Chapter : 4 "चुंबकों
को जानें " कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा"
"चुंबकों को जानें " कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा" का चौथा
अध्याय है। नीचे इस अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं, जो पाठ्य
पुस्तक और
सामान्य शिक्षण पैटर्न पर आधारित हैं।
प्रमुख
शब्द-
आकर्षण
प्रयोग करना
छड़ चुंबकीय खोज करना
चुंबकीय दिक्सूचक जांच करना
चुंबकीय पदार्थ अवलोकन करना
अचुंबकीय पदार्थ पूर्व अनुमान लगाना
चुंबक का उत्तरी ध्रुव अंकित करना
चुंबक का दक्षिणी
ध्रुव आकर्षित
U आकार
चुंबक प्रतिकर्षित
निष्कर्ष निकालना
निर्माण करना
सारांश-
-चुंबक
के दो ध्रुव होते हैं-उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
-चुंबकीय ध्रुव हमेशा उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के जोड़ों में ही रहते हैं एकल उत्तरी ध्रुव और
एकल दक्षिणी ध्रुव का अस्तित्व नहीं होता हैं।
-चुंबकीय
पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं।
-अचुंबकीय
पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जो चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होते हैं।
-स्वतंत्र
रूप से लटका हुआ चुंबक उत्तर दक्षिण दिशा में ठहरता है।
-चुंबकीय दिक्सूचक की सुई उत्तर दक्षिण दिशा
में ठहरती है ।
-जब दो चुंबकों को एक दूसरे के समीप लाया जाता है तो समान ध्रुव (उत्तर-उत्तर या दक्षिण
दक्षिण) प्रतिकर्षित करते हैं जबकि विपरीत ध्रुव (उत्तर-दक्षिण) एक दूसरे को आकर्षित करते
हैं।
कक्षा
6 विज्ञान – अध्याय 4: चुंबकों को जानें अभ्यास प्रश्न-उत्तर-
(Exercise
Questions)
प्रश्न 1. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें -
दूसरे को…………. करते हैं।
(ख) वे पदार्थ जो चुम्बक की ओर आकर्षित होते हैं, उन्हें ………………… कहते
हैं।
(ग) चुंबकीय दिक्सूचक की सुई……………. दिशा में ठहरती है ।
(घ) चुम्बक में सर्वदा …………….. ध्रुव होते है।
उत्तर: (क) आकर्षित, प्रतिकर्षित (ख) चुंबकीय पदार्थ (ग) उत्तर दक्षिण (घ) दो
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य ( ✔) या असत्य (🗙) है -
(क) किसी चुम्बक को टुकड़ों में तोड़कर एक ध्रुव प्राप्त किया जा सकता है। ( )
(ख) चुम्बक
के समान ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। ( )
(ग) जब किसी छड़ चुम्बक को लोहरेतन के पास लाया जाता है, तो अधिकांश लोहरेतन
उसके मध्य/बीच में चिपक जाता है। ( )
(घ) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ छड़ चुम्बक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इंगित करता
है। ( )
उत्तर: (क) असत्य (ख) सत्य (ग) असत्य (घ)
सत्य
प्रश्न 3. कॉलम I में विभिन्न स्थितियाँ दर्शाई गई हैं, जिनमें एक चुंबक का एक ध्रुव दूसरे चुंबक
के किसी ध्रुव के निकट स्थित होता है। कॉलम II में विभिन्न स्थितियों के लिए उनके बीच होने
वाली अंतःक्रिया दर्शाई गई है। रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
उत्तर:
स्तंभ I |
स्तंभ II |
N – N |
प्रतिकर्षण |
N – S |
आकर्षण |
S – N |
आकर्षण |
S – S |
प्रतिकर्षित |
प्रश्न 4.अथर्व ने एक प्रयोग किया जिसमें उन्होंने एक छड़ चुंबक लिया और उसे स्टील की
पिनों के ढेर के ऊपर घुमाया (चित्र 4.15)। आपको अनुसार तालिका 4.3 में दिए गए
अवलोकनों के समुच्चय में से कौन-सा विकल्प सम्भवत: उनका वास्तविक अवलोकन है?
उत्तर: चुंबक के ध्रुवों की आकर्षण शक्ति अधिक होती है और चुंबक के मध्य आकर्षण शक्ति
कम होती है। इसलिए चुंबक के ध्रुवों या सिरों पर अधिक पिन चिपकेंगे और चुंबक के मध्य
कम पिन चिपकती है। तालिका 4.3 में से जो विकल्प इस अवलोकन को सही दर्शाता है, वह
विकल्प (I) है।
प्रश्न 5. रेशमा ने बाज़ार से तीन एक समान धातु की छड़ें खरीदीं। इनमें से दो छड़ें चुम्बक थीं
और एक लोहे का टुकड़ा था। बिना किसी अन्य सामग्री / पदार्थ का उपयोग किए , वह कैसे
पहचानेगी कि तीन छड़ों में से कौन सी दो छड़ें चुम्बक हो सकती हैं?
उत्तर: रेशमा तीन एक समान धातु की छड़ों का
परीक्षण निम्नलिखित तरीके से कर सकती है:
रेशमा तीनों छड़ो को एक दूसरे के पास लाएगी और उनके सिरों को एक-एक कर बदलेगी।
जो दो छड़े एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती है, वे चुंबक होगी। जिस छड़ में किसी के प्रति
कोई प्रतिकर्षण
नहीं होगा, वह
लोहे की छड़ होगी।
इस प्रक्रिया के
माध्यम से, वह
सही पहचान कर सकेगी कि कौन सी दो छड़ें चुम्बक हैं।
प्रश्न 6. आपको एक चुंबक दिया गया है जिस पर ध्रुवों की पहचान अंकित नहीं हैं। आप एक
अन्य चुंबक जिस पर ध्रुव अंकित हैं,की सहायता से दिए गए चुंबक के ध्रुवों का पता कैसे लगा
सकते हैं?
उत्तर: जिस चुंबक पर ध्रुव अंकित है, उसका उत्तरी ध्रुव दी गई चुंबक के पास लाएँ। यदि दोनों
चुंबक एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, तो दी गई चुंबक का वह दक्षिणी ध्रुव होगा। यदि वह
प्रतिकर्षित करते हैं, तो दी गई चुंबक का वह ध्रुव, उत्तरी ध्रुव होगा। इस तरह से, आप अज्ञात
चुंबक के
ध्रुवों की आसानी से पहचान कर सकते हैं।
अथवा
आपके पास एक अज्ञात चुंबक है और एक ज्ञात चुंबक है जिसके ध्रुव (उत्तरी और दक्षिणी)
अंकित हैं। आप जानते हैं कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं जबकि
समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, तो आप इसे आसानी से पता कर सकते हैं।
आप निम्नलिखित चरणों का पालन करके अज्ञात चुंबक के ध्रुवों की पहचान कर सकते हैं:
1. ज्ञात चुंबक का उपयोग करें : ज्ञात चुंबक को लें और उसे अज्ञात चुंबक के एक ध्रुव के
करीब लाएं।
2. आकर्षण
और प्रतिकर्षण का निरीक्षण करें:
- यदि ज्ञात चुंबक का उत्तरी ध्रुव (N) अज्ञात चुंबक के सिरे के पास लाने पर उसे आकर्षित
करता है, तो अज्ञात चुंबक का वह सिरा दक्षिणी ध्रुव (S)
है।
- यदि ज्ञात चुंबक का दक्षिणी ध्रुव (S) अज्ञात चुंबक के सिरे के पास लाने पर उसे प्रतिकर्षित
करता है, तो अज्ञात चुंबक का वह सिरा दक्षिणी ध्रुव (S)
है।
3. दूसरे सिरों का परीक्षण: एक बार जब आप एक ध्रुव की पहचान कर लेते हैं, तो आप शेष
सिरे का परीक्षण करके दूसरे ध्रुव को पहचान सकते हैं।
इस तरह से, आप अज्ञात चुंबक के ध्रुवों की आसानी से
पहचान कर सकते हैं।
प्रश्न 7. एक छड़ चुम्बक पर उसके ध्रुवों को दर्शाने के लिए कोई चिह्न अंकित नहीं है। आप
किसी अन्य चुम्बक का उपयोग किए बिना यह कैसे पता लगाएँगे कि इसका उत्तरी ध्रुव किस
छोर पर स्थित है?
उत्तर: उस चुंबक के मध्य भाग को धागे से बांधकर स्वतंत्रतापूर्वक लटकाए। जब वह स्थिर हो
जाएगा, तब उसका उतरी छोर उत्तर दिशा की ओर इंगित करेगा,जो की चुंबक का उत्तरी ध्रुव
होगा। इस तरह से, आप बिना किसी अन्य चुम्बक के अपने छड़ चुम्बक के उत्तरी ध्रुव की
पहचान कर सकते हैं।
प्रश्न 8. यदि पृथ्वी स्वयं एक चुंबक है, तो क्या आप चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी
के चुंबकीय ध्रुवों का
अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर: हां, चुंबकीय दिक्सूचक(कंपास) से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान
लगाया जा सकता हैं। दिक्सूचक(कंपास) की सुई स्वयं एक चुंबक होती है,जो स्वतंत्र रूप से
घूम सकती है। जब दिक्सूचक(कंपास) को एक स्थिर सतह पर रखा जाता है ,तो उसकी सुई
चुंबकीय क्षेत्र के कारण उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिर हो जाती है।
पृथ्वी के चुंबकीय उत्तर ध्रुव को चुंबकीय दिक्सूचक(कंपास) की सुई का उत्तरी ध्रुव इंगित
करता है और पृथ्वी के चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव को सुई का दक्षिणी ध्रुव इंगित करता है। इसलिए
चुंबकीय दिक्सूचक(कंपास) से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का सही अनुमान लगाया
जा सकता है।
प्रश्न 9. एक मिस्त्री पेंचकस की सहायता एक यंत्र की मरम्मत कर रहा था लेकिन स्टील के
पेंच बार-बार नीचे गिर रहे थे। इस अध्याय में आपने जो सीखा है उसके आधार पर मिस्त्री
की समस्या को हल करने का उपाय सुझाइएँ।
उत्तर: मिस्त्री को पेंचकस को पहले चुंबक से घिसना चाहिए, जिससे वह (पेंचकस) चुंबक बन
जायेगा। फिर स्टील के पेंच पेंचकस से चिपक जाएंगे और बार-बार नीचे नहीं गिरेंगे। इस
प्रकार मिस्त्री की समस्या को हल हो जाएगा।
प्रश्न 10. दो वलय चुम्बक, ‘क’ और ‘ख’, चित्र 4.16 में दर्शाए अनुसार व्यवस्थित हैं। यह देखा
गया है कि चुम्बक ‘क’ नीचे की ओर नहीं जाता है। इसका संभावित कारण क्या हो सकता
है? किसी भी चुम्बक को बिना धकेले चुम्बक ‘क’ को चुम्बक ‘ख’ के संपर्क में लाने का कोई
तरीका/उपाय सुझाइएँ ।
उत्तर: इस स्थिति में, चुम्बक ‘क’ और चुम्बक ‘ख’ के समान ध्रुव एक दूसरे के सामने होने के
कारण वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित कर रहे है। यही कारण है कि चुम्बक ‘क’ नीचे की ओर
नहीं जा रहा है। यह चुम्बक ‘ख’ द्वारा उत्पन्न प्रतिकर्षण बल के कारण ऊपर की और स्थिर हो
गया है। चुम्बक ‘क’ को बिना धकेले चुम्बक ‘ख’ के संपर्क में लाने के लिए ,उनमें से एक
चुम्बक को घुमाकर उसकी दिशा बदलनी होगी। अर्थात् एक चुम्बक को पलटना होगा ताकि
उसके विपरीत ध्रुव (उत्तरी और दक्षिणी) एक दूसरे के सामने आ जाए। इससे वे एक दूसरे को
आकर्षित करेंगे और चुम्बक ‘क’ नीचे की ओर खिसककर चुम्बक ‘ख’ के संपर्क में आ
जाएगा।
इन उपायों का
प्रयोग करके आप चुम्बक ‘क’ को चुम्बक ‘ख’ के निकट ला सकते हैं।
प्रश्न 11. तीन छड़ चुम्बकों को चित्र 4.17 में दर्शाए अनुसार एक मेज पर व्यवस्थित किया गया
है। एक सिरे (5) की ध्रुवता आपको दी गई है। अब आप बताइए कि चुम्बकों के सिरों 1, 2, 3,
4 और 6 पर ध्रुवता N या S में से क्या-क्या है ?
उत्तर: चुंबकों की ध्रुवता को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि चुम्बक के किसी भी
एक ध्रुव (N या S) के निकट आने पर, विपरीत ध्रुव का आकर्षण होता है और समान ध्रुव का
प्रतिकर्षण होता है।
यदि दिया गया है कि सिरे 5 की ध्रुवता ज्ञात है और चित्र 4.17 के अनुसार चुम्बक के सिरे 1, 2,
3, 4 और 6 पर ध्रुवता का निर्धारण
निम्नलिखित है:
सिरा -1 : N
सिरा -2 : S
सिरा -3 : N
सिरा -4 : S
सिरा -6 : S
1. ध्रुवता
के नियम:
- N ध्रुव हमेशा S ध्रुव की ओर आकर्षित होता है और S ध्रुव N की ओर।
2. ध्रुवता
की पहचान:
- यदि सिरा 5 N ध्रुव है, तो सिरा 6 वह होगा
जो S ध्रुव के रूप में कार्य करेगा।
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