Wednesday, June 19, 2024

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science

 
Chapter-11विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science Notes in Hindi

विधुत : किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न ऊर्जा को विद्युत कहते है।


विधुत सेल : विद्युत सेल में दो सिरे होते हैं एक धनात्मक तथा दूसरा ऋणात्मक

          घनात्मक सिरा  विद्युत सेल में धातु की टॉपी वाला धनात्मक सिरा कहलाता है।

                 ऋणात्मक सिरा  विद्युत सेल में धातु की डिस्क वाला ऋणात्मक सिरा कहलाता है।

विद्युत सेल में संचित रासायनिक पदार्थों से सेल विद्युत उत्पन्न करता है।

  विधुत-परिपथ: किसी विद्युत धारा के लिए प्रतीकों और चिह्नों का उपयोग करके बनाया गया सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं। विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। विद्युत परिपथ में विद्युत् धारा के प्रवाह की दिशा हमेशा विद्युत् सेल के (+) टर्मिनल से (-) टर्मिनल की ओर होती हैं

विधुत स्विच : विद्युत् बल्ब कोऑनअथवाऑफकरने में विद्युत्  सेल की नोक से स्पर्श कराते अथवा हटाते है।

विद्युत अपघटन (Electrolysis) : वह प्रक्रिया जिसमें विद्युत चालक द्रव में से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर द्रव संघटकों में अपघटित होता है।

विद्युत चालक (Conductor) : जिन पदार्थों से होकर -धारा प्रवाहित हो सकती है, विद्युत्  चालक कहलाते हैं।

वे तत्व जो विद्युत धारा का चालन आसानी से कर देते हैं।

विद्युत कुचालक (Insulator) : वे तत्व जिनमें विद्युत धारा का चालन हो सके।

कैथोड (Cathode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के -ve  सिरे से जुड़ा हो।

एनोड (Anode) : इलेक्ट्रोड, जो बैटरी के +ve  सिरे से जुड़ा हो।

विद्युत धारा :- किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं। यह एक अदिश राशि है, इसका मात्रक  एम्पियर होता है।  विद्युत धारा को मापने के लिए अमीटर का उपयोग किया जाता है।

 विद्युत धारा और इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा हमेशा एक-दूसरे के विपरीत होती है। जहां पर विद्युत धारा का प्रवाह धन आवेश से ऋण आवेश की ओर होता है, वहां पर इलेक्ट्रॉन का प्रवाह ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होता है।

विद्युत धारा के प्रकार : 1.प्रत्यावर्ती धाराऐसी विद्युत धारा जिसकी दिशा मान बदलता या परिवर्तित होता रहता है, उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।

इस विद्युत धारा की आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है।

हमारे घरों में हेडिल से आने वाली लाइट प्रत्यावर्ती धारा ही होती है।

यह धारा हमें अल्टरनेट, ओसिलेटर इत्यादि से प्राप्त होती है।

 2.दिष्ट धारा ऐसी विद्युत धारा जिसकी दिशा मान बदलता या परिवर्तित नहीं होता रहता है, उसे दिष्ट धारा कहते हैं।

इस विद्युत धारा की आवृत्ति 0 (zero) हर्ट्ज होती है।

यह धारा हमें मोबाइल बैटरी, इन्वर्टर, सेल, डी. सीजनरेटर इत्यादि से प्राप्त होता है।

विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव जब विद्युत धारा किसी द्रव्य अर्थात किसी पानी में मिले अम्ल में प्रवाहित करते है , तब  उसके आयंस विभक्त हो जाते है।

यह घटना विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव के कारण ही होती है।

  जब विद्युत को सुचालक तरल पदार्थ से गुजारते है , तब रासायनिक प्रक्रिया के कारण वह अपने आयंस मे बट जाएं उसे रासायनिक  प्रभाव कहते है।

जब किसी तार से कोई विधुत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तप्त हो जाता है।

प्रकाश उत्पन्न करने के लिए तपदीप्त बल्बों का प्रायः उपयोग होता है , लेकिन यह उष्मा भी देता है।

जब किसी तार से विधुत धारा प्रवाहित होती है , जिसे विधुत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहते हैं।

विधुत धारा प्रवाहित करने पर कुंडली , चुंबक की भाँति व्यवहार करती हैं।

विद्युत लेपन (Electroplating) : विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट , कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है।

इलेक्ट्रोड से जो ताँबे की प्लेट से बना है , समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है।

आभूषण बनाने वाली सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युतलेपन करते हैं।

खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले टिन के डिब्बों में लोहे के ऊपर टिन की विद्युतलेपन किया जाता है।

 

 विधुत बल्ब के आविष्कार का श्रेय प्रायः थॉमस अल्वा एडिसन को दिया जाता है।

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science पहेली बूझो

प्रश्न 1. विद्युत लेपन के क्रियाकलाप को करने के पश्चात् पहेली ने इलेक्ट्रोडों को आपस में बदलकर क्रियाकलाप को दोहराया  आपके विचार से इस बार वह क्या प्रेक्षण करेगी?
उत्तर: पहेली को गैस के बुलबुले प्राप्त होंगे।

 Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science 

Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
() विद्युत चालन करने वाले अधिकांश द्रव ………, ………… तथा ……… के विलयन होते हैं।
() किसी विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर ………….. प्रभाव उत्पन्न होता है।
() यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ………….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है।
() विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को …… कहते हैं।
उत्तर:  () अम्ल, क्षार, लवण     () रासायनिक     () ऋण      () विधुतलेपन

प्रश्न 2.जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं।
उत्तर:  हाँ संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को विलयन में डुबोते हैं, तो विद्युत धारा के प्रवाहित होने के कारण चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्योंकि चुम्बकीय सुई का विक्षेपन विद्युत धारा पर निर्भर करता है। विद्युत धारा का प्रभाव जितना अधिक होगा, चुम्बकीय सुई का विक्षेपण भी उतना ही अधिक होगा।

प्रश्न 3.ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित हो सके।

   
उत्तर
: 1. टोंटी का पानी, 2. नींबू का पानी, 3. कॉपर सल्फेट का जलीय विलयन।

प्रश्न 4. चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप सम्भावित कारणों की सूची बना सकते हैं? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।

               
उत्तर
: चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था से बल्ब जलने के निम्न संभावित कारण हो सकते हैं- हो सकता है कि विद्युत धारा दुर्बल हो इसके लिए एल. . डी. का उपयोग किया जा सकता है जो दुर्बल विद्युत धारा प्रवाहित होने पर भी दीप्त होता है इसका कारण यह भी हो सकता है कि बीकर में विद्युत अपघट्य हों ग्लूकोज विलयन, ऐल्कोहल अथवा आसुत जल होने पर भी बल्ब नहीं जलेगा।

प्रश्न 5. दो द्रवों ‘A’ तथा ‘B’ के विद्युत चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया । यह देखा गया कि संपरीक्षित्र का बल्ब द्रव ‘A’ के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव ‘B’ के लिए अत्यन्त धीमा दीप्त हुआ । आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि-
      (1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’से अच्छा चालक है।
      (2) द्रव ‘B’, द्रव ‘A’ से अच्छा चालक है।
      (3) दोनों द्रवों की चालकता समान है।
      (4) द्रवों की चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर: (1) द्रव ‘A’, द्रव ‘B’ से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है ? यदि नहीं तो इसे चालक बनाने के लिए हम क्या कर सकते है।
उत्तर: शुद्ध जल विद्युत का चालन नहीं करता शुद्ध जल को चालक बनाने के लिए अम्ल, क्षार या लवण को जल में मिलाकर  उसका विलयन प्राप्त किया जाता है। यदि हम उसमें नमक, चीनी या कुछ बूंदें सल्फ्यूरिक अम्ल की मिला दें तो जल विद्युत का चालन करेगा

प्रश्न 7. आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं । व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं?
उत्तर: नल का जल विद्युत का सुचालक है विद्युत के झटके से बचने के लिए फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले मुख्य विद्युत आपूर्ति को बंद कर देते हैं।

प्रश्न 8. तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित्र से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है । वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुम्बकीय सुई अधिक विक्षेप वर्शाती है। क्या आप कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर: साधारण पानी की अपेक्षा समुद्र के पानी में लवणों की मात्रा अधिक होती है साधारण पानी में विद्युत का चालन नहीं होता किन्तु समुद्र का पानी विद्युत का चालन आसानी से कर सकता है इस कारण चुम्बकीय सुई समुद्र के पानी में अधिक विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 9. क्या तेज वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के लिए विद्युत तारों की मरम्मत करना सुरक्षित होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: तेज वर्षा के समय बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत तारों की मरम्मत करने पर करंट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है, क्योंकि बारिश का जल लवणों का विलयन है, इसलिए विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 10. पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल । इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया । उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप वर्शाती है । इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर: यह नि:संदेह सत्य है कि आसुत जल की भांति वर्षा का जल भी शुद्ध है किन्तु वातावरण में बहुत सी अशुद्धियाँ हैं; जैसे-कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड ये अशुद्धियाँ वर्षा के जल को चालक बना देती है। जिस कारण सपराक्षित्र से परीक्षण करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।

प्रश्न 11. अपने आस-पास उपलब्ध विद्युतलेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर: विद्युतलेपित वस्तुएँ निम्नलिखित हैं
            (1)
लोहे के ऊपर टिन का विद्युत लेपन किया जाता है।
            (2)
कृत्रिम गहने वाली सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युत लेपन किया जाता है
            (3)
गैस के बर्नर, साइकिल के रिम तथा स्नानगृह के नल पर विद्युत लंपन किया जाता है।

                    
प्रश्न 12. जो प्रक्रिया आपने क्रियाकलाप 11.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है । एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है । कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित किया जाए ? कारण भी लिखिए।

उत्तर: अशुद्ध कॉपर की छड़ एनोड का कार्य करती है, इसलिए उसे बैटरी के धन टर्मिनल से जोड़ना चाहिए। जब कॉपर सल्फेट में विद्युत प्रवाह किया जाता है, धनायन कैथोड की ओर गति करते हैं और शुद्ध धातु कैथोड़ पर जमा हो जाती है, अशुद्धियाँ एनोड तल के नीचे बैठ जाती हैं।

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science 

Important Questions and Answers   बहुविकल्पीय प्रश्न

1. विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु कीपरत निक्षेपित करना कहलाता है।
() विद्युतलेपन   () इलेक्ट्रोड      () हीनचालक      () सुचालकता
उत्तर:  () विद्युतलेपन

2. पहियों के रिम पर लेपन होता है।
    () लोहे का   () सिल्वर का    () क्रोमियम का    () कॉपर का ।
उत्तर:  () क्रोमियम का

3. जल के विद्युत अपघटन द्वारा धन टर्मिनल पर प्राप्त होने वाली गैस है।
     () ऑक्सीजन व हाइड्रोजन दोनों () हाइड्रोजन  () ऑर्गन  () ऑक्सीजन।

उत्तर:  () ऑक्सीजन।

4. साधारण लवण को आसुत जल में घोलने पर आसुत जल बन जाता है।
() चालक   () अचालक   () चालक न ही अचालक    () कोई नहीं ।
उत्तर:  () चालक

5. निम्न में से विद्युत धारा का चालन नहीं होता है।
() आलू   () आसुत जल  () समुद्री जल   () कुओं का जल ।
उत्तर:  () आसुत जल

रिक्त स्थान पूर्ति

()..... के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।
() नमक का घोल विद्युत का …………….. है।
() आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण ………………. होता है।
() उद्योगों में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत विलपित करने के लिए ……………. का व्यापक रूप में     उपयोग किया जाता है।
() जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर ……………… की परत निक्षेपित कर दी जाती है।
उत्तर:  () विद्युत धारा   () चालक   () हान चालक   () विद्युत लेपन     () जिंक

सुमेलन

कॉलम

कॉलम

(i) तौबा

() अचालक

(ii) रबड़

() हीन चालक

(iii) आसुत जल

() एनोड

(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड

() सुचालक

(v) धन टर्मिनल से

() कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड

उत्तर:

कॉलम

कॉलम

(i) तौबा

() सुचालक

(ii) रबड़

() अचालक

(iii) आसुत जल

() हीन चालक

(iv) ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड

() कैथोड संयोजित इलेक्ट्रोड

(v) धन टर्मिनल से

() एनोड

सत्य / असत्य कथन

() ऐलुमिनियम विद्युत का चालन करता है।
() प्लास्टिक विद्युत का सुचालक है।
() बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर दीप्त हो जाता है।
() आसुत जल लवणों से मुक्त होने के कारण हीन चालक है।
() टिन लोहे से अधिक क्रियाशील होता है।
उत्तर: () सत्य   () असत्य   () सत्य   () सत्य   () असत्य।

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science 

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सुचालक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित होने देते हैं, वे विद्युत के सुचालक कहलाते हैं।

प्रश्न 2. हीन चालक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते, वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं।

प्रश्न 3. किन्हीं दो सुचालक के नाम लिखिए।
उत्तर: ताँबा तथा ऐलुमिनियम

प्रश्न 4. किन्हीं दो अचालक के नाम लिखिए।
उत्तर: रबड़ तथा प्लास्टिक

प्रश्न 5. बल्ब से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह दीप्त क्यों होता है?
उत्तर: विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण बल्ब का तंतु उच्च ताप तक गर्म होकर दीप्त हो जाता है।

प्रश्न 6. किन द्रवों के द्वारा विद्युत का चालन किया जा सकता है?
उत्तर: अम्ल, क्षार एवं लवण द्वारा।

प्रश्न 7. विद्युत लेपन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

प्रश्न 8. कॉपर लेपन के लिए लगभग कितने वोल्ट की बैटरी की आवश्यकता होती है?
उत्तर: 10 वोल्ट की बैटरी।

प्रश्न 9. इलेक्ट्रोड्स क्या होते हैं?
उत्तर: चालक छड़, प्लेटें आदि जिनमें से धारा विद्युत अपघट्य में प्रवेश करती है या बाहर निकलती है, इलेक्ट्रोड्स कहलाते हैं।

प्रश्न 10. आभूषण बनाने वाली सस्ती धातुओं पर किसका विद्युत लेपन करते हैं?
उत्तर: चाँदी तथा सोने का।

प्रश्न 11. खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले डिब्बों में लोहे के ऊपर किसका विद्युत लेपन किया जाता है?
उत्तर: टिन का।

प्रश्न 12. लोहे को जंग से बचाने के लिए इस पर किस धातु की परत निक्षेपित कर दी जाती है?
उत्तर: जिंक की।

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एल. . डी. क्या है ? इसे परिपथ से कैसे जोड़ा जाता है?
उत्तर: एल..डी. (LED) : यह (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) एक संपरीक्षित्र है यह दुर्बल विद्युत धारा होने पर भी दीप्त होता है एल..डी. के साथ दो तार जुड़े होते हैं, इन्हें लीड्स कहते हैं। दोनों तारों में से एक तार दूसरे तार की अपेक्षा थोड़ा लम्बा होता है परिपथ में जोड़ते समय एल..डी. के लम्बे तार को सदैव बैटरी के धन टर्मिनल से तथा छोटे तार को बैटरी के ऋण टर्मिनल से जोड़ा जाता हैं

            

प्रश्न 2. विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र किस प्रकार बनाया जा सकता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर: माचिस की खाली डिबिया से ट्रे निकालिए। ट्रे पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक विद्युत तार के कुछ फेरे लपेटिए। ट्रे के भीतर  एक छोटी चुंबकीय सुई रखिए। अब तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी के एक टर्मिनल से जोड़िए। तार के दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। तार का एक दूसरा टुकड़ा भोकर गैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़िए।
            

                                      (चित्र संपरीक्षित्र)

दोनों तारों के स्वतंत्र सिरों को क्षणमात्र के लिए एक दूसरे से स्पर्श कराइए। चुंबकीय सुई को तुरंत विक्षेप दिखाना चाहिए। आपका तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित्र तैयार है।

प्रश्न 3. विद्युत के सुचालक तथा विद्युत के हीन चालक से क्या समझते हो?
उत्तर: वे पदार्थ जो अपने से होकर विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से होने देते हैं, सुचालक कहलाते हैं; जैसे-लोहा, ताँबा आदि वे  पदार्थ जो अपने में से होकर विद्युतधारा को आसानी से प्रवाहित होने नहीं देते वे विद्युत के हीन चालक कहलाते हैं    जैसेआसुत जल, शहद आदि।

प्रश्न 4. आसुत जल को किस प्रकार विद्युत का चालक बनाया जा सकता है ?
उत्तर:   एक साफ सूखे प्लास्टिक के बीकर में थोड़ा आसुत जल लेकर यह प्रेक्षित करते हैं कि आसुत जल विद्युत चालन नहीं  करता है अब एक चम्मच साधारण नमक (NaCl) लेकर इसे आसुत जल में घोलते हैं इसके पश्चात् इसका पुनः परीक्षण करते हैं तो यह पाते हैं कि आसुत जल में साधारण नमक मिश्रित करने पर यह विद्युत का चालन आसानी से करने लगता है

प्रश्न 5. एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि अम्ल, क्षार तथा लवण के विलयन विद्युत का चालन करते हैं?
उत्तर: बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के तीन स्वच्छ हक्कन लीजिए। प्रत्येक में लगभग दो चाय के चम्मच के बराबर आसुत जल भरिए। एक ढक्कन के आसुत जल में कुछ बूंदें नींबू के रस या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मिलाइए। अब दूसरे ढक्कन   के आसुत जल में कास्टिक सोडा या पोटेशियम आयोडाइड जैसे क्षारक की कुछ बूदें मिलाइए। तीसरे ढक्कन के आसुत  जल में थोड़ी सी चीनी डालकर घोलिए। परीक्षण कीजिए, इन विलयनों में से सभी विलयन क्रमशः (अम्ल, क्षार एवं    लवण) विद्युत का चालन करते हैं।

प्रश्न 6. विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव बताइए।
उत्तर:   विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव-
          (i)
इलेक्ट्रोडों पर धातु का निक्षेपण हो सकता है।
          (ii)
रासायनिक प्रभाव के फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर गैस के बुलबुले बन सकते हैं।
          (iii)
किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं।
          (iv)
विलयनों के रंग में परिवर्तन हो सकते हैं।

प्रश्न 7. विद्युत लेपन के उपयोग लिखिए।
उत्तर: विद्युत लेपन के उपयोग-
            (i)
लोहे को संक्षारण से बचाने के लिए क्रोमियम अथवा निकिल से विलेपित किया जाता है
            (ii)
साइकिल के हैंडल, पहिए के रिम, कारों के तमाम भाग क्रोमियम से विलेपित होते हैं ताकि वे चमकदार आकर्षक बन सके

    
   
   (iii) लोहे पर टीन की पतली परत विलेपित करने से टीन के डिब्बे तैयार किए जाते हैं
            (iv)
कृत्रिम आभूषण, जो सस्ती धातुओं से बनते हैं, उन्हें आकर्षक बनाने के लिए सोने अथवा चाँदी से विलेपित करते हैं।

Chapter-11 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Class 8th Science दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एक प्रयोग द्वारा बताइए कि नींबू का रस या सिरका विद्युत का सुचालक है?
उत्तर: बेकार फेंकी गई बोतलों के प्लास्टिक या रबड़ के कुछ ढक्कन एकत्र करके उन्हें साफ करिए। एक ढक्कन में एक चाय के चम्मच के बराबर नींबू का रस या सिरका उड़ेलिए। अपने संपरीक्षित्र को इस ढक्कन के समीप लाकर उसके सिरों को नींबू के रस या सिरके में डुबोइए। ध्यान रखिए कि दोनों सिरे परस्पर 1 cm के अधिक दूरी पर हों लेकिन इसी के साथ-साथ वे एक दूसरे को स्पर्श भी करें। ऐसा करने से संपरीक्षित्र का बल्ब दीप्त होता है। अर्थात् नींबू का रस या सिरका विद्युत का चालन करता है।

     
  

प्रश्न 2. कुछ पदार्थों के उदाहरण दीजिए एवं बताइए कि उनमें संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को डुबोने से चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है अथवा नहीं एवं यह भी बताइए कि ये सुचालक है अथवा हीनचालक। (क्रियाकलाप)


  उत्तर:

पदार्थ

चुम्बकीय सुई विक्षेप वर्शाती है, हाँ / नहीं

सुचालक / हीनचालक

1. नींबू का रस

हाँ

सुचालक

2. सिरका

हाँ

सुचालक

3. टोंटी का पानी

हाँ

सुचालक

4. वनस्पति तेल

नहीं

हीनचालक

5. दूध

नहीं

हीनचालक

6.शहद

नहीं

हीनचालक

7. इंधन

नहीं

हीनचालक

8. अम्ल विलयन

हाँ

सुचालक

9. क्षार विलयन

हाँ

सुचालक

10. लवण विलयन

हाँ

सुचालक

प्रश्न 3. जल से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर होने वाली अभिक्रिया एक प्रयोग द्वारा दर्शाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर: दो बेकार सेलों से सावधानीपूर्वक कार्बन की छड़ें निकालिए। उनकी धातु की टोपियों को रेगमाल से साफ करके इन पर ताँबे  के तार लपेटिए और उन्हें एक बैटरी से जोडिए। इन दो छड़ों को इलेक्ट्रोड कहते हैं। (कार्बन की छड़ों के स्थान पर आप लगभग 6cm लम्बी लोहे की कीलें भी ले सकते हैं) किसी काँच के गिलास या प्लास्टिक के कटोरे में एक प्याला जल भरिए। जल को और अधिक चालक बनाने के लिए, इसमें एक छोटा चम्मच भरकर साधारण नमक या नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाइए। अब इस विलयन में इलेक्ट्रोडों को डुबोइए। यह सुनिश्चित कीजिए कि कार्बन की छड़ों की धातु की टोपियाँ जल से बाहर रहें। 3-4 मिनट तक प्रतीक्षा कीजिए। गैस के बुलबुले इलेक्ट्रोड पर निकलते हैं। जब जल से विद्युत धारा गुजरती है तो ऑक्सीजन

    
                     
 

एवं हाइड्रोजन गैसों के बुलबुले दिखाई देते हैं। ऑक्सीजन गैस बैटरी के धनात्मक सिरे से जुड़े हुए इलेक्ट्रोड पर जाती है एवं हाइड्रोजन गैस दूसरे इलेक्ट्रोड पर जाती है।

प्रश्न 4. एक धातु की सतह के ऊपर दूसरी धातु की परत किस प्रकार निक्षेपित कर दी जाती है? एक प्रयोग द्वारा प्रदर्शित कीजिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर: कॉपर सल्फेट तथा लगभग 10 cm × 4cm साइज की ताँबे की दो प्लेट लीजिए। किसी स्वच्छ तथा सूखे बीकर में 250 mL  आसुत जल लीजिए। इसमें चाय की दो चम्मच भरकर कॉपर सल्फेट घोलिए। अधिक चालक बनाने के लिए कॉपर सल्फेट विलयन में कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डालिए। ताँबे की प्लेटों को रेगमाल से साफ कीजिए। इन्हें पानी में धोकर सुखाइए। ताँबे की प्लेटों को एक बैटरी के टर्मिनलों से संयोजित कीजिए और उन्हें कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोइए

             
                         
परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित होने दीजिए। अब विलयन में से इलेक्ट्रोडों को हटाइए, एक इलेक्ट्रोड पर नीले रंग की परत जमा हो जाती है। जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट, कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है। स्वतंत्र कॉपर (ताँबा) बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्राड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर निक्षेपित हो जाता है। लेकिन विलयन से कॉपर के क्षय की पूर्ति कैसे होती है ?

दूसरे इलेक्ट्रोड से जो ताँबे की प्लेट से बना है, समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है। इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम हुआ, वह विलयन में पुन: स्थापित हो जाता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसका अर्थ हुआ कि इस विद्युतलेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड को स्थानांतरित होता जाता है।

 

 

 

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