Sunday, November 12, 2023

Chapter 9- विद्युत तथा परिपथ 6th Class Science

Chapter-9 विद्युत तथा परिपथ Class 6 Science Notes in Hindi

हम विद्युत का प्रयोग अपने अनेक कार्यों को आसान करने के लिए करते है।
विद्युत से अनेक घरेलू यंत्रों को चलाया जाता है। विद्युत का प्रयोग प्रकाश तथा गर्मी उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।


विद्युत सेल विद्युत का स्रोत है। विद्युत सेल का उपयोग रेडियो, टॉर्च, कैमरा, घड़ी, अलार्म, खिलौनों आदि में किया जाता है।
विद्युत सेल में दो टर्मिनल होते हैं- एक धन टर्मिनल (+) तथा एक ऋण टर्मिनल (-)।
विद्युत सेल में भरे गए रासायनिक पदार्थों से सेल विद्युत उत्पन्न करता है।
विद्युत बल्ब सेल की रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा में बदलता है।
विद्युत बल्ब में एक फिलामेंट होता है जो इसके टर्मिनलों से जुड़ा होता है।
बल्य केवल तभी दीप्त होता है जब परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
स्विच एक सरल युक्ति है जो परिपथ को जोड़ या काट सकती है। घरों में स्विच का उपयोग बल्ब को दीप्तमान करने तथा अन्य युक्तियों को चलाने के लिए किया जाता है।
ऐसे पदार्थ जो विद्युत धारा का प्रवाह होने देते हैं, विद्युत के सुचालक कहलाते हैं।
ऐसे पदार्थ जो विद्युत धारा का प्रवाह नहीं होने देते हैं,विद्युत अवरोधक या कुचालक कहलाते हैं।
विद्युत चालक तथा विद्युत रोधक हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।स्विच,विद्युत प्लग, सॉकेट सुचालक पदाथों से बनाए जाते हैं तथा इनके कवर कुचालक पदार्थों से बनाए जाते हैं।
बल्य एक गोलाकार काँच का बना खोखला गोला जिसमें फिलामेण्ट लगा होता है और इसमें विद्युत प्रवाहित करने पर प्रकाश उत्पन्न करता है।
विद्युत सेल यह एक युक्ति है जिससे रासायनिक पदार्थ से विद्युत प्राप्त होती है।
टर्मिनल सेल या किसी अन्य विद्युत युक्ति के दो स्वतंत्र छोर टर्मिनल कहलाते हैं। इन्हें धन (+) तथा ऋण (-) टर्मिनल कहते हैं।
तन्तु विद्युत बल्ब के अन्दर लगी तार की पतली स्प्रिंग जो विद्युत प्रवाहित करने पर चमकती है, तन्तु या फिलामेंट कहलाती है।
विद्युत-परिपथ विद्युत परिपथ, विद्युत सेल के दोनों टर्मिनलों से लेकर विद्युत ऊर्जा खपत युक्ति तक के सम्पर्क को बताने वाला पथ है।
स्विच यह एक सरल युक्ति है जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारम्भ करने के लिए परिपथ को जोड़ता है अथवा काटता है।
विद्युत-चालक ऐसे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है, विद्युत चालक कहलाते हैं।
विद्युत-रोधक ऐसे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत धारा प्रवाहित नहीं हो सकती, विद्युत रोधक कहलाते हैं।
 6th Class Science 9-विद्युत तथा परिपथ In Text Questions and Answers

बूझो/पहेली

प्रश्न 1.पहेली के पास बल्ब तथा सेल जोड़ने की दूसरी व्यवस्था है। क्या इस व्यवस्था में बल्ब जलेगा?
                    
उत्तर: नहीं, बल्ब फ्यूज होगा तो नहीं जलेगा क्योंकि फ्यूज बल्ब के तन्तु से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होगी।

प्रश्न 2. बूझो ने चित्र (A) के अनुसार टॉर्च के आन्तरिक आरेख को चित्रित किया है। जब हम स्विच को 

ऑन करते हैं तो परिपथ पूरा होता है तथा बल्ब दीप्तमान होता है। क्या आप चित्र में बिन्दुकित 

विद्युत् आरेख खींचकर पूरे परिपथ को इंगित कर सकते हैं?

उत्तर: बिंदुकित रेखा से परिपथ इंगित है।
                                    

                                 चित्र (A): टॉर्च का आन्तरिक आरेख

        6th Class Science 9-विद्युत तथा परिपथ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(
क) एक युक्ति जो परिपथ को तोड़ने के लिए उपयोग की जाती है, …………. कहलाती है।
(
ख) एक विद्युत-सेल में ………… टर्मिनल होते हैं।
उत्तर: (क) स्विच  (ख) दो।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर सहीया गलतका चिन्ह लगाइए
(
क) विद्युत-धारा धातुओं से होकर प्रवाहित हो सकती है।
(
ख) विद्युत-परिपथ बनाने के लिए धातु के तारों के स्थान पर जूट की डोरी प्रयुक्त की जा सकती है।
(
ग) विद्युत-धारा थर्मोकोल की शीट से होकर प्रवाहित हो सकती है।

उत्तर: (क) सही (ख) गलत (ग) गलत।

प्रश्न 3. व्याख्या कीजिए कि निम्न चित्र 9.13 में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब क्यों नहीं दीप्तिमान होता है?
                                    

उत्तर: बल्ब इसलिए दीप्तिमान नहीं होता क्योंकि बीच में एक विद्युत रोधक उपस्थित है। (पेंचकस 

का प्लास्टिक का बना हत्था) जिससे परिपथ पूरा नहीं होता।

प्रश्न 4. निम्न चित्र (9.14) में दर्शाए गये आरेख को पूरा कीजिए और बताइए कि बल्ब को दीप्तिमान 

करने के लिए तारों के स्वतन्त्र सिरों को किस प्रकार जोड़ना चाहिए?
                                 
उत्तर: स्विच के एक स्वतन्त्र तार को बल्ब की नोंक से तथा एक स्वतंत्र तार को सेल की टोपी से 

जोड़ना चाहिए।

                                           

प्रश्न 5. विद्युत-स्विच को उपयोग करने का क्या प्रयोजन है? कुछ विद्युत-साधित्रों के नाम बताइए 

जिनमें स्विच उनके अन्दर ही निर्मित होते हैं।

उत्तर: 1. विद्युत स्विच एक सरल युक्ति है जो विद्युत धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारम्भ करने के 

लिए परिपथ को तोड़ता अथवा पूरा करता है।

2. कुछ विद्युत साधित्र जिनके स्विच उनके अन्दर ही निर्मित होते हैं-माइक्रोवेव ऑवेन, स्वचालित 

लौह इस्तरी, पेटीज मेकर, टोस्टर, फ्रिज आदि।

प्रश्न 6. चित्र (9.14) में सुरक्षा पिन की जगह यदि रबड़ लगा दें तो क्या बल्ब दीप्तिमान होगा?

                                  
उत्तर: नहीं, क्योंकि रबड़ एक विद्युत रोधक वस्तु है।

प्रश्न 7. क्या चित्र (9.15) में दिखाए गये परिपथ में बल्ब दीप्तिमान होगा?
                            

उत्तर: नहीं क्योंकि परिपथ पूरा नहीं है।

प्रश्न 8. किसी वस्तु के साथ चालक-परीक्षित्रका उपयोग करके यह देखा गया कि बल्ब दीप्तिमान 

होता है। क्या इस वस्तु का पदार्थ विद्युत-चालक है या विद्युतरोधक? व्याख्या कीजिए।

उत्तर: वस्तु का पदार्थ विद्यत चालक है क्योंकि विद्युत केवल विद्युत-चालक में से प्रवाहित हो सकती 

है न कि विद्युत रोधक पदार्थ में से। बल्ब तभी दीप्तमान होगा जब वह पदार्थ विद्युत चालक हो।

प्रश्न 9. आपके घर में स्विच की मरम्मत करते समय विद्युत मिस्त्री रबड़ के दस्ताने क्यों पहनता है?

उत्तर: विद्युत मिस्त्री रबड़ के दस्ताने इसलिए पहनते हैं क्योंकि रबड़ विद्युत रोधक होता है। ये 

मिस्त्री को विद्युत को छूने पर लगने वाले झटके से बचाते हैं।

प्रश्न 10. विद्युत मिस्त्री द्वारा उपयोग किये जाने वाले औजार, जैसे-पेचकस और प्लायर्स के हत्थों पर 

प्रायः प्लास्टिक या रबड़ के आवरण चढ़े होते हैं। क्या आप इसका कारण समझा सकते हैं ?

उत्तर: रबड़ तथा प्लास्टिक दोनों ही विद्युत रोधक पदार्थ हैं। ये विद्युत झटकों से पकड़ने वाले को 

बचाते हैं। इसलिए पेचकस और प्लायर्स के हत्थों पर प्रायः प्लास्टिक या रबड़ के आवरण चढ़े होते हैं।

       6th Class Science 9-विद्युत तथा परिपथ Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. बहुविकल्पी प्रश्न : निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1. विद्युत सेल का उपयोग किया जा सकता है-

(क) टार्च में (ख) अलार्म घड़ी में (ग) रेडियो में (घ) इन सभी में

उत्तर: (घ) इन सभी में

प्रश्न 2. विद्युत सेल में संचित किए जाते हैं

(क) रासायनिक पदार्थ (ख) जैविक पदार्थ (ग) धातुएँ (घ) सक्रियक

उत्तर: (क) रासायनिक पदार्थ

प्रश्न 3. विद्युत बल्ब में चमकने वाली महीन स्प्रिंग जैसी रचना कहलाती है

(क) तंतु (ख) टर्मिनल (ग) टोपी (घ) धातु

उत्तर: (क) तंतु

प्रश्न 4. विद्युत परिपथ में धारा की दिशा होती है

(क) ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर

(ख) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर

(ग) कभी धन टर्मिनल की ओर कभी ऋण टर्मिनल की ओर

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (ख) धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर

II. रिक्त स्थान : 

प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. …………………. विद्युत का स्रोत है।
2. ………………….
प्रवाहित होने पर विद्युत बल्ब दीप्त होने लगता
3.
हम …………………. का उपयोग कुँए से प्राप्त जल को बाहर निकालने में करते हैं।
4.
थर्मोकोल एक …………………. है।

उत्तर: 1. विद्युत सेल 2. विद्युत धारा 3. विद्युत 4. विद्युत रोधक

III. सुमेलन : 

प्रश्न 6. कॉलम ‘A’ के शब्दों का मिलान कॉलम ‘B’ के शब्दों से कीजिए-

कॉलम ‘A’

कॉलम ‘B’

1. विद्युत चालक

(a) रासायनिक पदार्थों से विद्युत उत्पन्न करता है।

2. विद्युत रोधक

(b) यह सेल के अन्दर उत्पन्न होती है।

3. विद्युत सेल

(c) थर्मोकोल और वायु

4. बल्ब

(d) हमारा शरीर

5. विद्युत धारा

(e) विद्युत प्रवाहित करने पर यह प्रकाश उत्पन्न करता है।

उत्तर:

कॉलम ‘A’

कॉलम ‘B’

1. विद्युत चालक

(d) हमारा शरीर

2. विद्युत रोधक

(c) थर्मोकोल और वायु

3. विद्युत सेल

(a) रासायनिक पदार्थों से विद्युत उत्पन्न करता है।

4. बल्ब

(e) विद्युत प्रवाहित करने पर यह प्रकाश उत्पन्न करता है।

5. विद्युत धारा

(b) यह सेल के अन्दर उत्पन्न होती है।

IV. सत्य/असत्य : 

प्रश्न 7. निम्नलिखित वाक्यों में सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए-

(i) विद्युत सेल में धातु की टोपी (+) सिरा तथा धातु की डिस्क (-) सिरा कहलाती हैं।
(ii)
विद्युत बल्ब में भी दो टर्मिनल होते हैं।
(iii)
कोई बल्ब तभी दीप्त होता है जब परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती हैं।
(iv)
बल्ब में तंतु का खंडित होना बल्ब का फ्यूज होना कहलाता हैं।

उत्तर: 1. सत्य 2. सत्य, 3. सत्य 4. सत्य।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. विद्युत सेल में कितने टर्मिनल होते हैं?
उत्तर: दो टर्मिनल धन (+) तथा ऋण (-) होते हैं।

प्रश्न 2. विद्युत सेल के दोनों टर्मिनलों के तारों को आपस में क्यों नहीं मिलाना चाहिए?
उत्तर: दोनों टर्मिनलों के तारों को मिलाने से उसके रासायनिक पदार्थ खत्म हो जाते हैं।

प्रश्न 3. विद्युत सेल के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर: 1. टॉर्च में प्रकाश उत्पन्न करने के लिए।  2. सेल घड़ी को चलाने के लिए।

प्रश्न 4. विद्युत बल्ब का चमकने वाला भाग क्या कहलाता है?
उत्तर: तन्तु या फिलामेंट।

प्रश्न 5. विद्युत तार पर रबड़ या प्लास्टिक का आवरण क्यों चढ़ा रहता हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर: अनावरित दोनों तारों के सम्पर्क में आने पर परिपथ भंग हो जाने से बचाने के लिए। इसके अतिरिक्त अधिक वोल्टेज वाले नग्न तार को छू जाने पर विद्युत आघात लगता है।

प्रश्न 6. विद्युत बल्ब के दो टर्मिनलों को विद्युत सेल के दोनों टर्मिनलों से किस प्रकार जोड़ा जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर: विद्युत बल्ब का धन टर्मिनल सेल के धन टर्मिनल सेल से तथा बल्ब का ऋण टर्मिनल सेल के ऋण टर्मिनल से।

प्रश्न 7. परिपथ में धारा किस प्रकार प्रवाहित होने लगती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर: जब विद्युत बल्ब के दोनों टर्मिनलों को विद्युत सेल के दोनों टर्मिनलों से सही क्रम में और भली प्रकार जोड़ा जाता है।

प्रश्न 8. विद्युत चालक क्या है?
उत्तर: वह पदार्थ जिससे विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है, विद्युत चालक कहलाता है।

प्रश्न 9. विद्युत सेल में विद्युत कहाँ से आती है?
उत्तर: विद्युत सेल में उपस्थित रासायनिक पदार्थ से विद्युत बनती है।

प्रश्न 10. हमारा शरीर विद्युत का सुचालक है अथवा कुचालक ?
उत्तर: सुचालक है।

प्रश्न 11. निम्नलिखित में से विद्युत चालक पदार्थ छाँटिए- प्लास्टिक का पेन, स्टील की चम्मच, कागज, लकड़ी, लोहे का चिमटा।
उत्तर: विद्युत चालक- स्टील की चम्मच, लोहे का चिमटा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. टार्च के बल्ब का आरेख बनाइए। इसमें दो टर्मिनल क्यों होते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
                         

क्रियाशील परिपथ तैयार करने के लिए बल्ब के दोनों टर्मिनलों को सेल के दोनों टर्मिनलों से जोड़ा जाता है।

प्रश्न 2. निम्न चित्रों में विद्युत सेल तथा विद्युत बल्ब को जोड़ने की विभिन्न व्यवस्थाएँ दर्शायी गई हैं। कौन-सी व्यवस्थाओं में बल्य दीप्त हैं और क्यों? (क्रियाकलाप)
                         
उत्तर: उपरोक्त व्यवस्था में बल्ब a तथा f दीप्त है। अन्य बल्ब दीप्त नहीं होते हैं। दीप्त बल्बों के टर्मिनल सेल के टर्मिनलों से सही ढंग से जोड़े गये हैं।
व्यवस्था b तथा c में परिपथ पूर्ण नहीं है। व्यवस्था व तथा C में बल्ब के दोनों टर्मिनलों को सेल के एक ही टर्मिनल से जोड़ा गया है। इसलिए ये बल्ब दीप्त नहीं होते हैं।

प्रश्न 3. घर में आप एक विद्युत बल्ब, एक तार एवं एक सेल से टॉर्च किस प्रकार तैयार करेंगे?(क्रियाकलाप)
उत्तर: एक टॉर्च बल्ब तथा तार का एक टुकड़ा लीजिए। पहले की तरह तार के दोनों सिरों से प्लास्टिक आवरण हटाइए। चित्र में दर्शाए अनुसार तार के एक सिरे को बल्ब के धातु के ढाँचे के चारों ओर लपेटिए। तार के दूसरे सिरे को रबड़ बैंड की सहायता से विद्युत सेल के ऋणात्मक टर्मिनल से जोड़िए। अब बल्ब के आधार की नोंक अर्थात इसके टर्मिनल को विद्युत सेल के धनात्मक टर्मिनल पर रखिए।
                 
                    घर में तैयार टॉर्च

प्रश्न 4. आपके द्वारा तैयार किये गये एक स्विच का चित्र बनाकर उसके दो कार्य लिखिए।

उत्तर: यह विद्युत धारा को परिपथ में प्रवाहित होने देता है।

      यह परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को रोकता है।

                                      
प्रश्न 5. स्विच सहित विद्युत परिपथ का चित्र बनाइए (क्रियाकलाप)
उत्तर:
         

  
प्रश्न 6. निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण लिखिए-

(i) विद्युत-सुचालक         (ii) विद्युत रोधक।
उत्तर: (i) विद्युत-सुचालक ताँबा, एल्युमिनियम।
(ii)
विद्युत रोधक-प्लास्टिक, रबड़।

प्रश्न 7. विद्युत धारा का प्रयोग करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ?
उत्तर: 1.विद्युत परिपथ के खुले तारों को कदापि नहीं छूना चाहिए।

2. विद्युत परिपथ की मरम्मत सदैव प्लास्टिक के हत्थे लगे औजारों से ही करनी चाहिए।

3. सदैव रबड़ के दस्ताने पहनने चाहिए।

4. सुरक्षा टेप का प्रयोग करना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. विद्युत सेल का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर: विद्युत सेल: विद्युत सेल एक ऐसी युक्ति है जो इसमें संचित रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है। यह धातु की बनी बेलनाकार रचना है। इसमें ऊपर की ओर धातु की टोपी तथा दूसरी ओर धातु की डिस्क (चक्रिका) होती है। धातु की टोपी को सेल का धन (+) टर्मिनल तथा चक्रिका को सेल का ऋण (-) टर्मिनल कहते हैं।

विद्युत सेल के अन्दर रासायनिक पदार्थ भरे होते हैं।इन्हीं पदार्थों से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।
                                                  

विद्युत सेल का उपयोग टॉर्च, अलार्म घड़ी, रेडियो, कैमरा, खिलौनों आदि में किया जाता है।

प्रश्न 2. विद्युत सेल तथा विद्युत बल्ब में टर्मिनलों को कैसे जोड़ा जाता है? चित्र सहित समझाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर: विभिन्न रंगों के प्लास्टिक का आवरण चढ़े विद्युत तार के चार टुकड़े लीजिए। प्रत्येक तार के टुकड़ों के दोनों सिरों से प्लास्टिक आवरण को हटा दीजिए। इस प्रकार दोनों सिरों पर धातु का तार अनावरित हो जाता। दोनों तारों के अनावरित भागों को विद्युत-सेल तथा दूसरे दो तारों को बल्ब से (चित्रानुसार) जोड़ दीजिए।

बल्ब के साथ तारों को जोड़ने के लिए आप विद्युत रोधी टेप (बिजली मिस्त्रियों द्वारा उपयोग की जाने वाली) और सेल के लिए रबड़ बैंड या टेप का उपयोग 
कर सकते हैं 
                      
प्रश्न 3. किसी परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को प्रदर्शित कीजिए।

उत्तर-किसी विद्युत परिपथ में चित्रानुसार, विद्युत धारा की दिशा विद्युत सेल के धन (+) टर्मिनल से ऋण (-) टर्मिनल की ओर होती है। जब बल्ब के टर्मिनलों को तार के द्वारा विद्युत सेल के टर्मिनलों से जोड़ा जाता है तो बल्ब के तन्तु से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होती है। यह बल्ब को दीप्तमान करती है।
         

प्रश्न 4. आपको विभिन्न वस्तुएँ जैसे चाबी, माचिस की तीली, लोहे की कील इत्यादि दी गई है। साथ ही टॉर्च का एक बल्ब, एक सेल और तार दिया गया है। आप किस प्रकार इन वस्तुओं की चालकता ज्ञात करेंगे। विद्युत चालक एवं विद्युत रोधक वस्तुओं को छाँटिए। (क्रियाकलाप)

उत्तर: चित्रानुसार परिपथ में उस वस्तु को चाबी के स्थान पर बारी-बारी से लगाने पर उनकी चालकता की जाँच कर सकते हैं।
       
                 
जाँच करने के लिए विभिन्न प्रकार के पदार्थों जैसे- सिक्के, कार्क, रबड़, काँच, चाबियाँ, पिन, प्लास्टिक का स्केल, लकड़ी का गुटका, एल्युमिनियम की पत्ती, मोमबत्ती, सिलाई मशीन की सुई, थर्मोकोल, कागज तथा पेंसिल की लीड आदि एकत्रित कीजिए। चालक-परीक्षित्र के तारों के स्वतन्त्र छोरों को प्रत्येक नमूने से बारी-बारी से स्पर्श करें। ध्यान रखिए कि दोनों तार एक-दूसरे को स्पर्श न करें।

सारणी : विद्युत चालक एवं विद्युत रोधक

स्विच के स्थान पर उपयोग की गई वस्तु

पदार्थ जिससे वह वस्तु बनी है

बल्ब जलता है या नहीं,     हाँ/नहीं

1. चाबी

धातु

हाँ

2. रबड (इरेजर)

रबड़

नहीं

3. स्केल

प्लास्टिक

नहीं

4. माचिस की तीली

लकड़ी

नहीं

5. काँच की चूड़ी

काँच

नहीं

6. लोहे की कील

लोहा

हाँ

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