Chapter : 2 " सजीव जगत में विविधता" कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा"
" सजीव जगत में विविधता" कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा" का दूसरा अध्याय है।
नीचे इस अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं, जो पाठ्य पुस्तक और सामान्य शिक्षण पैटर्न
पर आधारित हैं।
कक्षा
6 विज्ञान – अध्याय 2: सजीव जगत में विविधता अभ्यास प्रश्न उत्तर
(Exercise
Questions)
प्रश्न 1. यहां दो प्रकार के बीज दिए गए है।
आप इनके पौधों की जड़ों और पत्तियों के बीच के शिरा विन्यास की में क्या अंतर पाते
है ?
उत्तर: (क) गेहूं- गेहूं एक बीजपत्री बीज है । इसलिए इसकी रेशेदार जड़े अथवा झकड़ा जड़े हैं तथा इसकी पत्तियों
में समानांतर शिरा विन्यास
होता है।
(ख) राजमा- राजमा एक द्विबीजपत्री बीज है । इसलिए इनकी जड़े मूसला जड़े हैं तथा इसकी पत्तियों में
जालिकारूपी शिरा विन्यास होता है ।
प्रश्न 2. नीचे कुछ जानवरों के नाम दिए
गए हैं, उनके आवास के आधार पर समूह बनाएँ।
चिन्हांकित खंड ‘क’ में जलीय जानवरों के नाम लिखें और चिन्हांकित खंड ‘ख’ में थलीय जानवरों के नाम लिखें।
चिन्हांकित खंड ‘ग’ में
दोनों आवासों में रहने वाले जानवरों के नाम लिखें।
घोड़ा, डॉल्फिन, मेंढक,
भेड़, मगरमच्छ, गिलहरी,
व्हेल, केंचुआ, कबूतर,
कछुआ।
उत्तर: आवासों के
आधार पर जीव जंतुओं के समूह इस प्रकार से है-
खंड ‘क’
: जलीय जंतु- डॉल्फिन, व्हेल
खंड ‘ख’
: थलीय जंतु- घोड़ा, भेड़, गिलहरी, केंचुआ, कबूतर
खंड ‘ग’
: दोनों आवासों में रहने
वाले जंतु- मेंढक, मगरमच्छ, कछुआ।
प्रश्न 3. मनु की माँ के पास एक शाक वाटिका(किचन गार्डन) है। एक दिन वह मिट्टी से मूली खोद रही थी। उसने
मनु से कहा कि मूली एक प्रकार की जड़ है। एक मूली को ध्यान से देखें और लिखें कि यह किस प्रकार की जड़
है। मूली के पौधे की पत्तियों में आपको किस प्रकार
की व्यवस्था दिखाई देगी?
उत्तर: मूली एक मूसला जड़ होती है जो नीचे की ओर बढ़ती है और इसकी शाखाएँ या सहायक जड़ें होती हैं।
मूली के पौधे की पत्तियों में जालिकारूपी शिरा विन्यास होता है ।
प्रश्न 4. नीचे दिए गए चित्रों में पर्वतीय(पहाड़ी) बकरी और मैदानों (खेतों) में पाई जाने वाली बकरी को देखिए।
उनके बीच समानताएँ
और अंतर बताएँ। साथ ही यह भी बताएँ कि इन अंतरों के क्या कारण है।
उत्तर: (क) : समानताएँ-
1. दोनों ही बकरियाँ एक ही प्रजाति से संबंधित होती हैं।
2. दोनों घास, पत्तियाँ और अन्य वनस्पति खाती हैं।
3. दोनों
दूध और मांस के लिए उपयोग की जाती हैं।
4. दोनों
बकरियां में सींग और खुर होते हैं।
(ख)
: अंतर-
पर्वतीय बकरी |
मैदानी बकरी |
1.ठंड
से बचने के लिए इनके लंबे एवं मोटे बाल होते हैं |
1.मैदानों के गर्म वातावरण से बचने के लिए इनके
बाल छोटे होते हैं |
2. इनके
कठोर, मजबूत खुर होते हैं, जो
चट्टानों पर पकड़ बनाने में सक्षम होते हैं। |
2. इनके नरम खुर होते हैं, जो समतल जमीन के लिए उपयुक्त होते हैं। |
3.ये ऊँचाई, ठंड,
और कम ऑक्सीजन वाले वातावरण के लिए अनुकूलित होती हैं। |
3.ये गर्म, समतल,
और नम वातावरण के लिए अनुकूलित होती हैं। |
4.ये चट्टानों पर चढ़ने और कूदने में
अत्यधिक कुशल होती हैं। |
4.ये समतल जमीन पर तेज दौड़ने में सक्षम होती
हैं। |
पर्वतीय बकरी तथा
मैदानों में पाई जाने वाली बकरी में अंतर के कारण :-
इन दोनों प्रकार की बकरियां में अंतर उनके परिवेश (आवास) की जलवायु के कारण होते हैं। पर्वतीय बकरी ठंडी
जलवायु में जबकि मैदानों में पाई जाने वाले बकरी कम ठंडी जलवायु में रहती है।
प्रश्न 5. पाठ में चर्चा की गई विशेषताओं के अतिरिक्त किसी अन्य विशेषता के आधार पर निम्नलिखित
जन्तुओं(जानवरों) के दो समूह बनाएँ- गाय , तिलचट्टा (कॉकरोच),कबूतर, चमगादड़, व्हेल, कछुआ, मछली,
टिड़्डा, छिपकली।
उत्तर: प्रजनन
विधि के आधार पर जानवरों को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:
समूह 1: अंडज (Oviparous): जो जानवर अंडे देते हैं, और भ्रूण का विकास अंडे के बाहर होता है। जैसे-
तिलचट्टा (कॉकरोच),कबूतर,कछुआ, मछली,टिड्डा, छिपकली।
समूह 2: जरायुज (Viviparous): जो जानवर सीधे शिशु को जन्म देते हैं, और भ्रूण का विकास माता के शरीर के
अंदर होता है। जैसे-गाय,चमगादड़,व्हेल।
प्रश्न 6. जनसंख्या के बढ़ने और मनुष्य द्वारा अधिक सुविधाजनक जीवन की चाह में विभिन्न ज़रूरतों की पूर्ति के
लिए वनों की कटाई की जा रही है। यह हमारे आस पास के परिवेश को कैसे प्रभावित कर सकता है ? आपके
विचार से हम इस चुनौती का निदान कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर: वनों की कटाई (Deforestation) जनसंख्या वृद्धि और मनुष्य की सुविधाजनक जीवन की चाह के कारण
तेजी से हो रही है, जिसका हमारे पर्यावरण, समाज और जैव विविधता पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। नीचे इसके
प्रभाव और समाधान के लिए विचार
दिए गए हैं:
वनों की कटाई के
प्रभाव:
1.जैव विविधता का ह्रास
2.जलवायु परिवर्तन
3.मिट्टी का कटाव और उर्वरता में कमी
4.जल संसाधनों पर प्रभाव
5.मानव स्वास्थ्य और आजीविका पर प्रभाव
इस चुनौती का निदान :- वनों की कटाई को रोकने और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए निम्नलिखित उपाय
किए जा सकते हैं :-
1.बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएँ, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ वन नष्ट हो चुके हैं।
2.स्थानीय
प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएँ, जो पर्यावरण के लिए अधिक
अनुकूल हों।
3.वनों
का उपयोग कृषि, उद्योग, और बुनियादी
ढांचे के लिए नियंत्रित ढंग से हो।
4.अवैध
वनों की कटाई पर सख्त कानून लागू किए जाएँ और उनका पालन सुनिश्चित हो।
5.वन
क्षेत्रों को संरक्षित क्षेत्र (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य)
घोषित करना।
6.नवीकरणीय
ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) को अपनाकर लकड़ी पर निर्भरता कम
करना।
7.स्कूलों, समुदायों, और मीडिया के माध्यम से वनों के महत्व और कटाई के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता
फैलाना।
8.स्थानीय
समुदायों को वन संरक्षण में शामिल करना और उन्हें प्रोत्साहन देना।
प्रश्न 7.फ्लो चार्ट का विश्लेषण करें। इसमें
‘क’ और ‘ख’ के कौन-कौन से उदाहरण हो सकते हैं?
उत्तर: (क) :- जालिकारूपी शिरा विन्यास वाले पौधे – आम, नीम, गुलाब, पीपल, अमरूद, और तुलसी आदि।
(ख)
:- समांतर शिरा विन्यास
वाले पौधे :- गेहूँ, चावल, केला, मक्का ,प्याज और घास आदि।
प्रश्न 8. राज अपने मित्र संजय से तर्क करता है, “गुड़हल का पौधा एक झाड़ी है।” संजय इसके स्पष्टीकरण के लिए
कौन से प्रश्न पूछ सकता है?
उत्तर: संजय राज
से गुड़हल के पौधे को झाड़ी कहने के तर्क को समझने के लिए निम्नलिखित प्रश्न पूछ
सकता है :
1. तुम्हारे
अनुसार झाड़ी क्या होती है ?
(यह जानने के लिए कि राज झाड़ी की परिभाषा
क्या समझता है।)
उत्तर: ऐसे मध्यम ऊँचाई के पौधे जिनमें एक समान कई तने जमीन से निकल कर झाड़ बनाते हैं।
2. गुड़हल
के पौधे की कौन-कौन सी विशेषताएँ झाड़ी की तरह हैं ?
(पौधे की बनावट, आकार, ऊँचाई आदि की
जानकारी के लिए।)
उत्तर: ये पौधे
मध्यम ऊँचाई के होते हैं।
3. गुड़हल
झाड़ी है या पेड़? इसका कारण क्या है ?
(इससे यह पता चलेगा कि राज झाड़ी और पेड़ में
क्या अंतर मानता है।)
उत्तर: गुड़हल झाड़ी है, गुड़हल में कोई एक मुख्य तना नहीं होता है। अनेक तने एक ही स्थान जमीन के निकट से
निकलते दिखाई देते हैं। पेड़ में एक मुख्य तना होता है।
4. क्या
गुड़हल का पौधा उगने का तरीका झाड़ियों जैसा होता है ?
(जड़ प्रणाली, शाखाओं का फैलाव आदि पर विचार करने के
लिए।)
उत्तर: हां, गुड़हल (Hibiscus) के पौधे का उगने का तरीका झाड़ियों (bushes/shrubs)
जैसा ही होता है। गुड़हल का पौधा आमतौर पर एक प्रकार की
गहरे फैलने वाली मजबूत जड़
प्रणाली विकसित करता है। गुड़हल का पौधा काफी घना और फैलावदार नजर आता है।
5. क्या
गुड़हल के पौधे की शाखाएँ जमीन के बहुत पास या नीचे से निकलती हैं ?
(कई झाड़ियों की
शाखाएँ जमीन के पास से निकलती हैं, यह जानने के लिए।)
उत्तर: हां, गुड़हल के पौधे की शाखाएँ जमीन के बहुत पास या नीचे से निकलती हैं।
इन प्रश्नों से संजय को राज का तर्क बेहतर समझ में आएगा और वह अपनी बात सही ढंग से प्रस्तुत कर सकेगा।
प्रश्न 9. तालिका में कुछ आँकडे दिए गए है। आँकडों के समूह के आधार पर इन पौधों के उदाहरण का पता
लगाइए।
समूह |
बीज़ का
प्रकार |
जड़ का
प्रकार |
उदाहरण |
क |
द्विबीजपत्री |
मूसला जड़ |
|
ख |
एक बीजपत्री |
झकड़ा जड़ |
|
(I) समूह ‘क’ के पौधों में और क्या समानताएं हैं ?
(ii) समूह ‘ख’ के पौधों में और क्या समानताएं हैं ?
उत्तर:
समूह |
बीज़ का प्रकार |
जड़ का प्रकार |
उदाहरण |
क |
द्विबीजपत्री |
मूसला जड़ |
चना, मटर, सरसों |
ख |
एक बीजपत्री |
झकड़ा जड़ |
गेहूं,
मक्का, चावल |
(I) समूह ‘क’ के पौधों की पत्तियों में जालिकारूपी
शिरा विन्यास होता है
।
(II) समूह ‘ख’ के पौधों की पत्तियों में समानांतर शिरा विन्यास
होता है।
प्रश्न 10. नीचे दिए गए चित्र में बत्तख के नामांकित भाग को देखें । क्या आपको बत्तख के पंजों में अन्य पक्षियों की
तुलना में कोई अंतर नज़र आता है ? बत्तख अपने शरीर के इस भाग का उपयोग करके कौन-सी गतिविधि करने
में सक्षम होगी ?
उत्तर: बत्तख के पंजे झिल्लीयुक्त होते हैं जबकि कबूतर जैसे अपने पक्षियों के पंजे झिल्लीयुक्त नहीं होते है। पंजों
का उपयोग करके बत्तख
निम्नलिखित गतिविधियां करने में सक्षम होगी-
(i) पानी में तैरना।
(ii) गीले एवं कीचड़ भरी सतह पर चलना।
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