Tuesday, May 14, 2024

7th Test -2 प्राणियों में पोषण कक्षा 7th Science

कक्षा 7th  विज्ञान  Test -2 प्राणियों में पोषण    May- 2024

विद्यार्थी का नाम............................ रोल नं.......    दिनांक ...................

समय: 30 मिनट                                कुल अंक: 20                    नोट:सभी प्रश्न अनिवार्य है।*प्रश्न संख्या 1 से 5 तक एक अंक के है। *प्रश्न संख्या 7 से 11 तक 2 अंक के प्रश्न है । 


I.निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1. हमारे भोजन के संघटक हैं

       (क) वसा    (ख) कार्बोहाइड्रेट्स    (ग) प्रोटीन      (घ) ये सभी

प्रश्न 2. भोजन के अन्तर्ग्रहण की विधि पायी जाती है

      (क) मनुष्य में  (ख) अजगर में    (ग) गाय में    (घ) सभी में

प्रश्न 3. जीभ का कार्य है- (क)स्वाद ग्रहण करना (ख) भोजन में लार मिलाना

    (ग) निगलने में सहायता करना (घ) ये सभी।

प्रश्न 4. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का स्रावण आहार नाल के किस भाग से होता है?

    (क) ग्रसिका से   (ख) आमाशय से   (ग) अग्न्याशय से    (घ) यकृत से

प्रश्न 5.ऊर्जा प्रदान करता है- (क)ग्लूकोज     (ख)खनिज

                        (ग)विटामिन     (घ)एमीनो अम्ल

प्रश्न 6. रिक्त स्थान निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

1.लाला रस चावल के मण्ड को ……. में बदल देता है।

2.पित्त रस का स्रावण यकृत से होता है तथा यह ……… में संग्रहित होता है।

प्रश्न 7. सत्य / असत्य निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए

1. आमाशय में उपस्थित रसांकुर भोजन का अवशोषण करते हैं।   असत्य / सत्य   

2. यकृत मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि है।      असत्य / सत्य      

प्रश्न 8. अन्धनाल किसे कहते हैं?

प्रश्न 9. हमें पाचन की आवश्यकता क्यों होती है ? समझाइए।

प्रश्न 10. निम्न पाचक रसों को स्रावित करने वाले अंगों के नाम तथा इनका एक-एक कार्य लिखिए।

(क) जठर रस, (ख) पित्त रस, (ग) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, (घ) अग्न्याशयी रस।

प्रश्न 11. मानव में पाचन क्रिया का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।  

Solution :-

कक्षा 7th  विज्ञान  Test -2 प्राणियों में पोषण    May- 2024

उत्तर 1:  (घ) ये सभी                     उत्तर 2: (घ) सभी में                        

उत्तर 3: (घ) ये सभी।                    उत्तर 4:  (ख) आमाशय से                       

उत्तर 5:  (क) ग्लूकोज                   उत्तर: 6 1. शर्करा  2. पित्ताशय।   

उत्तर: 7  1. असत्य    2. सत्य

उत्तर 8: जानवरों जैसे-घोड़ा, खरगोश आदि में क्षुद्रांन्त्र एवं बृहदांत्र के बीच एक थैली जैसी बड़ी संरचना होती है जिसे अन्धनाल कहते हैं।

उत्तर 9: हम अपने भोजन में विभिन्न जटिल पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन आदि को सम्मिलित करते हैं। इन पदार्थों को शरीर में सीधे नहीं मिलाया जा सकता। अतः उन्हें सरल पदार्थों में बदलना आवश्यक है, जैसा कि निम्न आरेख में दर्शाया गया है                                                                                          

उत्तर 10: (क) जठर रस : आमाशय यह प्रोटीन को सरल पदार्थों में बदलता है।

(ख) पित्त रस-यकृत : यह वसा का पाचन करता है।

(ग) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल : आमाशय-जीवाणुओं को नष्ट करता है।

(घ) अग्न्याशयी रस अग्न्याशय : यह कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन का पाचन करता है।

उत्तर 11: मानव में पाचन क्रिया-मानव के पाचन तंत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं-

       1.मुख गुहिका, 2.ग्रासनली, 3.आमाशय, 4.क्षुद्रांत्र,  5.बृहदांत्र तथा  6. मल द्वार । इसके अलावा पाचन तंत्र से सम्बन्धित सहायक पाचक ग्रन्थियाँ यकृत, अग्न्याशय तथा जठर ग्रन्थियाँ।

1. मुख गुहा में पाचन : मुख गुहा में भोजन का अन्तर्ग्रहण किया जाता है तथा दाँतों द्वारा भोजन को चबाया जाता है। मुख गुहा में नावित लार भोजन को लसलसा बनाती है तथा भोजन की कुछ मण्ड को शर्करा में बदलती है।

2. ग्रसिका में पाचन : ग्रसिका में कोई पाचन क्रिया नहीं होती है।

3. आमाशय में पाचन : आमाशय U आकार की सबसे चौड़ी संरचना है। इसकी भीतरी दीवारों से जठर रस नावित होता है। इसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल भोजन के साथ आए जीवाणुओं को नष्ट करता है तथा भोजन को अम्लीय बनाता है। आमाशय में भोजन का आंशिक पाचन होता है और भोजन छोटे-छोटे कणों में विखण्डित हो जाता है।

4. क्षुद्रांत्र में पाचन : क्षुद्रांत्र में भोजन का पूर्ण पाचन एवं अवशोषण होता है। इसमें अग्न्याशयी रस के प्रभाव से कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन का पाचन होता है। पित्त रस वसा के पाचन में सहायता करता है। क्षुद्रांत्र की दीवारों में स्थित दीर्घरोम पचे भोजन का अवशोषण करते हैं।

5. बृहदांत्र : वृहदांत्र में कोई पाचन क्रिया नहीं होती परन्तु इसमें जल का अवशोषण अवश्य होता है। वहदांत्र में अपचित भोजन आता है जिसे मलाशय में धकेल दिया जाता है। मलाशय से अपचित भोजन (मल) को समय-समय पर गुदा द्वार से बाहर निकाल दिया जाता है।

 


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