Monday, January 6, 2025

विज्ञान कक्षा सातवीं उड़ान कार्य पुस्तिका हल

 

विज्ञान कक्षा सातवीं उड़ान कार्य पुस्तिका अध्याय-1 पादपों में पोषण

🔿 पूर्व दक्षताएं – 503,502,506,601,604   

🔿 वर्तमान दक्षताएं -701,703,704,706,707,709 

🔿 पूर्व दक्षता - 601                  कार्यपत्रक -1       🔿 वर्तमान दक्षता - 701 

        पदार्थों और जीव जैसे- जंतु , दाँतों के प्रकार,दर्पण और लेंस आदि को अवलोकन योग्य विशेषताओं जैसे आकृति ,बनावट, कार्य आदि के आधार पर पहचान करते हैं।


 (a) कोष्ठक चिन्हों में दिए गए विकल्प में से ठीक का चुनाव करके रिक्त स्थान भरे।

नंबर (1)  एक पौधा पानी और घुलनशील लवणों को  ………….  द्वारा अवशोषित करता है ।

                                                                                       (जड़ों/तने/पत्ते)

उत्तर : एक पौधा पानी और घुलनशील लवणों को  जड़ों  द्वारा अवशोषित करता है ।

नंबर (2)  प्रकाश संश्लेषण में ………….. गैस निकलती है । 

                                         (कार्बन डाइऑक्साइड /ऑक्सीजन, हाइड्रोजन)               

उत्तर :  प्रकाश संश्लेषण में ऑक्सीजन गैस निकलती है ।

नंबर (3)    स्टार्च टेस्ट के लिए  ……….. घोल प्रयुक्त किया जाता है । 

                                                        (कास्टिक सोडा/आयोडीन/क्लोरीन)  

उत्तर :  स्टार्च टेस्ट के लिए  आयोडीन घोल प्रयुक्त किया जाता है । 

नंबर (4) ……………….. सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में भोजन तैयार करता है ।

                                                         (जड़/तना/पत्ता)

उत्तर : पत्ता सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में भोजन तैयार करता है ।

नंबर (5)  ……………………  पौधे की रसोई कहलाते हैं ।  (जड़/तना/पत्ते) 

उत्तर :  पत्ते  पौधे की रसोई कहलाते हैं ।                                                            

नंबर (6)   ……………… अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।   (जंतु/पादप)     

उत्तर : पादप अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।  

नंबर (7)  …………… तथा …………… प्रत्यक्ष/परोक्ष रूप से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।

                                             (जंतु तथा पादप/ जंतु तथा मानव/ मानव तथा अन्य जीव)

उत्तर : जंतु तथा पादप  से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।

नंबर (8) …………… वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा जलवाष्प को वायु में निष्कासित करते हैं ।

                                                                            (जड़/तना/पत्तियां)

उत्तर : पत्तियां वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा जलवाष्प को वायु में निष्कासित करते हैं ।

नंबर (9)  हरी पत्तियां  ……………………. की उपस्थिति में वायु तथा जल से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन बनाती हैं ।     ( चांद के प्रकाश/सूर्य के प्रकाश)

उत्तर : हरी पत्तियां  सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु तथा जल से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन बनाती हैं ।    

नंबर (10)  क्लोरोफिल,सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड एवं ……………… प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक हैं ।      (ऑक्सीजन/ जल/पत्ते)

उत्तर : क्लोरोफिल,सूर्य का प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक हैं

🔿 पूर्व दक्षता - 604               कार्यपत्रक -2               🔿 वर्तमान दक्षता - 704 

                  प्रश्नों के उत्तर ज्ञात करने के लिए सरल छानबीन करते हैं जैसे- क्या फूलों (रंगीन फूलों) के निष्कर्ष का उपयोग अम्लीय-क्षारीय सूचको के रूप में किया जा सकता है ? क्या हरे रंग से भिन्न  रंग वाले पत्तों में भी प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है ? क्या सफेद रंग का प्रकाश बहुत से रंगों से मिलकर बनता है? विभिन्न माध्यमों से ऊष्मा स्थानांतरण कैसे होता है ? आदि

(b) अपनी समझ के अनुसार उत्तर दे।

(i) प्रकाश संश्लेषण के दौरान पत्तियों द्वारा कौन सी ऊर्जा संग्रहित की जाती है ?

उत्तर: प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपान्तरण हो जाता है 

(ii) पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए मिट्टी से क्या प्राप्त करते हैं ?

उत्तर: एक पौधा पानी और घुलनशील लवणों को  जड़ों  द्वारा अवशोषित करता है ।

(iii) पौधे वायुमंडल से कौन सी गैस भोजन बनाने के लिए लेते हैं ?

उत्तर: कार्बन डाइऑक्साइड ।

(iv) प्रकाश संश्लेषण के दौरान कौन से पोषक तत्व का निर्माण होता है ?

उत्तर:  भोज्य पदार्थों (मण्ड) का। पौधे केवल सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं जो बाद में मण्ड में परिवर्तित हो जाता है।

(v) पत्तियां कौन सी क्रिया द्वारा जलवाष्प को वायु में निष्कासित करती है ?

 उत्तर: वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा ।

(vi) पौधों में पाए जाने वाले हरे रंग के वर्णक को क्या कहते हैं ?

उत्तर: पर्णहरित या क्लोरोफिल ।

(vii) क्या सभी पादप भोजन के लिए प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पर निर्भर करते हैं ?

 उत्तर: हां,सभी हरे पादप भोजन के लिए प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पर निर्भर करते हैं  

        पौधे अपना भोजन स्वयं बना लेते हैंइसलिए इन्हें स्वपोषी कहा जाता है। कुछ ऐसे 

पौधे भी होते है जो अपना भोजन नहीं बना पाते अथवा आंशिक रूप से बना पाते हैंवे भी 

प्राणियों की भाँति विषमपोषी पौधे कहलाते हैं।

(viii) छत्रक (मशरूम) कौन से जीव का उदाहरण है ?

उत्तर:  कुकुरमुत्तामशरूमम्यूकर आदि कवकों के उदाहरण हैं। ये सड़ी-गली  कार्बनिक 

वस्तुओं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

(ix) पादपों  के अलावा कौन से जीव प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन प्राप्त करते हैं ?

एक उदाहरण दें ?

उत्तर: पौधे, शैवाल और साइनोबैक्टीरिया नामक जीवाणुओं का एक समूह ही प्रकाश 

संश्लेषण में सक्षम जीव हैं।

(x) खेतों में भूमि में  उर्वरक तथा खाद  मिलने की आवश्यकता क्यों होती  है ? 

       अपनी समझ अनुसार बताएं ?

उत्तर: उर्वरक एवं खाद में नाइट्रोजनपोटैशियमफास्फोरस जैसे पादप पोषक होते हैंमृदा 

को इन पोषक तत्वों से समृद्ध करने के लिए भूमि में उर्वरक तथा खाद मिलाने की 

आवश्यकता  होती है। जीवाणुओं द्वारा मृत जीवों के विघटन से भी इन पदार्थों की पूर्ति होती 

है। कृषि क्षेत्रों में, खाद और उर्वरक मिट्टी को महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करके महत्वपूर्ण 

भूमिका निभाते हैं। यह प्रक्रिया मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है। 

🔿 पूर्व दक्षता - 503             कार्यपत्रक - 3                 🔿 वर्तमान दक्षता - 704 

(C)  स्तम्भ A तथा स्तम्भ B के शब्दों का मिलान कीजिए-

स्तम्भ A

स्तम्भ B

1. भोजन के मुख्य घटक

(a) कीटभक्षी 

2. प्रकाश संश्लेषण के दौरान बनने वाला पोषक

(b) स्वपोषी

3. सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया

(c) विषमपोषी

4. जो जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं

(d) मृदा से जलखनिज लवण अवशोषण

5. जो जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते हैं

(e) परपोषों को अमूल्य पोषकों से वंचित करता है

6. तने के कार्य

(f) पोषण

7. परजीव

(g) परजीवी

8. पादपो की तरह परपोषी

(h) कार्बोहाइड्रेट

9. अमरबेल

(i) कार्बोहाइड्रेटप्रोटीनवसाविटामिन एवं खनिज लवण

10. घटपर्णी

(j) शैवाल

उत्तर: 

स्तम्भ A

स्तम्भ B

 1. भोजन के मुख्य घटक 

 (i) कार्बोहाइड्रेटप्रोटीनवसाविटामिन एवं खनिज लवण

  2. प्रकाश संश्लेषण के दौरान बनने वाला        पोषक

(h) कार्बोहाइड्रेट

  3. सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने की           प्रक्रिया हैं

(f) पोषण

  4. जो जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं

(b) स्वपोषी

  5. जो जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते          हैं

(c) विषमपोषी

  6. तने के कार्य

(d) मृदा से जलखनिज लवण अवशोषण

7. परजीव

(e) परपोषों को अमूल्य पोषकों से वंचित करता है

8. पादपों की तरह परपोषी

 (j) शैवाल

9. अमरबेल

(g) परजीवी

10. घटपर्णी

(a) कीटभक्षी 

 

       अध्याय-2 प्राणियों में पोषण    विज्ञान कक्षा सातवीं   उड़ान कार्य पुस्तिका     

🔿 पूर्व दक्षताएं – 506,601,602,604      🔿 वर्तमान दक्षताएं -701,702,706,709,711 

🔿 पूर्व दक्षता - 602                        🔿 वर्तमान दक्षता - 702 

                               कार्यपत्रक -1       

         पदार्थों और जीवों में गुणों, संरचना एवं कार्यों के आधार पर भेद करते हैं-जैसे विभिन्न जीवों में पहचान एकलिंगी व द्विलिंगी पुष्प, ऊष्मा के चालक व कुचालक,अम्लीय, क्षारकीय व उदासीन पदार्थों, दर्पणों व लैंसो से बनने वाले प्रतिबिंब आदि।

A :  सोचो और बताओ?

(I)   घर में लोग तुम्हें कहते होंगे, ’’खाना धीरे-धीरे खाओ, ठीक से चबाओ, खाना अच्छे से पकेगा’’ सोचो, वे ऐसा क्यों कहते होंगे ?

उत्तर: लोग अक्सर कहते हैं कि खाना धीरे-धीरे खाओ और ठीक से चबाओ क्योंकि इससे कई फायदे होते हैं:

1.    पाचन में मदद: जब हम खाना ठीक से चबाते हैं, तो वह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, जिससे पाचन तंत्र को उसे पचाने में आसानी होती है।

2.    पोषक तत्वों का अवशोषण: धीरे-धीरे खाने से शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने का अधिक समय मिलता है।

3.    वजन नियंत्रण: धीरे-धीरे खाने से हमें पेट भरने का एहसास जल्दी होता है, जिससे हम अधिक खाने से बच सकते हैं।

4.    स्वाद का आनंद: धीरे-धीरे खाने से हम खाने के स्वाद का पूरा आनंद ले सकते हैं।

(II)  सोचो, हमारे मुंह से लार क्या काम करती होगी ?

उत्तर: लार (Saliva) हमारे मुंह में कई महत्वपूर्ण कार्य करती है:

1.   पाचन में मदद: लार में टायलिन एंजाइम होता है इसे लार एमाइलेज भी कहा जाता है, जो भोजन में मौजूद स्टार्च को तोड़ने में मदद करता है।

2.   भोजन को गीला करना: यह भोजन को गीला और मुलायम बनाती है, जिससे उसे निगलने में आसानी होती है।

3.   स्वाद महसूस करना: लार भोजन को घोलती है, जिससे स्वाद कलिकाएं (taste buds) भोजन का स्वाद महसूस कर पाती हैं।

4.   मुँह की सफाई: लार मुँह को साफ रखने में मदद करती है और बैक्टीरिया को हटाती है।

5.   दांतों की सुरक्षा: यह दांतों को क्षरण से बचाने में मदद करती है।

(III)   हमारे भोजन में हम आमतौर पर किस पोषक की मात्रा ज्यादा लेते है?

उत्तर: हमारे भोजन में आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट, वसा, और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। ये तीनों पोषक तत्व, जिन्हें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स कहा जाता है, हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और इसके निर्माण में मदद करते हैं1

कार्बोहाइड्रेट: यह हमारे भोजन का मुख्य स्रोत होता है और हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। चावल, रोटी, आलू, और मिठाइयाँ इसके प्रमुख स्रोत हैं।

वसा: यह ऊर्जा का एक सघन स्रोत है और शरीर के विभिन्न कार्यों में मदद करता है। तेल, घी, मक्खन, और नट्स इसके प्रमुख स्रोत हैं।

प्रोटीन: यह शरीर के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दालें, मांस, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्रोत हैं।

(IV)   मक्खी, मच्छर, जूं कौन-सी विधि द्वारा आहार लेते होंगे?

उत्तर: मक्खी, मच्छर और जूं तीनों अलग-अलग विधियों से आहार लेते हैं:

1.   मक्खी: मक्खियां तरल आहार लेती हैं। वे अपने मुख से लार छोड़ती हैं जो ठोस भोजन को तरल में बदल देती है, फिर वे इसे चूस लेती हैं

2.   मच्छर: मच्छर अपने मुख के विशेष अंग, जिसे प्रोबोसिस कहते हैं, का उपयोग करके खून चूसते हैं। मादा मच्छर खून पीती हैं क्योंकि उन्हें अंडे देने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है

3.   जूं : जूए अपने छोटे-छोटे मुख के अंगों का उपयोग करके त्वचा से खून चूसती हैं। वे अपने छोटे-छोटे पंजों से बालों में चिपक जाती हैं और खून चूसती हैं

 (V)   निम्न जीवों की पोषण विधि अथवा पोषण विधि से संबंधित उदाहरण लिखें।

उत्तर: जीवों में पोषण की विधियाँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं: स्वपोषी पोषण और विषमपोषी पोषण।

1. स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) :

स्वपोषी जीव अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं। ये जीव अकार्बनिक पदार्थों से कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं। उदाहरण : हरे पौधे, कुछ जीवाणु ।

हरे पौधे: ये सूर्य के प्रकाश की सहायता से कार्बन डाइऑक्साइड और जल से ग्लूकोज का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं

कुछ जीवाणु: जैसे कि नीले-हरे शैवाल (cyanobacteria), जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बनाते हैं।

2. विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition):

विषमपोषी जीव अपने भोजन का निर्माण स्वयं नहीं कर सकते हैं और अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं।

प्राणीसम पोषण (Holozoic Nutrition): ये जीव ठोस भोजन ग्रहण करते हैं और उसका पाचन शरीर के अंदर करते हैं। उदाहरण: मनुष्य, शेर।

मृतजीवी पोषण (Saprophytic Nutrition): ये जीव मृत जीवों और सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं। उदाहरण: फफूंद, कवक।

परजीवी पोषण (Parasitic Nutrition): ये जीव अन्य जीवों के शरीर के अंदर या बाहर रहकर उनसे भोजन प्राप्त करते हैं। उदाहरण: अमरबेल, जूँ।

           पूर्व दक्षता - 601                                          वर्तमान दक्षता - 709                                      

                                           कार्यपत्रक . 2                    

नामांकित चित्र/फ्लो चार्ट बनाते है जैसे मानव व पादप अंग-तंत्र, विद्युत परिपथ, प्रयोगशाला 

आदि।

B : मानव पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों को नामांकित करें।

      
उत्तर: मानव पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों और उनके कार्यों के बारे में जानकारी:

 1. मुख (मुंह) (Mouth) : खाने को चबाने और उसे निगलने का कार्य करता है।

  2.मुख गुहिका (Buccal Cavity): यह भोजन को चबाने और लार के साथ मिलाने का कार्य  

           करती है।

3.लाला ग्रंथि (Salivary Gland): यह लार का स्राव करती है जो भोजन को नरम और पचाने 

   में मदद करती है।

4. गला (Pharynx) : भोजन को मुँह से ग्रसनी ऑफिस में ले जाने के लिए है।

5.ग्रास नली (Esophagus): यह भोजन को मुख से आमाशय तक पहुँचाती है।

6.यकृत (Liver): पाचन रस का उत्पादन और विषाक्त पदार्थों का निष्कासन का कार्य करता  है।

7.आमाशय (Stomach): यहाँ भोजन का पाचन होता है और यह पाचक रसों का स्राव करता  है।

8.अग्न्याशय (Pancreas): यह पाचक एंजाइम और हार्मोन का स्राव करता है।

9.वृहदांत्र (Large Intestine): यहाँ पानी का अवशोषण होता है और अपशिष्ट पदार्थ को बाहर

     निकालने की तैयारी होती है।

10.छोटी आंत(Small Intestine):यहाँ अधिकांश पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण होता है।

11. मलाशय (Rectum): मल संग्रह का स्थान होता है।

12.गुदा (Anus): यह मल को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करता है।

13. पिताशय (Gall Bladder): यह यकृत द्वारा निर्मित पित्त रस को संग्रहित करता है।

14. पित रस (Bile Juice): यह वसा के पाचन में मदद करता है।

 

पूर्व दक्षता - 506                                                        वर्तमान दक्षता – 701

                                         कार्यपत्रक -3

           पदार्थों और जीवों जैसे- जंतु, दांतों के प्रकार, दर्पण और लेंस आदि को अवलोकन योग्य विशेषताओं, जैसे आकृति, बनावट, कार्य आदि के आधार पर पहचान करते है।

 C :   सही मिलान कीजिए।

कालम- ए

कालम-बी

मुख गुहिका

लाला रस स्रावित करती है।

आमाशय

वसा के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका

ग्रास नली

जल का अवशोषण

वृहदांत्र (बड़ी आंत)

पित्त रस का निर्माण

गुदा

बिना पचे भोजन का भंडारण

दाँतों का कार्य

कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन पर क्रिया

आयोडीन विलयन

पाचन का पूरा होना

पिताशय

मल का निष्कासन

अग्नाशय

अम्ल का निर्मोचन

लाला ग्रंथि

अंतग्र्रहण

छोटी आंत

भोजन को नीचे की ओर धकेलता है।

पित रस

मंड की जांच

यकृत

सबसे बड़ी ग्रंथि

मलाशय

भोजन का चबाना

 

उत्तर:

कालम- ए

कालम-बी

मुख गुहिका

अंतग्र्रहण

आमाशय

अम्ल का निर्मोचन

ग्रास नली

भोजन को नीचे की ओर धकेलता है।

वृहदांत्र (बड़ी आंत)

जल का अवशोषण

गुदा

मल का निष्कासन

दाँतों का कार्य

भोजन का चबाना

आयोडीन विलयन

मंड की जांच

पिताशय

पित्त रस को संग्रहित करता है।

अग्नाशय

कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन पर क्रिया

लाला ग्रंथि

लाला रस स्रावित करती है।

छोटी आंत

पाचन का पूरा होना

पित रस

वसा के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका

यकृत

सबसे बड़ी ग्रंथि, पित्त रस का निर्माण

मलाशय

बिना पचे भोजन का भंडारण


               विज्ञान कक्षा सातवीं उड़ान कार्य पुस्तिका अध्याय : 3 ऊष्मा

पूर्व दक्षता - 506,602                     वर्तमान दक्षता -702,704,706,708 

पूर्व दक्षता - 506                      कार्यपत्रक: 1                 वर्तमान दक्षता -702

       पदार्थों और जीवों में गुणों, संरचना एवं कार्यों के आधार पर भेद करते हैं-जैसे विभिन्न जीवों में पहचान एकलिंगी व द्विलिंगी पुष्प, ऊष्मा के चालक व कुचालक, अम्लीय क्षारकीय व उदासीन पदार्थ, दर्पणों व लैंसो से बनने वाले प्रतिबिंबों आदि।

  आपने कभी किसी को या स्वयं सर्दियों में हाथों पर फूँक मारी होगी या मारते हुए देखा होगा इसी प्रकार गर्मियों में गर्म चीजों को फूँक मारकर ठंडा करने की कोशिश की होगी -

(i) सर्दी में अपने हाथों पर फूँक मारने पर कैसा लगता है?

उत्तर: फूंक मारने पर हमें गर्म महसूस होता है।

(ii) अपने हाथों को मुँह के पास लाकर जोर से दो-तीन बार फूँक मारो। मुँह से छोड़ी हुई फूँक की हवा आस-पास की हवा के मुकाबले कैसी लगी? लिखे।

उत्तर: मुँह से छोड़ी हुई फूँक की हवा आस-पास की हवा के मुकाबले हमें गर्म महसूस होती है।

(iii) अगर हाथों को मुँह से थोड़ी दूरी पर रखो, तब भी हमें क्या मुँह से निकली हुई हवा गर्म लगेगी? क्यों?

उत्तर: हां, क्योंकि आप-पास की हवा बहुत ठंडी होती है इसलिए मुंह से छोड़ी हुई हवा हमें गर्म महसूस होती है।

(iv) अपने रुमाल या किसी भी मुलायम कपड़े को 2-3 बार मोड़कर उसे मुँह के पास लाकर 2-3 बार जोर से फूँक मारो। क्या रूमाल या कपड़ा कुछ गर्म हो गया? करके देखों।

उत्तर: हां, क्योंकि मुंह से छोड़ी हुई हवा गर्म होती है जो रुमाल को भी गर्म कर देगी।

(v) क्या कभी कुछ गर्म खाने या पीने से तुम्हारी जीभ जली है? तुम अपने गर्म खाने को कैसे ठंडा करते हो? 

उत्तर: हां, हम अपने गर्म खाने को भी फूंक मारकर ही ठंडा करते हैं।

(vi) एक स्टील की चम्मच/लोहें की छड़ी को लेकर एक मोमबत्ती की लौ से गर्म करें। थोड़ी देर बाद दूसरे सिरे को कैसा महसूस करेंगे? चर्चा करके कारण बताएँ।

उत्तर: जब एक स्टील की चम्मच/लोहें की छड़ी को लेकर एक मोमबत्ती की लौ से गर्म करते हैं तो ऊष्मा संचालन की चालन विधि के द्वारा हम दूसरे सिरे को गर्म महसूस करते हैं।

(vii) क्या लकड़ी का भी दूसरा सिरा चम्मच की तरह गर्म होगा? कारण बताएँ।

उत्तर: नहीं, लकड़ी का दूसरा सिरा चम्मच की तरह गर्म नहीं होगा क्योंकि लकड़ी ऊष्मा की कुचालक होती है।

(viii) घर में किसी सदस्य को बुखार हो जाता है तो आप बुखार का कैसे पता लगाते है?

उत्तर: हम दूसरे सदस्य को छूकर पता कर सकते हैं कि उसको बुखार है।

(ix) डाक्टर कैसे पता लगाता है कि उसे कितना बुखार है?

उत्तर: तापमापी (थर्मामीटर) द्वारा ।

 (x)  क्या आपके स्कूल की प्रयोगशाला में ऐसा यंत्र है जिससे गर्मी अथवा ताप का मापन कर सकते है? उस यंत्र का नाम लिखें।

उत्तर: हां, प्रयोगशाला तापमापी (थर्मामीटर)

 

पूर्व दक्षता - 602                       कार्यपत्रक: 2                       वर्तमान दक्षता -703

पदार्थों, जीवों और प्रक्रियाओं को अवलोकन योग्य गुणों के आधार पर वर्गीकृत करते हैं जैसे-

पादप व जंतु में परिवहन तथा भौतिक व रासायनिक परिवर्तन

 (क). अपने आस-पास की कुछ गर्म व ठण्ड़ी वस्तुओं अथवा पदार्थों की सूची बनाकर उन्हें वर्गीकृत करें।

  गर्म वस्तुएँ

ठंडी वस्तुएँ

 

 

उत्तरगर्म वस्तुएँ : चाय, कॉफी, सूप, सब्जी, रोटी, प्रकाश आदि।

         ठंडी वस्तुएँ : ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, नारियल पानी आदि।

 (ख). आपके आस-पास की कुछ चीजों की सूची बनाओं तथा उन्हें निम्न आधार पर वर्गीकृत करें।

जो वस्तुएँ गर्म करने पर आसानी से गर्म हो जाती है।

जो वस्तुएँ गर्म करने पर आसानी से गर्म नहीं होती।

 

 

उत्तर:

जो वस्तुएँ गर्म करने पर आसानी से गर्म हो जाती है।

जो वस्तुएँ गर्म करने पर आसानी से गर्म नहीं होती।

चम्मच,प्लेट, कटोरी, तवा, लोहे से बनी वस्तुएं आदि ।

लकड़ी, रबर, प्लास्टिक की वस्तुएं आदि ।

 (ग). जो वस्तुएँ आसानी से गर्म हो जाती है उन्हें क्या कहते हैं?

उत्तर: जो वस्तुएँ आसानी से गर्म हो जाती हैं उन्हें सुचालक कहते हैं ।

(घ). जो वस्तुएँ आसानी से गर्म नहीं होती उन्हें क्या कहते हैं?

उत्तर: जो वस्तुएँ आसानी से गर्म नहीं होती हैं उन्हें कुचालक कहते हैं ।


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