कक्षा 7th विज्ञान Test -8- पादप में जनन
विद्यार्थी का नाम............................
रोल नं....... दिनांक ...................
समय: 30 मिनट कुल अंक: 20
नोट: सभी प्रश्न अनिवार्य है। * प्रश्न संख्या 1 से 2 तक 5-5 अंक के है । *प्रश्न संख्या 3 से 7 तक 2 अंक के प्रश्न है
प्रश्न
1. सही विकल्प पर (✓) निशान लगाइए
(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका- (i) पत्ती/पर्ण (ii) तना (iii) मूल (iv) पुष्प।
(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है-
(i) निषेचन (ii) परागण (iii) जनन (iv) बीज निर्माण।
(ग) परिपक्व होने पर अण्डाशय विकसित हो जाता है-
(i) बीज में (ii) पुंकेसर में (iii) स्त्रीकेसर में (iv) फल में।
(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है।
(i) गुलाब (ii) डबलरोटी का फफूंद (iii) आलू (iv) अदरक।
(च) ब्रायोफिलम
अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है-
(i) तना (ii) पत्ती (iii) मूल (iv) पुष्प।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जनक पादप के कायिक भागों से नये पादप के उत्पादन का
प्रक्रम … कहलाता है।
(ख) ऐसे पुष्पों को,
जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है … पुष्प कहते हैं।
(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के
परागकोश से वर्तिकान पर स्थानान्तरण का प्रक्रम ………………….. कहलाता है।
(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ………………….. कहलाता है।
(च) बीज प्रकीर्णन …………………..
और …………………..
के द्वारा होता है।
प्रश्न 3.निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं
असत्य कथन छाँटिए
1. आम, सेब और सन्तरा रसीले फल होते हैं।
2. भ्रूण से बीजाण्ड विकसित होता है।
प्रश्न 4. स्व-परागण तथा
पर-परागण के बीच अन्तर बताइए।
प्रश्न 5. पुष्यों में निषेचन का प्रक्रम किस
प्रकार सम्पन्न होता है ?
प्रश्न 6. अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का
वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
Solution :
उत्तर 1
उत्तर (क): (iv) पुष्प। ✓
उत्तर(ख): (i) निषेचन ✓
उत्तर(ग): (iv) फल में। ✓ उत्तर(घ): (ii) डबलरोटी का फफूंद ✓
उत्तर(च): (ii) पत्ती ✓
उत्तर 2: (क)कायिक प्रवर्धन (ख) एकलिंगी (ग) परागण
(घ) निषेचन (च) पवन, कीट, जल।
उत्तर 3: 1. सत्य 2. असत्य
उत्तर 4: यदि परागकोश से
मुक्त परागकण उसी पुष्प या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के वर्तिकान पर पहुँच कर
निषेचन क्रिया सम्पन्न करते हैं तो इसे स्वपरागण कहते हैं। यदि परागकोश से मुक्त
परागकण उसी जाति के किसी अन्य पौधे के पुष्प के वर्तिकान पर पहुँचकर उसे निषेचित
करते हैं तो इसे पर-परागण कहते हैं।
उत्तर 5: परागकण वर्तिकान
पर अंकुरित होकर पराग नलिका बनाते हैं। यह पराग नलिका नर युग्मक को अण्डाशय के
भीतर पहुँचाती है। अण्डाशय के अन्दर उपस्थित मादा युग्मक तथा नर युग्मक आपस में
युग्मन करते हैं, इसी
प्रक्रम को निषेचन कहते हैं। इस प्रक्रिया के फलस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता
है।
उत्तर 6: कायिक प्रवर्धन, मुकुलन, खण्डन, बीजाणु निर्माण
आदि अलैंगिक जनन की विधियाँ हैं।
(1) कायिक प्रवर्धन – इस विधि में पादपों का कोई कायिक भाग, जैसे- जड़, तना, पत्ती या कली, वृद्धि करके नये
पौधे का निर्माण करता है। क्योंकि इस विधि में नये पौधे का निर्माण पौधे के शरीर से होता है
बीजों से नहीं, इसीलिए यह
कायिक प्रवर्धन कहलाता है।
(2) मुकुलन – यीस्ट में
मुकुलन द्वारा प्रजनन सामान्य रूप से पाया जाता है। यह एक कोशिकीय कवक होता है।
इसकी कोशिका से एक बटन जैसी संरचना विकसित होती है जिसे मुकुल कहते हैं। मुकुल
मातृ कोशिका से अलग होकर नई कोशिका बनाता है।
(3) खण्डन – यह प्रायः
तन्तुवत शैवालों में पाया जाता है। इस विधि में तन्तु दो या अधिक टुकड़ों में टूट
जाता है। प्रत्येक टुकड़ा वृद्धि करके नया शैवाल बनाता है, इसे खण्डन कहते
हैं।
(4) बीजाणु
निर्माण – कुछ
जीवाणु, कवकों एवं
शैवालों में कुछ कोशिकाएँ बड़ी होकर बीजाणुधानी बनाती हैं। इनके अन्दर चल या अचल
बीजाणुओं का निर्माण होता है।ये बीजाणु प्रकीर्णित होकर अंकुरण करके नये पादपों का
निर्माण करते हैं।
उत्तर 7:
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