Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Class 8th
Science
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Class 8th Science Lesson Plan and Notes
in Hindi
→ तड़ित
(Lighting) : दो बादलों अथवा बादलों और पृथ्वी के बीच घर्षण के कारण ऋणात्मक और धनात्मक आवेशों के आपस में मिलने पर उत्पन्न उज्ज्वल चमकीली धारियाँ जो आकाश में फैलती हैं, तड़ित कहलाती हैं।
→ आवेश
(Charge) : किसी वस्तु पर असंतुलित विद्युत की मात्रा आवेश कहलाती है।
→ विद्युतदर्शी (Electroscope) : वह
युक्ति जिसके द्वारा किसी वस्तु के आवेशित या अनावेशित होने का पता लगाया जाता है।
→ अनावेशित
(Discharged) : जब कोई वस्तु अपना आवेश खो देती है तो वह अनावेशित कहलाती है।
→ भूसम्पर्कण (Earthing) : आवेशित
वस्तु से पृथ्वी की ओर आवेश संचरण की प्रक्रिया।
→ विद्युत विसर्जन (Electric Discharge) : धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेशों के मिलने पर उत्पन्न चिनगारी एवं ध्वनि।
→ तड़ित चालक (Lightning Conductor) : युक्ति जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है।
→ भूकम्प
(Earthquake) : पृथ्वी में यकायक कंपन या झटका उत्पन्न होना।
→ भूकम्पमापी (Richter Scale) : भूकम्प
की तीव्रता मापने वाला पैमाना।
→ भूकम्प लेखी (Seismography) : भूकम्प का आंकलन करने वाला उपकरण।
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Class 8th Science पहेली बूझो
प्रश्न 1. मुझे आश्चर्य है कि उन्हें इस समानता को ज्ञात करने में इतने वर्ष क्यों लगे?
उत्तर: वैज्ञानिक खोजें अनेक व्यक्तियों के अथक परिश्रम का फल ही तो हैं,
जो कि काफी समय ले सकती हैं।
प्रश्न 2. मेरी दादी ने मुझे बताया था कि
पृथ्वी किसी सांड के एक सींग पर टिकी है तथा जब सांड़ इसे दूसरे सींग पर ले जाता है,
तो भूकम्प आता है। यह कैसे सत्य हो सकता है?
उत्तर: नहीं । पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में होने वाली हलचल के कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 3. पृथ्वी के अन्दर भूकम्पन के क्या
कारण हो सकते हैं ?
उत्तर: पृथ्वी की परत एक खण्ड में नहीं है । यह टुकड़ों में विभाजित है । प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते हैं ।
यह प्लेटे निरन्तर गति करती रहती है ।
जब ये प्लेटें एक-दूसरे से रगड खाती हैं अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है, तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है । यह विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकम्प के रूप में दिखाई देता है।
प्रश्न 4. यदि वैज्ञानिक भूकम्प के बारे में इतना अधिक जानते हैं तो क्या वे आने वाले भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं ।
यह संभव नहीं है कि वैज्ञानिक भूकम्प के समय तथा स्थान की भविष्यवाणी कर सकें।
प्रश्न 5. मैंने कहीं पढ़ा था कि भूमिगत विस्फोटों
से भी भूस्पन्द उत्पन्न हो सकते हैं।
उत्तर: अधिकांश भूकंपन पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं किन्तु पृथ्वी पर भूस्पन्दन ज्वालामुखी के फटने अथवा किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने अथवा किसी भूमिगत नाभिकीय विस्फोट के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Class 8th Science
Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1 तथा 2 में सही विकल्प चुनिए-
प्रश्न1.निम्नलिखित में से किसे घर्षण द्वारा
आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है?
(क) प्लास्टिक का पैमाना (ख) ताँबे
की छड़
(ग)
फूला हुआ गुब्बारा (घ) ऊनी वस्त्र ।
उत्तर: (ख) ताँबे की छड़
प्रश्न 2. जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े
से रगड़ते हैं तो छड़-
(क) तथा कपड़ा दोनों धनावेश अर्जित कर लेते हैं।
(ख) धनावेशित
हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।
(ग) तथा कपड़ा दोनों ऋणावेश अर्जित कर लेते हैं।
(घ) ऋणावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित
हो जाता है ।
उत्तर: (ख) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।
प्रश्न3.निम्नलिखित कथनों के सामने सही
के सामने ‘T’ तथा गलत के सामने ‘F’ लिखिए-
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे
को आकर्षित करते हैं।
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा
को आकर्षित करती है।
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं
कर सकता।
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है।
उत्तर: (क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(F)
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है। (T)
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता। (F)
(घ) भूकम्प की भविष्यवाणी की जा सकती है। (F)
प्रश्न4.सर्दियों में स्वेटर उतारते समय
चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर: घर्षण के कारण स्वेटर उतारते समय आवेशित हो जाता है । इन आवेशों के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के कारण चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है साथ ही चिंगारी भी दिखाई देती है।
प्रश्न 5. जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ
से छुते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर: जब हम किसी आवेशित वस्तु को छूते हैं तो आवेश शरीर से होकर पृथ्वी में चला जाता है,
क्योंकि मानव शरीर विद्युत का चालक है ।
इस कारण वस्तु अपना आवेश खो देती है । इसे भूसम्पर्कण भी कहते हैं।
प्रश्न 6. उस पैमाने का नाम लिखिए जिस पर
भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है । इस पैमाने पर किसी भूकम्प की माप
3 है,क्या इसे भूकम्पलेखी(सीसमोग्राफ्री) से रिकार्ड किया जा सकेगा? क्या इससे अधिक हानि होगी?
उत्तर: भूकम्पों की विनाशी ऊर्जा को मापने वाला पैमाना
‘रिक्टर पैमाना’
है ।
3 रिक्टर तीव्रता वाले भूकम्प को सीसमोग्राफ्री द्वारा रिकार्ड किया जा सकेगा ।
3 रिक्टर तीव्रता का भूकम्प महसूस किया जा सकता है, यह अत्यन्त दुर्बल होता है,
इससे बहुत कम हानि होती है ।
प्रश्न 7. तड़ित से अपनी सुरक्षा के तीन उपाय
सुझाइए।
उत्तर: तड़ित से सुरक्षा के तीन उपाय निम्न हैं
–
(1) यदि आप वन में हैं तो छोटे वृक्ष के नीचे शरण लें।
(2) यदि आप किसी ऐसे खुले क्षेत्र में हैं,
जहाँ कोई शरणस्थल नहीं है तो सभी वृक्षों से काफी दूर पर खड़े रहें। जमीन पर न लेटें,
बल्कि जमीन पर सिमटकर नीचे बैठे । अपने हाथों को घुटनों पर तथा सिर को हाथों के बीच रखें।
(3) तड़ित झंझावात के समय छाता लेकर न चलें ।
प्रश्न 8. आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे
को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे
द्वारा आकर्षित किया जाता है । व्याख्या कीजिए।
उत्तर: समान आवेश वाली वस्तुएँ
(सजातीय वस्तुएँ)
एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं, इसलिए दोनों आवेशित गुब्बारे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। अलग आवेश वाली
(विजातीय) वस्तुएँ एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं,
इस कारण अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे को अपनी ओर आकर्षित करता है।
प्रश्न 9. चित्र की सहायता से किसी ऐसे उपकरण
का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है।
उत्तर: विद्युतदर्शी नामक उपकरण का उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में किया जाता है। यह इस सिद्धान्त पर कार्य करता है कि सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं तथा विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। एक सरल विद्युतदर्शी को निम्न प्रकार बनाया जा सकता है
·
मुरब्बे
की एक खाली बोतल तथा बोतल के मुँह के आकार से कुछ बड़ा गत्ते का टुकड़ा लेते हैं।
·
गत्ते
में एक छेद बनाते हैं जिसमें होकर धातु की पेपर क्लिप घुसाई जा सके।
·
चित्रानुसार
पेपर क्लिप को खोल लेते हैं।
·
एल्युमिनियम
की पन्नी की लगभग
4 सेमी x 1 सेमी
आकार की दो पटिटयाँ काटते हैं।
·
चित्रानुसार
इन्हें पेपर क्लिप पर लटकाते हैं।
·
ढक्कन
में पेपर क्लिप को इस प्रकार घुसाते हैं कि यह गत्ते के लम्बवत रहे।
·
अब
किसी रिफिल को आवेशित करके इसे पेपर क्लिप के सिरे पर स्पर्श कराते हैं।
प्रेक्षण
व निष्कर्ष
: धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक होती हैं। एल्युमिनियम की पन्नी की पटिटयाँ पेपर क्लिप से होते हुए आवेशित रिफिल से आवेश प्राप्त करती हैं। समान आवेश वाली पटिटयाँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं। इससे रिफिल पर आवेश की पुष्टि होती है।
प्रश्न 10. भारत के उन तीन राज्यों
(प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके
अधिक सम्भावित हैं ?
उत्तर: अधिक भूकम्प आशंकित क्षेत्र
–
(1) कश्मीर घाटी
(2) कच्छ का रन
(3) राजस्थान तथा सिंधु गंगा के मैदान ।
प्रश्न 11. मान लीजिए आप घर से बाहर है तथा
भूकम्प के झटके लगते हैं । आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे?
उत्तर: भूकम्प के झटकों से सुरक्षा के उपाय:
यदि आप कार, बस या वाहन में हैं तो उससे बाहर न
निकलें तथा तुरन्त वाहन को खुले स्थान पर ले जाएँ।भवनों, वृक्षों तथा ऊपर जाती विद्युत लाइनों से दूर किसी खुले स्थान पर जायें और जमीन पर लेट जाये । भू-स्पदन के समाप्त होने से पहले बाहर न निकलें।
प्रश्न 12. मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता
है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना
है । क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: नहीं । तड़ित झंझा के समय छतरी लेकर जाना उचित नहीं है ।
छतरी को लेकर जाना अधिक घातक है, क्योंकि ऊँचे भवन,
विद्युत तार,
काले रंग की वस्तुएँ तड़ित झंझा को आकर्षित करती हैं।
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Class 8th Science
Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. रेशम से काँच की छड़ रगड़ने पर छड़ पर अर्जित आवेश है –
(अ) धनावेश (ब) ऋणावेश
(स) दोनों (द) उपरोक्त
में से कोई नहीं।
उत्तर: (अ) धनावेश
2. कोई वस्तु आवेशित है या नहीं इसे पता लगाने के लिये उपयोग में आने वाले यन्त्र
का नाम है
(अ) भूसम्पर्कण (ब) विद्युत
विसर्जन
(स) विद्युत दर्शी (द) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर: (स)
विद्युत दर्शी
3. पृथ्वी के केन्द्रीय भाग को कहते हैं –
(अ) भूपर्पटी (ब) आन्तरिक
क्रोड
(स) प्रावार (द)
बाह्य क्रोड ।
उत्तर: (ब)
आन्तरिक क्रोड
4. पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है।इन क्षेत्रों
को कहते हैं
(अ) भ्रंश क्षेत्र (ब) भूकम्पलेखी
(स) भूस्पन्दन
क्षेत्र (द)
तड़ित झंझा क्षेत्र ।
उत्तर: (अ) भ्रंश क्षेत्र
5. भारत के अतिभूकम्प – आशंकित क्षेत्र हैं-
(अ) कश्मीर घाटी (ब) पश्चिमी
तथा कन्द्रीय हिमालय
(स) समस्त उत्तर पूर्व (द) उपरोक्त
सभी ।
उत्तर: (द)
उपरोक्त सभी ।
रिक्त स्थान पूर्ति
(क) समान आवेश एक-दूसरे को
………….. करते हैं।
(ख) विद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं;………….
तथा ……………….।
(ग) किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने
की प्रक्रिया को ……………… कहते हैं।
(घ) आवेशों के संचयन से ……………. उत्पन्न होती है।
(ङ) यदि तड़ित झंझा होती है तो इसके साथ सदैव
…………. तथा ……… की संभावना रहती है।
उत्तर: (क) प्रतिकर्षित (ख)
धनावेश, ऋणावेश
(ग) भूसम्पर्कण
(घ) तड़ित
(ङ) तड़ित, चक्रवात।
सुमेलन
कॉलम – I |
कॉलम – II |
1. तड़ित |
(क) सुरक्षा युक्ति |
2. विद्युत धारा |
(ख) आवेश को पृथ्वी में भेजना |
3. भूसम्पर्कण |
(ग) बादलों में आवेश का एकत्र होना |
4. तड़ित चालक |
(घ) पृथ्वी की प्लेटें |
5. भूकम्प |
(ङ) आवेशों का संचरण |
उत्तर:
कॉलम – I |
कॉलम – II |
1. तड़ित |
(ग)
बादलों में आवेश का एकत्र होना |
2. विद्युत धारा |
(ङ)
आवेशों का संचरण |
3. भूसम्पर्कण |
(ख)
आवेश को पृथ्वी में भेजना |
4. तड़ित चालक |
(क)
सुरक्षा युक्ति |
5. भूकम्प |
(घ)
पृथ्वी की प्लेटें |
सत्य / असत्य कथन
(क) तड़ित एक विशाल स्तर की चिंगारी है जिसके साथ, ध्वनि
भी उत्पन्न होती है।
(ख) जब प्लास्टिक की रिफिल को पॉलिथीन के साथ रगड़ते
हैं तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं।
(ग) समान प्रकार के आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(घ) ऊँचे टावरों पर विद्युत बल्ब जलाकर इन्हें
तड़ित से बचाया जा सकता है।
(ङ) तड़ित झंझा के समय हमें विद्युत उपकरणों का
उपयोग नहीं करना चाहिए।
उत्तर: (क)
सत्य (ख)
सत्य (ग)
असत्य (घ)
असत्य (ङ)
सत्य
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Class 8th Science अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. क्या मानव शरीर विद्युत का चालक
है ?
उत्तर: हाँ ।
मानव शरीर विद्युत का चालक है ।
प्रश्न 2. भूकम्प की शक्ति का मापन किस पैमाने
के द्वारा किया जाता है ?
उत्तर: रिक्टर पैमाना ।
प्रश्न 3. तड़ित चालक क्या है?
उत्तर: यह एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है ।
प्रश्न 4. भूकम्प का कारण क्या है?
उत्तर: भूपर्पटी के भीतर गहराई में विक्षोभ के कारण भूकम्प आते हैं।
प्रश्न 5. भ्रंश क्षेत्र किन्हें कहते हैं?
उत्तर: पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की प्रवृत्ति होती है। ये क्षेत्र भ्रंश क्षेत्र कहलाते हैं ।
प्रश्न 6. यदि एक काँच की छड़ को सिल्क से
रगड़ा जाता है तो वह किस प्रकार का आवेश प्राप्त करेंगे?
उत्तर: काँच धनात्मक आवेश, सिल्क ऋणात्मक आवेश प्राप्त करता है।
प्रश्न 7. भू-सम्पर्कण
से क्या समझते हो?
उत्तर: किसी आवेशित वस्तु के आवेश को पृथ्वी में स्थानान्तरित करने को भू-सम्पर्कण कहते हैं।
प्रश्न 8. विद्युत चालक किन्हें कहते हैं
?
उत्तर: वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत सुगमतापूर्वक एक भाग से दूसरे भाग तक चली जाती है,
ऐसे पदार्थों को विद्युत चालक कहते हैं।
प्रश्न 9. भ्रंश क्षेत्र से क्या तात्पर्य
है ?
उत्तर: पथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकम्प आने की सम्भावना अधिक होती है ।
इन क्षेत्रों को भ्रंश क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 10. आवेशन की प्रक्रिया से आप क्या
समझते हैं?
उत्तर: धातुओं को आपस में रगड़ने अथवा एक दूसरे के निकट या सम्पर्क में लाने पर उनमें दूसरी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का जो गुण उत्पन्न हो जाता है,
उसे वस्तुओं का आवेशन कहते हैं।
प्रश्न 11. जब ऊनी कपड़े से रगड़े हुये दो
गुब्बारे एक दूसरे को पास लाए जाते हैं तो क्या होता है ?
उत्तर: वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं ।
प्रश्न 12. क्या होता है जब प्लास्टिक की
कंघी को सूखे बालों में रगड़ा जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर: प्लास्टिक की कंघी एवं बालों पर आवेश उत्पन्न हो जाता है।
प्रश्न 13. प्लास्टिक के स्केल को बालों पर
रगड़ने के तुरन्त पश्चात् इसे कागज की कतरन के ऊपर लाने पर क्या होता है ?
उत्तर: कागज की कतरन स्केल की ओर आकर्षित होती है।
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Class 8th Science लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. घर के भीतर तड़ित से किस प्रकार
बचा जा सकता है ?
उत्तर: तड़ित से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं
–
(1) कम्प्यूटर, टी.वी.
जैसे विद्युत उपकरणों के प्लगों को साकेट से निकाल देना चाहिए ।
(2) बहते जल के सम्पर्क से बचने के लिए तड़ित झंझा के समय स्नान से बचना चाहिए ।
(3) तड़ित झंझा के समय टेलीफोन के तारों, विद्युत तारों तथा धातु के पाइपों को छूना नहीं चाहिए।
प्रश्न 2. तड़ित झंझा किस प्रकार उत्पन्न
होती है?
उत्तर: बादलों में एकत्रित आवेश जब एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तब उसका विसर्जन होता है । इन परिस्थितियों में बादलों के नीचे के भाग में धन आवेश का एक छोटा क्षेत्र अपने नीचे स्थित पृथ्वी की सतह पर प्रेरण द्वारा ऋण आवेश उत्पन्न करता है । विपरीत आवेशा के बीच अत्यधिक आकर्षण बल,
वायु के विद्युतरोधन को तोड़ने के लिए पर्याप्त होता है । एक बार विद्युतरोधन टूटने पर,
बादल के नीचे के भाग का समस्त धन आवेश वायु के एक संकरे अंतराल
(गैप) से पृथ्वी की ओर तीव्र गति से प्रवाह करता है । यह अन्तराल एक चालक पथ उत्पन्न कर देता है,
जिससे और अधिक आवेश को प्रवाहित होने के लिए मार्ग मिल जाता है ।
बादल के निचले भाग में एकत्रित ऋण आवेश की विशाल मात्रा बहुत ही कम समय में इस चालक पथ से होकर गुजरती है ।
वायु के इस अन्तराल में विद्युत ऊर्जा के कारण वायु इतने उच्च ताप तक गर्म हो जाती है कि यह प्रकाश की तरह दमक उठती है । यह दमक तड़ित है ।
प्रश्न 3. किसी भूकम्प की तीव्रता को किस
प्रकार मापा जाता है।
उत्तर: किसी भी भूकम्प की तीव्रता की माप रिक्टर पैमाने द्वारा की जाती है ।
जिन भूकम्पों का मान रिक्टर पैमाने पर 3 तक होता है,
वे बहुत हल्के भूकम्प होते हैं तथा कोई क्षति नहीं पहुंचाते ।
कभी-कभी तो ऐसे भूकम्पों का पता ही नहीं चलता है । परन्तु रिक्टर पैमाने पर 7 या इससे अधिक मान वाले भूकम्प अत्यन्त भीषण होते हैं जो पूरे के पूरे गाँवों या नगरों को गिराकर तबाह कर सकते है।
प्रश्न 4. भूकम्प आने के कारण लिखिए ।
उत्तर: भूकम्प आने के कारण-
(1) अधिकांश भूकम्प पृथ्वी की प्लेटों की गतियों के कारण आते हैं ।
(2) ज्वालामुखी के फटने से भी भूकम्प आते हैं ।
(3) किसी उल्का पिण्ड के पृथ्वी से टकराने से भी भूकम्प आ सकता है ।
(4) भूमिगत नाभिकीय विस्फोट भी भूकम्प को जन्म दे सकता है।
प्रश्न 5. भूकम्प क्या होता है ? लिखिए।
उत्तर: भूकम्प जो बहुत कम समय तक रहता है,
पृथ्वी का कम्पन अथवा कोई झटका होता है । यह पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न होता है ।
भूकम्प हर समय लगभग सभी जगह आते रहते हैं ।
प्राय इन्हें महसूस नहीं किया जाता है ।
विशाल भूकम्प अत्यन्त कम होते हैं । ये पुलों, बांधों तथा लोगों को अपार क्षति पहुंचा सकते हैं । इनसे जीवन तथा सम्पत्ति की विशाल हानि हो सकती हैं ।
भूकम्पों से बाढ़, भूस्खलन तथा सुनामी भी आ
सकते हैं।
प्रश्न 6. भूकम्प से बचाव हेतु घरों का डिजाइन
किस प्रकार का होता है?
उत्तर: भूकम्प से बचाव के लिए भवनों के ढाँचे सरल हों इसके लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
(1) किसी योग्य आर्किटेक्ट एवं संरचना इंजीनियर से परामर्श करना ।
(2) अत्यधिक भूकम्पी क्षेत्रों में भवन निर्माण में भारी पदार्थों की अपेक्षा मिट्टी अथवा इमारती लकड़ी का उपयोग अधिक अच्छा रहता है।
(3) अलमारियों आदि को दीवारों के साथ कसना।
(4) दीवार घड़ी, फोटो फ्रेम आदि को दीवार पर लटकाते समय सावधानीपूर्वक लटकाना जिससे भूकम्प के आने पर ये लोगों के ऊपर न
गिरें ।
(5) ऊँची इमारतों में अग्निशमन के सभी उपकरण कार्यकारी स्थिति में होने चाहिए ।
प्रश्न 7. बताइए क्या होगा यदि-
(क) दो गुब्बारों को ऊनी वस्त्र से रगड़ कर एक-दूसरे के समीप
स्वतंत्र लटकाया गया।
(ख) उपरोक्त प्रक्रिया दो खाली रिफिलों के साथ
की गयी।
(ग) आवेशित रिफिल को स्वतंत्र लटके आवेशित गुब्बारे
के समीप लाया गया।
(घ) पॉलिथीन के साथ प्लास्टिक की रिफिल के साथ
रगड़ा जाता है। (क्रियाकलाप)
उत्तर: (क)
गुब्बारे समान आवेश के कारण एक-दूसरे से प्रतिकर्षित होते हैं।
(ख)
दोनों रिफिल आवेशित हो जाती हैं।
(ग)
गुब्बारा रिफिल की ओर विपरीत आवेश के कारण अकर्षित होता है।
(घ)
पॉलिथीन व
प्लास्टिक की रिफिल दोनों आवेशित हो जाते हैं।
Chapter-12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Class 8th Science दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भवनों को तड़ित के प्रभाव से किस
प्रकार बचाया जा सकता है ? समझाइए ।
उत्तर: तड़ित चालक एक ऐसी युक्ति है,
जिसका उपयोग करने से भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाया जा सकता किसी भवन के निर्माण के समय उसकी दीवारों में,
उस भवन की ऊंचाई से अधिक लम्बाई की धातु की एक छड़ स्थापित कर दी जाती है ।
इस छड़ का एक सिरा वायु में खुला रखा जाता है तथा दूसरे सिरे को जमीन में काफी गहराई तक दबा देते हैं ।
धातु की
छड़ विद्युत आवेश को भूमि तक पहुँचने के लिए एक सरल पथ प्रदान करती है, जिससे भवन को कोई क्षति नहीं होती।
उत्तर: पृथ्वी की सतह पर भूस्पन्द तरंगें उत्पन्न करते हैं। ये तरंगें भूकम्पी तरंगें कहलाती हैं ।
भूकम्पलेखी नामक उपकरण द्वारा इन तरंगों को रिकॉर्ड किया जाता है। यह उपकरण मात्र एक कंपायमान छड़ अथवा लोलक होता है जो भूस्पन्द आने पर कम्पन
(दोलन) करने लगता है। इसके कम्पायमान तंत्र के साथ एक पेन जुड़ा रहता है। ये पेन इसके नीचे गति करने वाले कागज की पट्टी पर भूकम्पी तरंगों को रिकॉर्ड करता रहता है ।
इन तरंगों का अध्ययन करके वैज्ञानिक भूकम्प का सम्पूर्ण मानचित्र बना सकते हैं। वे भूकम्प की क्षति पहुँचा सकने की क्षमता का अनुमान भी लगा सकते हैं।
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