विज्ञान कक्षा सातवीं उड़ान कार्य
पुस्तिका अध्याय-2 प्राणियों में पोषण
🔿 पूर्व दक्षताएं – 506,601,602,604 🔿 वर्तमान दक्षताएं
-701,702,706,709,711
🔿 पूर्व दक्षता - 602 🔿 वर्तमान दक्षता - 702
कार्यपत्रक -1
पदार्थों और जीवों में गुणों, संरचना एवं कार्यों के आधार पर भेद करते हैं-जैसे विभिन्न जीवों में पहचान एकलिंगी व द्विलिंगी पुष्प, ऊष्मा के चालक व कुचालक,अम्लीय, क्षारकीय व उदासीन पदार्थों, दर्पणों व लेसों से बनने वाले प्रतिबिंब आदि।
A : सोचो और बताओ?
(I) घर में लोग तुम्हें कहते होंगे, ’’खाना धीरे-धीरे खाओ, ठीक से चबाओ, खाना अच्छे से पकेगा’’ सोचो, वे ऐसा क्यों कहते होंगे ?
(II) सोचो, हमारे मुंह से लार क्या काम करती होगी ?
(III) हमारे भोजन में हम आमतौर पर किस पोषक की मात्रा ज्यादा लेते है?
(IV) मक्खी, मच्छर, जॅं कौन-सी विधि द्वारा आहार लेते होंगे?
(V) निम्न जीवों की पोषण विधि अथवा पोषण विधि से संबंधित उदाहरण लिखें।
पूर्व दक्षता - 601
वर्तमान दक्षता - 709
कार्यपत्रक . 2
नामांकित चित्र/फ्लो चार्ट बनाते है जैसे मानव व पादप
अंग-तंत्र, विद्युत परिपथ, प्रयोगशाला
आदि।
B : मानव पाचन तंत्र के विभिन्न अंगों को नामांकित करें।
पूर्व दक्षता - 506 वर्तमान दक्षता – 701
कार्यपत्रक -3
पदार्थों और जीवों जैसे- जंतु, दांतों के प्रकार, दर्पण और लेंस आदि को अवलोकन योग्य विशेषताओं, जैसे आकृति, बनावट, कार्य आदि के आधार पर पहचान करते है।
C : सही मिलान कीजिए।
कालम- ए |
कालम-बी |
मुख गुहिका |
लाला रस स्रावित करती है। |
आमाशय |
वसा के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका |
ग्रास नली |
जल का अवशोषण |
वृहदांत्र (बड़ी आंत) |
पित्त रस का निर्माण |
गुदा |
बिना पचे भोजन का भंडारण |
दाँतों का कार्य |
कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन पर क्रिया |
आयोडीन विलयन |
पाचन का पूरा होना |
पिताशय |
मल का निष्कासन |
अग्नाशय |
अम्ल का निर्मोचन |
लाला ग्रंथि |
अंतग्र्रहण |
छोटी आंत |
भोजन को नीचे की ओर धकेलता है। |
पित रस |
मंड की जांच |
यकृत |
सबसे बड़ी ग्रंथि |
|
भोजन का चबाना |
1.
पाचन में मदद: जब हम खाना ठीक से चबाते हैं, तो वह
छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, जिससे पाचन तंत्र को उसे
पचाने में आसानी होती है।
2.
पोषक तत्वों का
अवशोषण: धीरे-धीरे खाने से शरीर को पोषक
तत्वों को अवशोषित करने का अधिक समय मिलता है।
3.
वजन नियंत्रण: धीरे-धीरे खाने से हमें पेट भरने का एहसास जल्दी होता है,
जिससे हम अधिक खाने से बच सकते हैं।
4.
स्वाद का आनंद: धीरे-धीरे खाने से हम खाने के स्वाद का पूरा आनंद ले सकते
हैं।
1. पाचन में मदद: लार में एंजाइम
एमाइलेज होता है, जो भोजन में मौजूद स्टार्च को तोड़ने में
मदद करता है।
2. भोजन को गीला करना: यह भोजन को गीला और
मुलायम बनाती है, जिससे उसे निगलने में आसानी होती है।
3. स्वाद महसूस करना: लार भोजन को घोलती है,
जिससे स्वाद कलिकाएं (taste buds) भोजन का
स्वाद महसूस कर पाती हैं।
4. मुँह की सफाई: लार मुँह को साफ रखने
में मदद करती है और बैक्टीरिया को हटाती है।
5. दाँतों की सुरक्षा: यह दाँतों को क्षरण
से बचाने में मदद करती है।
कार्बोहाइड्रेट: यह हमारे भोजन का
मुख्य स्रोत होता है और हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। चावल, रोटी, आलू, और मिठाइयाँ इसके प्रमुख स्रोत हैं।
वसा: यह ऊर्जा का एक सघन स्रोत है और
शरीर के विभिन्न कार्यों में मदद करता है। तेल, घी, मक्खन, और नट्स इसके प्रमुख स्रोत हैं।
प्रोटीन: यह शरीर के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। दालें, मांस, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद इसके प्रमुख स्रोत हैं ।
(iv) उत्तर : मक्खी, मच्छर और जूं तीनों अलग-अलग विधियों से
आहार लेते हैं:
1. मक्खी : मक्खियों तरल आहार
लेती हैं। वे अपने मुख से लार छोड़ती हैं जो ठोस भोजन को तरल में बदल देती है,
फिर वे इसे चूस लेती हैं ।
2. मच्छर: मच्छर अपने मुख के
विशेष अंग, जिसे प्रोबोसिस कहते हैं, का
उपयोग करके खून चूसते हैं। मादा मच्छर खून पीती हैं क्योंकि उन्हें अंडे देने के
लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
3. जूं : जूए अपने छोटे-छोटे मुख के अंगों का उपयोग
करके त्वचा से खून चूसती हैं। वे अपने छोटे-छोटे पंजों से बालों में चिपक जाती हैं
और खून चूसती हैं।
कार्यपत्रक -3
कालम- ए |
कालम-बी |
मुख गुहिका |
अंतग्र्रहण |
आमाशय |
अम्ल का निर्मोचन |
ग्रास नली |
भोजन को नीचे की ओर धकेलता है। |
वृहदांत्र (बड़ी आंत) |
जल का अवशोषण, बिना
पचे भोजन का भंडारण |
गुदा |
मल का निष्कासन |
दाँतों का कार्य |
भोजन का चबाना |
आयोडीन विलयन |
मंड की जांच |
पिताशय |
पित्त रस को संग्रहित करता है। |
अग्नाशय |
कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन पर क्रिया |
लाला ग्रंथि |
लाला रस स्रावित करती है। |
छोटी आंत |
पाचन का पूरा होना |
पित रस |
वसा के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका |
यकृत |
सबसे बड़ी ग्रंथि, पित्त
रस का निर्माण |
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