
Chapter-5 पौधे एवं जंतुओं का
संरक्षण Class-8th Science Notes
in Hindi
→ वनोन्मूलन (Deforestation)
: वनों को काटना।
→ मरुस्थलीकरण (Desertification) : मृदा अपरदन के कारण उपजाऊ
भूमि का अनुउपजाऊ होना।
→ जैव विविधता (Biodiversity)
: पृथ्वी पर पाये जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियाँ, उनके पारस्परिक संबंध
एवं पर्यावरण से संबंध।
→ प्राणिजात (Fauna)
: किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले जीव- जंतु ।
→ वनस्पतिजात (Flora)
: किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे।
→ अभयारण्य (Sanctuary)
: वे क्षेत्र जहाँ वन्य जीव-जन्तु सुरक्षित एवं संरक्षित रहते हैं।
→ राष्ट्रीय उद्यान (National
Park) : वन्य जंतुओं के लिए आरक्षित क्षेत्र जहाँ वह स्वतंत्र रूप से आवास
एवं। प्राकृतिक संसाधनों
का उपयोग कर सकते हैं।
→ जैवमण्डल आरक्षित
क्षेत्र (Biospherereservearea) : वन्य जीवन, पौधों और जंतु
संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के
पारंपरिक ढंग से जीवन यापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।
→ संकटापन्न स्पीशीज (Endangered
Species) : वे जंतु, जिनकी संख्या एक
निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा जो विलुप्त हो
सकते हैं।
→ विलुप्त (Extinct)
: वे जीव जिनका पृथ्वी से अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
→ पारितंत्र (Ecosystem)
: इसमें सभी पौधे,जीव,सक्ष्मजीव तथा अजैव घटक आते हैं।
→ रेड डाटा पुस्तक (Red
Data Book) : वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकॉर्ड रखा जाता है।
→ स्पीशीज (Species)
: सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में
सक्षम हो।
→ प्रवास(Migration): जीवन-यापन करने के
लिए स्पीशीज द्वारा
अपने आवास से
किसी निश्चित समय
में बहुत दूर
जाना।
→ पुनर्वनरोपण (Reforestation)
: नष्ट किए गए वनों को पुनःस्थापित करने के लिए रोपण।
8th Class Science 5-पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and
Answers
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों
की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए
(क) वह क्षेत्र
जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं …………..
कहलाता है।
(ख) किसी
क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ……………… कहलाती है।
(ग) प्रवासी
पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ………………. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर: (क) वन्यजीव अभयारण्य (ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज (ग) जलवायु।
प्रश्न 2.निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वन्यप्राणी
उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र।
(ख) चिड़ियाघर एवं अभयारण्य
(ग) संकटापन्न
एवं विलुप्त स्पीशीज
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर: (क) वन्यप्राणी उद्यान : एक ऐसा
स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है। जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र :
वन्य जीवन,
पौधे और
जन्तु संसाधनों तथा उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारम्परिक ढंग से जीवनयापन हेतु
विशाल संरक्षित क्षेत्र ।
(ख) चिड़ियाघर : मानव निर्मित ऐसा
स्थान जहाँ जन्तुओं का संरक्षण किया जाता है। चिड़ियाघर में वन्य प्राणी अपनी इच्छा से भ्रमण नहीं कर
सकते। इसमें अधिकतर जीव कैद में रहते हैं।
अभयारण्य : वह क्षेत्र जहाँ जंतु और
उनके आवास को संरक्षण में रखा जाता है। अभयारण्य जन्तुओं को एक प्राकृतिक आवास प्रदान कराते हैं, जिसमें जीव किसी भी प्रकार की कैद
में नहीं होता है।
(ग) संकटापन्न स्पीशीज : वे जन्तु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं। जैसे- सफेद चीता,शेर,हाथी आदि।
विलुप्त स्पीशीज : वे जन्तु
जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं। जैसे-डायनासोर।
(घ) वनस्पतिजात : किसी विशेष
क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह होता है।
प्राणिजात : किसी विशेष क्षेत्र
में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह होता है।
प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का
निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए –
(क) वन्यप्राणी (ख) पर्यावरण (ग) गाँव- (ग्रामीण क्षेत्र) (घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च) अगली पीढ़ी
उत्तर : वनोन्मलन का प्रभाव – (क) वन्यप्राणी : जंगली जानवर भोजन
और आवास के लिए जंगलों पर पूर्णतया निर्भर हैं। वनोन्मूलन से उनके
प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं, भोजन के लिए भी परेशान हो जाते
हैं। इस कारण उनके अस्तित्व पर खतरा बन
सकता है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।
(ख) पर्यावरण : वनोन्मूलन से
वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है जिससे प्रकृति में असंतुलन आ गया है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं
(बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
(ग) गाँव(ग्रामीण क्षेत्र) :
अधिकतर कृषि गाँव में होती है। वनोन्मूलन के कारण वर्षा तथा मिट्टी की उत्पादन क्षमता में कमी आ जायेगी तथा प्राकृतिक
आपदाएँ बढ़ेंगी,
जिससे
ग्रामीण जीवन काफी हद तक प्रभावित होगा।
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र): शहरों में
उद्योगों की संख्या अधिक है और वाहन भी बहुत मात्रा में चलते हैं, यदि वनोन्मूलन होगा तो कार्बनडाइऑक्साइड
की मात्रा वातावरण में बढ़ जाएगी तथा वायु प्रदूषण होगा,ऐसे में शहरी जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।
(ङ) पृथ्वी : वनोन्मूलन से विश्व
ऊष्णन का खतरा बढ़ जायेगा अर्थात् पृथ्वी का तापमान व प्रदुषण बढ़ जाएगा। वृक्षों की कमी होने से मृदा
अपरदन होता है। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है। धीरे-धीरे भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती
है।
(च) अगली पीढ़ी : वनोन्मूलन के
कारण दुर्लभ जंतु प्रजातियाँ एवं वनस्पति नष्ट हो जाती हैं, जिन्हें अगली पीढ़ी केवल चित्रों में ही देख सकती है।
अगली पीढ़ी को अनेक संसाधनों की कमी से भी जूझना पड़ेगा।
प्रश्न 4.
क्या होगा यदि – (क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए?
उत्तर : (क) यदि हम वृक्षों की कटाई करते रहे
तो उस क्षेत्र में वर्षा कम होगी, बाढ़ अधिक आएगी तथा आर्द्रता घटेगी। इससे उस क्षेत्र का भूमिगत
जल स्तर नीचे जाएगा।
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित होने
पर उनके अस्तित्व पर खतरा बढ़ेगा तथा वे संकटापन्न स्पीशीज में आ सकते हैं। आवास न होने से वे
शहरों व गाँवों की ओर आयेंगे जिससे मानव-जीवन भी प्रभावित होगा।
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित
होने पर नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देंगी तथा मृदा में ह्यूमस की कमी होगी। इस भूमि की उर्वरता
अपेक्षाकृत कम हो जाएगी। धीरे-धीरे यह उर्वरा भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। यह प्रक्रिया
मरुस्थलीकरण कहलाती है।
प्रश्न 5.
संक्षेप में
उत्तर दीजिए –
(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों
करना चाहिए?
(ख) संरक्षित वन
भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं,
क्यों?
(ग) कुछ आदिवासी
वन (जंगल) पर निर्भर होते हैं। कैसे?
(घ) वनोन्मूलन
के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा
पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से
आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:(क)जीवन के निर्वाह के लिए जैव विविधता आवश्यक है।यदि जैव विविधता संरक्षित नहीं होगी तो पृथ्वी पर जीवन चक्र प्रभावित हो जाएगा।सम्पूर्ण विश्व को खाद्य पदार्थ प्रदान करने के लिए जैव-विविधता का संरक्षण करना
चाहिए।
(ख) वनों के आस-पास के क्षेत्रों
में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं, इस कारण संरक्षित वन भी वन्य-जंतुओं के
लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं हैं।
(ग) कुछ आदिवासियों का
जीवन-निर्वाह वनों पर ही निर्भर होता है। जंगलों में कुछ आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं, जो कि भोजन व आवास के लिए वनों पर
निर्भर हैं। वनों के उत्पाद व लकड़ी बेचकर वे अपना जीवन-यापन करते हैं।
(घ) वनोन्मूलन के कारक – (1) कृषि भूमि के लिए
(2) पशुओं के अतिचारण के लिए
(3) घरों एवं कारखानों के निर्माण के
लिए।
(4) सड़कों और बांधों के निर्माण के लिए।
वनोन्मूलन के प्रभाव : वनोन्मूलन
के मुख्य दुष्प्रभाव निम्न हैं –
(1) अधिक बाढ़ आने का खतरा
(2) ऑक्सीजन/कार्बन डाइऑक्साइड के
अनुपात का असंतुलन
(3) भूस्खलन
(4) जलवायु परिवर्तन
(5) वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का
नष्ट होना या प्रवास करना
(6) स्थलीय जल में कमी
(7) भूमि की उर्वरता में कमी।
(ङ) रेड डाटा पुस्तक-इस पुस्तक में
सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा
पुस्तकें हैं।
(च) प्रवास-कुछ स्पीशीजों द्वारा
अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास
ज्यादातर पक्षियों में पाया जाता है। जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी
प्रत्येक वर्ष एक निश्चित समय में जलवायु परिवर्तन के कारण उड़कर जाते हैं। जलवायु
परिवर्तन के कारण उनका आवास उनके जीवन-यापन के लिए अनुकूल नहीं होता।
प्रश्न 6.
फैक्ट्रियों
एवं आवास की मांग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन
परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ?
इस पर चर्चा
कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर: नहीं। इन परियोजनाओं के लिए
वृक्षों की कटाई न्यायसंगत नहीं है। वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि-
· वृक्ष पर्याप्त मात्रा में वर्षा लाने तथा प्रकृति में जलचक्र बनाए रखने के
लिए आवश्यक हैं।
· वृक्ष बाढ़ को रोकने के लिए आवश्यक हैं।
· वृक्ष अत्यधिक उपजाऊ ऊपरी मृदा की अपरदन द्वारा हानि से बचाने के लिए आवश्यक
हैं।
· वृक्ष वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वन उनके प्राकृतिक आवास
को बनाये रखते हैं।
प्रश्न 7.
अपने स्थानीय
क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ?
अपने द्वारा की
जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर: अपने क्षेत्र में हरियाली बनाये
रखने के लिए उपाय –
·
वृक्षों को काटने पर अपने प्रयासों तथा सरकारी कानून की सहायता से रोकथाम
·
सड़क के दोनों ओर वृक्ष लगाना।
·
घरों के बाहर पौधे लगाना।
·
विशेष क्षेत्रों में उद्यान बनाना।
प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से
वर्षा दर किस प्रकार कम हुई ? समझाइए।
उत्तर : पेड़-पौधे पर्यावरण में जलचक्र
बनाये रखने के लिए मुख्य कारक हैं। यदि पोधे, मृदा से जल का शोषण नहीं करेंगे
और बादल बनाने के लिए अपनी पत्तियों से जल का वाष्पन भी नहीं करेंगे तो बादल नहीं
बनेंगे एवं वर्षा भी नहीं होगी।
प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर : छात्र अपने राज्य के राष्ट्रीय
उद्यानों के विषय में जानकारी प्राप्त कर भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाएँ।
राजस्थान के दो प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान के विषय में जानकारी छात्रों की सुविधा
हेतु दी जा रही है-
(1) घाना पक्षी
अभयारण्य : इसे केवला देव राष्ट्रीय उद्यान भी कहते हैं। यह भरतपुर के दक्षिण
पूर्व में स्थित है। यहाँ विदेशी प्रवासी पक्षी एवं 300 से अधिक जातियों के भारतीय पक्षी
पाये जाते हैं। सफेद सारस ठंड के मौसम में यहाँ आते हैं। स्थानीय पक्षी हंस, शुक-कोयल आदि भी यहाँ पाये जाते
हैं।
(2) रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान : यह
पार्क अरावली एवं विन्ध्य पर्वत श्रृंखला के मिलने के स्थान पर स्थित है। यह सवाई माधोपुर के पास ऐतिहासिक
दुर्ग रणथम्भौर के पास अत्यन्त विशाल क्षेत्र में फैला है। 1974 में यहाँ बाघों की गिरती संख्या को देखते
हुए उसकी रोकथाम हेतु बाघ परियोजना प्रारम्भ की गई। यहाँ चीतल, सांभर, नील गाय, जल पक्षी, चिन्कारा आदि पाए जाते हैं।
प्रश्न 10.
हमें कागज की
बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके
द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर: एक टन कागज प्राप्त करने के लिए
पूर्ण रूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। वृक्षों की बचत – के लिए कागज की बचत अत्यन्त आवश्यक
है। कागज की बचत हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं – हम कागज का पुन: उपयोग कर सकते
हैं तथा कागज का पुनः चक्रण 5-7 बार उपयोग हेतु किया जा सकता है।
यदि कोई छात्र दिन में मात्र 1 कागज की बचत करता है तो हम एक
वर्ष में अनेक वृक्ष बचा सकते हैं। इसके द्वारा हम न केवल वृक्षों को बचाएंगे
अपितु कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं।
इसी के साथ-साथ कागज उत्पादन के उपयोग में आने वाले हानिकारक रसायनों में कमी
आएगी।
प्रश्न 11.
दी गई शब्द
पहेली को पूरा कीजिए –
ऊपर से नीचे की
ओर –
1. विलुप्त
स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक
2 पौधों,
जंतुओं एवं
सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ
बाई से दाई ओर –
2. पृथ्वी का वह
भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं।
3. विलुप्त हुई स्पीशीज
4. एक विशिष्ट
आवास में पाई जाने वाली स्पीशीज
उत्तर:
बहुविकल्पीय प्रश्न- 8th Class Science 5-पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Important
Questions and Answers
प्रश्न 12. हमारी सरकार ने बाघों के संरक्षण के
लिए कौन-सी परियोजना प्रारम्भ की –
(अ) बाघ
परियोजना
(ब) उद्यान परियोजना
(स) संकटापन्न परियोजना
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर: (अ) बाघ परियोजना
प्रश्न 13. भारतीय विशाल गिलहरी का नाम है-
(अ) सिसोन (ब) विसन (स) किसोन (द) किसन।
उत्तर: (ब) विसन
प्रश्न 14. वह पुस्तक जिसमें सभी संकटापन्न
स्पीशीज़ का रिकार्ड रखा जाता है –
(अ) यलो डाटा बुक (ब) व्हाइट डाटा बुक (स) ब्लैक डाटा बुक. (द) रेड डाटा बुक।
उत्तर: (द) रेड डाटा बुक।
प्रश्न 15. भारत का प्रथम आरक्षित वन है –
(अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान (ब) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
(स) घाना पक्षी अभयारण्य (द) पंचमढ़ी उद्यान
उत्तर: (अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
प्रश्न 16. वनों को काटने से किस गैस की वायुमंडल
में वृद्धि हो जाती है-
(अ) ऑक्सीजन (ब) नाइट्रोजन (स) कार्बन डाइऑक्साइड (द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर: (स) कार्बन डाइऑक्साइड
प्रश्न 17.
रिक्त स्थान
पूर्ति
(i) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधों
को भोजन बनाने के लिए ……………. की आवश्यकता होती है।
(ii) ……………. के संरक्षण के
उद्देश्य से जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(iii) किसी विशेष
क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के …………… एवं जीव-जंतु …………. कहलाते हैं।
(iv) ………….. में सभी
संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है।
उत्तर: (i) कार्बन डाइऑक्साइड (ii) जैव विविधता (iii) वनस्पतिजात, प्राणिजात (iv) रेड डाटा पुस्तक।
प्रश्न 18.
सुमेलन
कॉलम ‘अ’
|
कॉलम ‘ख’
|
(i)
वह क्षेत्र
जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।
|
(क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
|
(ii)
वह क्षेत्र
जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस
क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है।
|
(ख) राष्ट्रीय उद्यान
|
(iii)
वह क्षेत्र
जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते
हैं।
|
(घ) वन्यजीव अभ्यारण्य
|
उत्तर:
कॉलम ‘अ’
|
कॉलम ‘ख’
|
(i) वह क्षेत्र जहाँ जंतु एवं उनके आवास
किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं।
|
(घ) वन्यजीव अभ्यारण्य
|
(ii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र
के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन किया जाता है।
|
(क) जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र
|
(iii) वह क्षेत्र जहाँ वन्य जंतु स्वतंत्र
रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
|
(ख) राष्ट्रीय उद्यान
|
प्रश्न 19.
सत्य / असत्य
कथन
(क) वनोन्मूलन से पृथ्वी पर ताप एवं प्रदूषण के स्तर
में वृद्धि होती है।
(ख) भूमि पर वृक्षों की कमी से मृदा अपरदन
नहीं होता।
(ग) जैव विविधता के संरक्षण के उद्देश्य
से जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।
(घ) एक जाति के सदस्यों में विभिन्न लक्षण
पाये जाते हैं।
उत्तर: (क) सत्य (ख) असत्य (ग) सत्य (घ) असत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 20. वनोन्मूलन के दो प्राकृतिक कारक
बताइये।
उत्तर: (1) दावानल (2) भीषण सूखा।
प्रश्न 21. ह्यूमस क्या है ?
उत्तर: मृदा में सड़े-गले कार्बनिक
पदार्थों से बना भुर-भुरे काले रंग का पदार्थ घूमस कहलाता है।
प्रश्न 22. राष्ट्रीय उद्यान से क्या तात्पर्य है
?
उत्तर: वन्य जन्तुओं के लिए आरक्षित
क्षेत्र जहाँ वे स्वतंत्र रूप से आवास एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर सकते
हैं,
राष्ट्रीय
उद्यान कहलाते हैं।
प्रश्न 23. भारत का पहला आरक्षित क्षेत्र कौन-सा है ?
उत्तर: सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
प्रश्न 24. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में किस
पेड़ की सर्वोत्तम किस्म मिलती है?
उत्तर: टीक (सागौन)।
प्रश्न 25. वनस्पतिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने
वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहलाते हैं।
प्रश्न 26. प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने
वाले जीव-जंतु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहलाते हैं।
प्रश्न 27. स्पीशीज की परिभाषा लिखो।
उत्तर: सजीवों की समष्टि का वह समूह है
जो एक दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं, स्पीशीज कहलाती हैं।
प्रश्न 28. अभयारण्य से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके
आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते हैं, अभयारण्य कहलाते हैं।
प्रश्न 29. संकटापन्न जंतु किसे कहते हैं।
उत्तर: वे जंतु जिनकी संख्या एक
निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं, संकटापन्न जन्तु कहलाते हैं।
प्रश्न 30. संकटापन्न जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर: (1) सुनहरी बिल्ली (2) काली बतख (3) सफेद आँख वाली बतख (4) गुलाबी सिर वाली बतखा
प्रश्न 31. किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर: डाइनासॉर।
प्रश्न 32. पारितंत्र की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंत, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे-
जलवायु,
मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर
बना तंत्र पारितंत्र (Ecosystem) कहलाता है।
प्रश्न 33. प्रवासी पक्षी से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: ऐसे पक्षी जो उड़कर सुदूर
क्षेत्रों तक लम्बी यात्रा करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 34. वनोन्मूलन के प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित कारक बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर: प्राकृतिक कारक-
(i)
दावानल (आग)
(ii) भीषण सूखा।
मानव-निर्मित कारक-
(i) कृषि के लिए भूमि प्राप्त करना
(ii) घरों एवं कारखानों का निर्माण
(iii) फर्नीचर बनाने में
(iv) लकड़ी का ईंधन के रूप में उपयोग।
प्रश्न 35. मरुस्थलीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: भूमि पर वृक्षों की कमी होने से
मृदा अपरदन अधिक होता है। मृदा की ऊपरी परत हटाने से नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई
देने लगती हैं। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा इसकी उर्वरता भी
अपेक्षाकृत कम होती है। धीरे-धीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है।
इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।
प्रश्न 36. वनोन्मूलन से वन्य प्राणी-जीवन भी प्रभावित होता है। कैसे ?
उत्तर: वनोन्मूलन के कारण वन्य प्राणियों
को उचित भोजन व आवास से सम्बन्धित समस्याओं से जूझना पड़ेगा। जिससे उनके अस्तित्व
पर संकट खड़ा हो सकता है तथा वे मानव निर्मित क्षेत्रों की ओर आयेंगे जिससे
सम्पूर्ण जीवन-चक्र प्रभावित हो सकता है।
प्रश्न 37. जैव विविधता को प्रभावित करने वाले
कारक बताइए।
उत्तर: जैव विविधता को प्रभावित करने
वाले कारक निम्नलिखित हैं
(1) विभिन्न कारणों से
जीवों को मारना या शिकार करना।
(2) चिकित्सकीय उपयोग के पेड़ों व
घासको काटना।
(3) भूमि के प्रयोग के लिए वनों को
जलाना।
(4) आवास के लिए वनों को काटना।
(5) सड़क मार्ग
बनाने के लिए वनों को काटना।
प्रश्न 38. विशेष क्षेत्री प्रजाति से क्या
तात्पर्य है ? समझाइए।
उत्तर: पौधे एवं जन्तुओं की वह स्पीशीज
जो किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट रूप से पाई जाती है, उसे विशेष क्षेत्री प्रजाति कहते
हैं। जैसे पंचमढ़ी जैवमण्डल आरक्षित क्षेत्र में साल और जंगली आम के पेड़ विशेष
क्षेत्री वनस्पति प्रजाति हैं। विशालकाय गिलहरी यहाँ की विशेष क्षेत्री जंतु
प्रजाति है।
प्रश्न 39. देश में बहुत से राष्ट्रीय उद्यान तथा
संरक्षित क्षेत्र बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: भारत में बहुत से राष्ट्रीय
उद्यान तथा संरक्षित क्षेत्र बनाने का उद्देश्य दुर्लभ प्रजातियों के वन्य
प्राणियों के जीवन भंडार को सुरक्षित रखना है, ताकि ये दुर्लभ प्राणी पृथ्वी से
पूरी तरह विलुप्त न हो जायें। इनका मुख्य उद्देश्य वन्य प्राणियों तथा उनके
प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करना है।
प्रश्न 40. जैव विविधता को कैसे संरक्षित किया जा
सकता है।
उत्तर:(1) लोगों को शिक्षित करके।
(2)
शिकार करने
पर रोक लगाकर।
(3) राष्ट्रीय पार्क तथा अभयारण्य की स्थापना
करके।
(4)
वन्य जीवन
अधिनियम,
1972 के
प्रावधानों को लागू करके।
(5)
आधुनिक जैव
तकनीकी अपनाकर,
जिससे
दुर्लभ और संकटापन्न जातियों को बचाया जा सके।
प्रश्न 41. वन्यप्राणी अभयारण्य से क्या तात्पर्य
है ? समझाइए।
उत्तर: ये कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ
वन्यप्राणी सुरक्षित रहते हैं। इन स्थानों पर जन्तुओं अथवा प्राणियों को मारना या
शिकार करना अथवा पकड़ना पूर्णत: निषिद्ध होता है तथा यहाँ पर संकटापन्न जन्तुओं को
सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाता है। जैसे-पंचमढ़ी वन्यप्राणी अभयारण्य में काले
हिरण,
हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, कच्छ मगरमच्छ, अजगर, गैंडा आदि संकटापन्न
वन्यप्राणियों को सुरक्षित एवं संरक्षित किया जाता है।
प्रश्न 42. पाँच राष्ट्रीय उद्यानों के नाम
लिखिए।
उत्तर: (1) कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान – उत्तराखण्ड।
(2) संजय राष्ट्रीय उद्यान – महाराष्ट्र।
(3) पेरियार राष्ट्रीय उद्यान – केरल।
(4) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – मध्य प्रदेश।
(5) वमुघाटा
राष्ट्रीय उद्यान –
कर्नाटक।
प्रश्न 43. जंतु चिड़ियाघर में अधिक आराम से हैं
अथवा प्राकृतिक आवास में। व्याख्या कीजिए।
उत्तर: चिड़ियाघर में लम्बे वृक्ष तथा
झाड़ियाँ अधिक उगायी जाती हैं, तालाबों एवं कृत्रिम झीलों की
संख्या भी अधिक होती है। फिर भी ये सुविधाएँ पूर्ण नहीं हैं। गर्मियों में जंतुओं
को ठंडक में रखने तथा ठंड में गर्म रखने का प्रबंध भी चिड़ियाघरों में किया जाता
है। परन्तु जंतु अपने प्राकृतिक आवासों में स्वच्छंद व खुश रह सकते हैं।
प्रश्न 44. बाघ परियोजना क्या है ? समझाइए। .
उत्तर-हमारी सरकार द्वारा बाघों
के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट-टाइगर अथवा बाघ परियोजना प्रारम्भ की गयी है। इसका
उद्देश्य अपने देश में बाघों की उत्तरजीविता एवं संवर्धन करना है। बाघ उन स्पीशीज
में से एक है जो धीरे-धीरे वनों से विलुप्त होते जा रहे हैं। इस परियोजना के तहत
बाघों को संरक्षित किया गया है। सतपुड़ा – आरक्षित क्षेत्र में इनकी वृद्धि
भी हुई है।
प्रश्न 45. पारितंत्र के निर्माण में कौन-कौन से घटक होते हैं? क्या छोटे प्राणी भी पारितंत्र को
प्रभावित कर सकते है।
उत्तर: पारितंत्र के निर्माण में प्राणी, पौधे एवं सूक्ष्म जीव जैविक घटक
के रूप में तथा अजैव घटक के रूप में जलवायु, भूमि , डेल्टा आदि सहयोग देते हैं।
पारितंत्र को छोटे-छोटे प्राणी भी प्रभावित करते हैं। जैसे – यदि हम मेंढक, छिपकली आदि को समाप्त कर दें, तो ये हमारे आहार जाल व आहार
श्रृंखला को प्रभावित करेंगे क्योंकि इन जीवों पर आश्रित रहने वाले अन्य सजीव भी
नष्ट हो जाएँगे जिससे पारितंत्र असंतुलित हो जाएगा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 46. वन्य जीवन का संरक्षण बहुत आवश्यक है।
क्यों ?
उत्तर: वन्य जीवन का संरक्षण प्रकृति में
जीन भंडार को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। अर्थात् इस पृथ्वी से जानवरों तथा
पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों को विलुप्त होने से रोकने के लिए आवश्यक है।
प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखने के लिए भी वन्य जीवन का संरक्षण आवश्यक
है,
उदाहरण के
लिए यदि हम वन में शेरों तथा बाघों जैसे माँसाहारी जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध
लगाकर उन्हें संरक्षित करते हैं तो वे हिरणों जैसे शाकाहारी जानवरों की संख्या पर
नियंत्रण रखेंगे जो वन के हरे पौधों को खाते हैं। इससे वन के पौधे अधिक हानि से
बचेंगे तथा पारिस्थितिक संतुलन बना रहेगा। आर्थिक दृष्टि से भी वन्य जीवन हमारे
लिए उपयोगी है। देशी-विदेशी पर्यटक हमारे देश में उन्हें देखने आते हैं. जिससे
बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। कुछ जंतु जैसे – पश्चिम बंगाल का एक सींग वाला
गैंडा,
शाही
बंगाली शेर आदि केवल भारत में ही पाए जाते हैं।
प्रश्न 47. भारत में वन्य जीवों की सुरक्षा व
बचाव की कौन-कौन-सी परियोजनाएँ हैं ?
उत्तर: भारत में कछ वन्य जीव परियोजनाएँ –
(1) बाघ
परियोजना : यह परियोजना केन्द्रीय सरकार द्वारा देश में आरक्षित बाघों को सुरक्षा
देने के लिए प्रारम्भ की गई। इसके अंतर्गत बाघ आश्रय
स्थल बनाए गए हैं।
(2) हिमालय
कस्तूरी मृग परियोजना : यह परियोजना कस्तूरी मृग को बचाने के लिए चलाई गई।
(3) घड़ियाल
प्रजनन परियोजना : यह परियोजना घड़ियाल की प्रजातियों को बचाने के लिए चलाई गई।
(4) मणिपुर मग
शृंगहिरन परियोजनाः यह परियोजना मणिपुर के मृग शृंगहिरनों के संरक्षण हेतु चलाई
गई।
(5) हाथी
परियोजना : भारत में हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए यह परियोजना चलाई गई।
(6) गैंडा
परियोजना : पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में गैंडों के संरक्षण के लिए यह परियोजना
शुरू की गई।
प्रश्न 48. कागज का पुनः चक्रण क्यों आवश्यक है?
उत्तर: कागज को वनों द्वारा प्राप्त किया
जाता है 1
टन कागज को
प्राप्त करने के लिए पूर्णरूप से विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है। इस कारण
से हमें कागज की बचत करनी चाहिए। उपयोग के लिए कागज का 5 से 7 बार तक पुनः चक्रण किया जा सकता है।
हमें कागज की बचत करनी चाहिए तथा इसका पुन: उपयोग एवं पुनः चक्रण करना चाहिए। इसके
द्वारा हम न केवल वृक्षा को बचाएँगे बल्कि कागज़ उत्पादन के प्रयोग में आने वाले
जल एवं ऊर्जा की बचत भी कर सकते हैं तथा कागज उत्पादन के लिये प्रयोग किये जाने
वाले हानिकारक रसायनों में भी कमी आएगी। कागज का पुनः चक्रण करने से वनोन्मूलन में
कमी आती है। कागज का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है इसके लिए पुनर्वनरोपण
आवश्यक है। पुनर्वनरोपण में काटे गए वक्षों की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से नए
वृक्षों का रोपण किया जाता है। रोपण वाले वृक्ष सामान्यतः उसी – स्पीशीज के होते हैं जो उस वन में
पाए जाते हैं। हमें कम से कम उतने वृक्ष तो अवश्य लगाने चाहिए जितने हम काटते हैं।
8th Class Science 5-पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण In Text Questions and
Answers
पहेली बूझो-
प्रश्न 1. राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल
संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का क्या उद्देश्य है?
उत्तर: राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजंतु अभयारण्यों एवं जैवमण्डल
संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का उद्देश्य उन जन्तुओं को संरक्षित करना है जिनकी संख्या कम
है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं।
प्रश्न 2.
वनोन्मूलन से
एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे संभव हो सकता है?
उत्तर: वनोन्मूलन के कारण पृथ्वी पर ताप
एवं प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है, जिसकी वजह से जलचक्र में परिवर्तन
होने से वर्षा में कमी आती है। दूसरी ओर वनोन्मूलन के कारण मिट्टी की जल को रोकने
की क्षमता भी अपेक्षाकृत कम हो जाती है, जिससे जलप्रवाह के कारण बाढ़ आती
है।
प्रश्न 3. मैंने सुना है कि कुछ विशेष क्षेत्री
स्पीशीज विलुप्त हो सकती हैं।क्या यह सच है ?
उत्तर; हाँ। बढ़ती हुई जनसंख्या तथा इनके
आवास (जंगलों के) नष्ट होने से नयी स्पीशीज के प्रवेश से विशेष क्षेत्री स्पीशीज
के प्राकृतिक आवास पर प्रभाव पड़ सकता है तथा इनके अस्तित्व को भी खतरा हो सकता
है।
प्रश्न 4. चिड़ियाघर और वन्यप्राणी अभयारण्य में
क्या अन्तर है?
उत्तर: चिड़ियाघर में कृत्रिम वातावरण
होता है तथा यहाँ जंतुओं का प्रदर्शन मनोरंजन के लिए होता है। किन्तु वन्य प्राणी
अभयारण्य का वातावरण प्राकृतिक होता है तथा यह विस्तृत जंगली भू-भाग पर फैला होता
है।
प्रश्न
5. क्या इस वन में
बाघ अभी भी पाए जाते हैं ? मुझे उम्मीद है कि मैं बाघ देख सकता
हूँ।
उत्तर: बाघ उन स्पीशीज में से एक हैं, जो धीरे-धीरे हमारे वनों से
विलुप्त होते जा रहे हैं परन्तु सतपुड़ा आरक्षित क्षेत्र में बाघों की संख्या में
वृद्धि हो रही है,
अत: यह
संरक्षण का अनूठा उदाहरण है।
प्रश्न 6.
क्या केवल बड़े
जन्तुओं को ही विलुप्त होने का खतरा है ?
उत्तर: केवल बड़े जन्तुओं को ही विलुप्त
होने का खतरा नहीं है, बल्कि छोटे प्राणियों के विलुप्त होने की संभावना अधिक है। अक्सर हम साँप, मेंढक, छिपकली, चमगादड़ तथा उल्लू इत्यादि को
निर्दयता से मार डालते हैं और पारितंत्र में उनके महत्व के विषय में सोचते भी नहीं
हैं। उनको मारकर हम स्वयं को हानि पहुंचा रहे हैं। यद्यपि ये आकार में छोटे हैं
परन्तु पारितंत्र में उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। वे आहार जाल एवं
आहार श्रृंखला के भाग हैं।
प्रश्न 7.
क्या ‘संकटापन्न’
स्पीशीज का भी
कोई रिकार्ड रखा जाता है?
उत्तर: हाँ। रेड डाटा बुक ऐसी पुस्तक है
जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकार्ड रखा जाता है। पौधे, जन्तुओं और अन्य स्पीशीज के लिए
विभिन्न रेड डाटा पुस्तकें हैं।
प्रश्न 8.
क्या होगा जब
हमारे पास लकड़ी ही नहीं बचेगी ? क्या लकड़ी का कोई विकल्प उपलब्ध है ?
मैं जानता हूँ
कि कागज एक महत्त्वपूर्ण उत्पाद है जो हमें वनों से प्राप्त होता है। मुझे आश्चर्य
है यदि कागज का कोई और विकल्प उपलब्ध हो।
उत्तर: लकड़ी के न होने से हमें ईंधन, भोजन और आवास की समस्या होगी।
कागज व लकड़ी का कोई विकल्प नहीं है। हाँ, हम कागज को पुननिर्माण प्रक्रिया
से दोबारा प्राप्त कर सकते हैं। यदि प्रत्येक छात्र प्रतिदिन एक कागज बचाये तो
वर्ष में हजारों पेड़ बचाये जा सकते हैं।
प्रश्न 9.
क्या वनोन्मूलन
का कोई स्थायी हल है ?
उत्तर: पुनर्वनारोपण। इसका तात्पर्य काटे गये वृक्षों की कमी को पूरा करने के
उद्देश्य से नये वृक्षों का रोपण करना है।
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