कक्षा 8th विज्ञान Test -5-पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण सितम्बर 2023
विद्यार्थी का नाम............................
रोल नं....... दिनांक ...................
समय: 30 मिनट कुल अंक: 20
नोट: सभी प्रश्न अनिवार्य है। * प्रश्न संख्या 1 से 7 तक एक अंक के है ।
*प्रश्न संख्या 8 से 12 तक 2 अंक के प्रश्न है
प्रश्न 1 हमारी सरकार ने बाघों के संरक्षण के
लिए कौन-सी परियोजना प्रारम्भ की –
(क)
वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र ।
(ख) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज ।
प्रश्न 10. हमें जैव
विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
प्रश्न 11. वनोन्मूलन
के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
कक्षा 8th विज्ञान Test -5-पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण सितम्बर 2023
उत्तर 1: (अ) बाघ परियोजना उत्तर 2: (ब) विसन उत्तर 3:
(द) रेड
डाटा बुक।
उत्तर 4: (अ) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर 5: (स) कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर 6: (क) वन्यजीव
अभयारण्य (ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज (ग) जलवायु।
उत्तर 7: (क) सत्य (ख) असत्य
उत्तर 8: भूमि पर वृक्षों
की कमी होने से मृदा अपरदन अधिक होता है। मृदा की ऊपरी परत हटाने से नीचे की कठोर
चट्टानें दिखाई देने लगती हैं। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा इसकी
उर्वरता भी अपेक्षाकृत कम होती है। धीरे-धीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो
जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।
उत्तर 9: (क) वन्यप्राणी
उद्यान : एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है।
जैवमण्डलीय आरक्षित क्षेत्र : वन्य
जीवन, पौधे और जन्तु संसाधनों तथा उस क्षेत्र
के आदिवासियों के पारम्परिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र ।
(ख) संकटापन्न
स्पीशीज : वे जन्तु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है तथा वे विलुप्त हो सकते हैं। जैसे-
सफेद चीता,शेर,हाथी आदि।
विलुप्त स्पीशीज : वे जन्तु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं। जैसे-डायनासोर।
उत्तर 10 : (क)जीवन के निर्वाह के लिए जैव विविधता आवश्यक है।यदि जैव विविधता संरक्षित नहीं होगी तो पृथ्वी पर जीवन चक्र प्रभावित हो जाएगा।सम्पूर्ण विश्व को खाद्य पदार्थ प्रदान करने के लिए जैव-विविधता का संरक्षण करना चाहिए।
उत्तर 11. वनोन्मूलन के कारक– (1) कृषि भूमि के लिए (2) पशुओं के अतिचारण के लिए (3) घरों एवं
कारखानों के निर्माण के लिए। (4) सड़कों और बांधों के निर्माण के लिए।
उत्तर 12 : पेड़-पौधे पर्यावरण में जलचक्र बनाये
रखने के लिए मुख्य कारक हैं। यदि पोधे, मृदा से जल का शोषण नहीं करेंगे और बादल बनाने के लिए अपनी
पत्तियों से जल का वाष्पन भी नहीं करेंगे तो बादल नहीं बनेंगे एवं वर्षा भी नहीं
होगी।
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