कार्बनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर: मृत वनस्पति के धीमे प्रक्रम
द्वारा कोयले में परिवर्तन को कार्बनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 8.
कोक कैसा पदार्थ है?
उत्तर: कोक एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह
कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है।
प्रश्न 9.
कोक के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर: कोक का उपयोग निम्नलिखित है-
(i) इस्पात के
औद्योगिक निर्माण में। (ii) धातुओं के निष्कर्षण में।
प्रश्न 10.
बिटुमेन किस काम आता है?
उत्तर: इसका उपयोग सड़क के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 11.
कोयला गैस कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर: कोयले के प्रक्रमण द्वारा कोक
बनाते समय कोयला गैस प्राप्त होती है।
प्रश्न 12.
परिष्करण किसे कहते हैं ?
उत्तर: पेट्रोलियम के प्रभाजों को पृथक्
करने का प्रक्रम परिष्करण कहलाता है।
प्रश्न 13.
सीएनजी का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर: संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas)
प्रश्न 14. घरों में उपयोग की
जाने वाली पेट्रोलियम गैस का नाम लिखिए।
उत्तर: एलपीजी (द्रवित पेट्रोलियम गैस) ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रकृति में पाए जाने वाले
प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार लिखिए ।
उत्तर: प्रकृति में पाये जाने वाले
प्राकृतिक संसाधनों को दो वर्गों में बाँटा गया है
(1) अक्षय
प्राकृतिक संसाधन –
ये संसाधन
प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा समाप्त
नहीं हो सकते है। उदाहरण- सूर्य का प्रकाश, वायु आदि ।
(2) समाप्त
होने वाले प्राकृतिक संसाधन – प्रकृति में इन स्रोतों की मात्रा
सीमित है तथा मानव
क्रियाकलापों द्वारा ये समाप्त हो सकते हैं।उदाहरण-वन,खनिज,कोयला,पेट्रोलियम,प्राकृतिक गैस आदि।
प्रश्न 2. कोलतार क्या है ? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर: यह काले रंग वाला गाढ़ा द्रव है ।
यह लगभग 200
। पदार्थों
का मिश्रण है। कोलतार से प्राप्त उत्पादों का उपयोग प्रारम्भिक पदार्थों के रूप
में होता है। दैनिक जीवन में काम आने वाले विभिन्न पदार्थों के औद्योगिक निर्माण
में तथा उद्योगों,
जैसे – संश्लेषित रंग, औषधि, पेन्ट, प्लास्टिक, छत. के निर्माण के लिए सामग्री
इत्यादि में इसका उपयोग होता है। नैफ्थलीन की गोलियाँ भी कोलतार से प्राप्त की
जाती हैं।
प्रश्न 3. पेट्रोलियम क्या है ? इसके परिष्करण से
कौन-कौन से पदार्थ प्राप्त होते हैं ?
उत्तर: पेट्रोलियम गहरे रंग का तेलीय
द्रव है,
इसकी गंध
अप्रिय होती है। पेट्रोलियम को जीवाश्मी ईंधन भी कहते हैं । पेट्रोलियम के परिष्करण
से पेट्रोलियम गैस,
पेट्रोल, डीजल, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम आदि प्राप्त होते हैं
।
प्रश्न 4. प्राकृतिक गैस
महत्वपूर्ण क्यों है तथा इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर: यह एक बहुत महत्वपूर्ण जीवाश्म
ईंधन है,
क्योंकि
इसे पाइप द्वारा कहीं भी पहुंचाया जा सकता है। प्राकृतिक गैस को उच्च दाब पर
संपीडित प्राकृतिक गैस के रूप में स्टोर किया जाता है।.CNG का प्रयोग कुछ समय से परिवहन
वाहनों में ईंधन के रूप में किया जा रहा है ।
प्रश्न 5. पेट्रोलियम संरक्षण
अनुसंधान संघ (PCRA) द्वारा
पेट्रोल – डीजल बचत
के लिए दिए गए सुझावों को लिखिए।
उत्तर: पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ
ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं –
(1) जहाँ तक
सम्भव हो गाड़ी एक समान एवं मध्यम गति से चलानी चाहिए ।
(2) यातायात
लाइटों पर अथवा जहाँ प्रतीक्षा करनी हो, गाड़ी का इंजन बंद कर देना चाहिए
।
(3) गाड़ी का
नियमित रख-रखाव सुनिश्चित करना चाहिए।
(4) टायरों में
हवा का दबाव उचित रखना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. पेट्रोलियम तथा
प्राकृतिक गैस के भण्डार का चित्र बनाइये।
उत्तर:
प्रश्न 2. पेट्रोलियम के
विभिन्न संघटकों को उपयोग सहित लिखिए।
उत्तर: पेट्रोलियम के विभिन्न संघटक –
1. द्रवित
पेट्रोलियम गैस : इसका उपयोग घरों और उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
2. मिट्टी का तेल :इसका प्रयोग स्टोव,लैम्प और जेट वायुयान के लिए ईंधन
के रूप में किया जाता है।
3. पेट्रोल :
इसका प्रयोग मोटरकारों में, वैमानिक ईंधन के रूप में तथा
शुष्क धुलाई के लिए विलायक के रूप में होता है।
4. डीजल :
विद्युत जनित्रों तथा भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है ।
5. स्नेहक तेल
: वाहनों के इंजन में स्नेहन के लिए प्रयुक्त होता है।
6. पैराफिन
मोम : मरहम,
मोमबत्ती, वैसलीन इत्यादि में।
7. बिटुमेन :
पेन्ट तथा सड़क निर्माण में।
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