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Chapter 11 "प्रकृति की अमूल्य संपदा " कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा"
"प्रकृति की अमूल्य संपदा " कक्षा 6 की विज्ञान की पाठ्य पुस्तक "जिज्ञासा" का ग्यारहवां अध्याय है। नीचे इस अध्याय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं, जो पाठ्य पुस्तक और सामान्य शिक्षण पैटर्न पर आधारित हैं।
प्रश्न :1. चित्र 11.9 में प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित वस्तुओं को दर्शाया गया है। उन्हें उनके अव्यवस्थित नामों से मिलाइए। एक अन्य तालिका बनाइए और इन संसाधनों के नाम लिखिए। इन संसाधनों को नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों के रूप में वर्गीकृत कीजिए। उत्तर:
वस्तु (Image) |
अव्यवस्थित नाम (Jumbled Name) |
सही नाम (Correct Name) |
नल से गिरता जल |
नटाट्रच |
चट्टान (या पत्थर) |
पवनचक्की (वायु) |
नव |
वन |
जंगल (पेड़) |
नवप |
पवन (या वायु) |
पत्थर/चट्टान |
लज |
जल |
क्रम संख्या |
संसाधन का नाम |
वर्गीकरण (Classification) |
1. |
जल (Water) |
नवीकरणीय संसाधन |
2. |
पवन/वायु (Wind/Air) |
नवीकरणीय संसाधन |
3. |
वन (Forest) |
नवीकरणीय संसाधन (यदि उनका टिकाऊ तरीके से प्रबंधन किया जाए) |
4. |
चट्टान/पत्थर (Rock/Stone) |
अनवीकरणीय संसाधन (खनिज संसाधन) |
प्रश्न : 2 . बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य? यदि असत्य है, तो उन्हें सही करके पुनः लिखिए-
(क) प्रकृति में मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
उत्तर: सत्य
(ख) मशीन प्रकृति में पाया जाने वाला एक संसाधन है।
उत्तर: असत्य।
सत्य : मशीन मानव निर्मित एक संसाधन है।
(ग) प्राकृतिक गैस एक अनवीकरणीय संसाधन है।
उत्तर: सत्य
(घ) वायु एक नवीकरणीय संसाधन है।
उत्तर: सत्य
प्रश्न :3. सबसे उपयुक्त विकल्प का उपयोग करके रिक्त स्थान भरें।
3.1 ईंधन जो सामान्यतः स्कूटर या बाइक जैसे दोपहिया वाहनों में उपयोग किया जाता है...…
(क) मिट्टी का तेल (ख) पेट्रोल (ग) डीजल (घ) सीएनजी
उत्तर: (ख) पेट्रोल
3.2 नवीकरणीय संसाधन का एक उदाहरण है......
(क) कोयला (ख) जल (ग) प्राकृतिक गैस (घ) पेट्रोल
उत्तर: (ख) जल
प्रश्न :4. निम्नलिखित को नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों के रूप में वर्गीकृत करें—
कोयला, प्राकृतिक गैस, वन और खनिज
उत्तर: अनवीकरणीय संसाधन - कोयला , प्राकृतिक गैस , खनिज
नवीकरणीय संसाधन – वन
प्रश्न :5. हम यह क्यों कहते हैं कि पेट्रोलियम एक अनवीकरणीय संसाधन है?
उत्तर: हम पेट्रोलियम को एक अनवीकरणीय संसाधन (Non-renewable resource) कहते हैं क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन (Fossil fuel) है जिसका निर्माण मृत जीवों के लाखों वर्षों तक पृथ्वी के नीचे दबे रहने और अत्यधिक ताप एवं दाब (Heat and pressure) के कारण होता है। इसके भंडार सीमित हैं।
एक बार उपयोग किए जाने पर, इसे तेजी से या आसानी से पुनर्जीवित/पुनःस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसका निर्माण प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा होता है जिसमें वर्तमान मानव जीवनकाल की तुलना में बहुत अधिक समय (लाखों वर्ष) लगता है।
प्रश्न :6. वनों को पुन: उगाना कठिन है। इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर: यह कथन आंशिक रूप से सत्य है, लेकिन इसे इस प्रकार समझा जा सकता है:
समय की आवश्यकता: प्राकृतिक रूप से एक पूर्ण विकसित जंगल को फिर से बनने में अनेक वर्ष या दशक लग सकते हैं। केवल पेड़ लगाना ही पर्याप्त नहीं है, एक जटिल पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के पूर्ण विकास में लंबा समय लगता है।
जैव विविधता का नुकसान: जब एक वन नष्ट हो जाता है, तो उस क्षेत्र की जैव विविधता (Biodiversity) (विभिन्न प्रकार के पौधे और जानवर) भी नष्ट हो जाती है। इसे फिर से स्थापित करना बहुत जटिल और कठिन है।
मानव हस्तक्षेप: वनों की कटाई (Deforestation) अक्सर मिट्टी के कटाव (Soil erosion) और मरुस्थलीकरण
(Desertification) का कारण बनती है, जिससे उस भूमि पर फिर से वनस्पति उगाना अधिक मुश्किल हो जाता है।
प्रश्न :7. पाँच दैनिक गतिविधियों की सूची बनाइए जहाँ आप प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करते हैं तथा उनका
उपयोग कम करने की विधियाँ सुझाइए।
उत्तर:
दैनिक गतिविधि |
प्रयुक्त प्राकृतिक संसाधन |
उपयोग कम करने की विधि |
स्नान करना |
जल (Water) |
शॉवर की बजाय बाल्टी और मग का उपयोग करना। |
स्कूल/ऑफिस जाना |
पेट्रोलियम |
सार्वजनिक परिवहन या साइकिल का उपयोग करना। |
बिजली के उपकरण चलाना |
कोयला/प्राकृतिक गैस (ऊर्जा स्रोत) |
उपयोग में न होने पर लाइट और पंखे बंद करना। |
खरीदारी करना |
वन (कागज, पैकेजिंग) |
पुनः प्रयोज्य (Reusable) बैग का उपयोग करना और अनावश्यक पैकेजिंग से बचना। |
खाना बनाना |
प्राकृतिक गैस/एल.पी.जी. |
प्रेशर कुकर का उपयोग करना या भोजन को ढककर पकाना ताकि गैस कम लगे। |
प्रश्न :8. चार गतिविधियों की सूची बनाइए जो वायु की उपस्थिति में संभव हैं।
उत्तर: 1. साँस लेना (श्वसन): सभी जीवित प्राणियों को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती
है, जो वायु में मौजूद होती है।
2. दहन (Combustion): किसी भी चीज को जलने (आग) के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
जैसे: चूल्हा जलाना, मोमबत्ती जलाना।
3. पवन ऊर्जा का उत्पादन: वायु की गति (पवन) का उपयोग पवन चक्कियों द्वारा बिजली बनाने के लिए किया
जाता है।
4. पक्षियों का उड़ना: पक्षी उड़ान भरने के लिए वायु के उत्थापन बल (Lift) का उपयोग करते हैं और उड़ते
समय वायु प्रतिरोध (Air resistance) का सामना करते हैं।
प्रश्न :9. आप अपने घर के आस-पास को हरित आवरण से समृद्ध बनाने के लिए किस प्रकार योगदान देंगे?
ऐसे कार्यों की सूची बनाएँ। 🌱
उत्तर: मैं अपने घर के आस-पास को हरित आवरण से समृद्ध बनाने के लिए निम्नलिखित कार्य करूँगा/करूँगी:
1. वृक्षारोपण (Planting Trees): अपने घर के आस-पास की खाली जगहों पर और सड़कों के किनारे
देशी पेड़ और झाड़ियाँ लगाऊँगा/लगाऊँगी।
2. किचन गार्डन या गमले (Kitchen Garden or Pots): सब्जियों और जड़ी-बूटियों को उगाने के
लिए घर की छत या बालकनी पर एक छोटा बगीचा या गमले स्थापित करूँगा/करूँगी।
3. जैव विविधता को बढ़ावा (Promoting Biodiversity): विभिन्न प्रकार के फूल वाले पौधे
लगाऊँगा/लगाऊँगी जो तितलियों और मधुमक्खियों जैसे परागणकों को आकर्षित करते हैं।
4. पानी का पुनर्चक्रण (Water Recycling): पौधों को पानी देने के लिए रसोई या नहाने के व्यर्थ
पानी का उपयोग करूँगा/करूँगी।
5. खाद बनाना (Composting): रसोई के जैविक कचरे से खाद बनाकर उसका उपयोग पौधों की मिट्टी
को उपजाऊ बनाने के लिए करूँगा/करूँगी।
6. जागरूकता फैलाना (Spreading Awareness): पड़ोसियों को भी अपने आस-पास पौधे लगाने
और पर्यावरण-अनुकूल आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करूँगा/करूँगी।
प्रश्न
:10.दिए
गए चित्र में हम देखते हैं कि
भोजन बनाया जा रहा है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
(क) भोजन बनाने के लिए किस प्रकार की ऊर्जा का उपयोग हो रहा है?
(ख) भोजन बनाने के लिए इस प्रकार की ऊर्जा के उपयोग का एक
लाभ और एक हानि लिखिए।
उत्तर: (क) दिए गए चित्र में भोजन बनाने के लिए सौर ऊर्जा
(Solar Energy) का उपयोग हो रहा है,
जिसे सौर कुकर/सोलर कुकर (Solar Cooker) नामक उपकरण द्वारा संकेंद्रित (concentrated) किया जा रहा
है। यह ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत (Renewable source) है।
(ख): लाभ (Advantage) - यह प्रदूषण मुक्त (Pollution-free) ऊर्जा का स्रोत है। सौर ऊर्जा का उपयोग करने
से जीवाश्म ईंधन (कोयला, एल.पी.जी.) की खपत कम होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन (Carbon emissions)
नहीं होता है और पर्यावरण स्वच्छ रहता है।
हानि (Disadvantage) - यह केवल धूप वाले मौसम (Sunny weather) में ही काम करता है।
बादल छाए रहने, बारिश होने, या रात के समय इसका उपयोग करके भोजन नहीं बनाया जा सकता है।
प्रश्न :11. बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटने से मृदा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। आपके अनुसार ऐसा क्यों
होता है?
उत्तर: बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटने, जिसे वनोन्मूलन (Deforestation) भी कहते हैं, से मृदा (मिट्टी)
की गुणवत्ता पर निम्नलिखित कारणों से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है:
1. मृदा अपरदन (Soil Erosion): पेड़ों की जड़ें मिट्टी को एक साथ बांधकर रखती हैं। जब पेड़ काट दिए
जाते हैं, तो मिट्टी ढीली हो जाती है और तेज हवा या भारी बारिश से आसानी से बह या उड़ जाती है। इस
प्रक्रिया में, मिट्टी की सबसे उपजाऊ ऊपरी परत (Topsoil) नष्ट हो जाती है, जिससे मृदा की उर्वरता
(fertility) कम हो जाती है।
2. पोषक तत्वों की कमी (Loss of Nutrients): पेड़ के पत्ते और टहनियाँ गिरकर मिट्टी में सड़ते हैं
और ह्यूमस (Humus) बनाते हैं, जो मिट्टी को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। पेड़ों के कटने से यह
प्राकृतिक चक्र टूट जाता है और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
3. जल धारण क्षमता में कमी (Reduced Water Retention): वन भूमि स्पंज की तरह काम
करती है, जो बारिश के पानी को सोख लेती है। पेड़ों के बिना, मिट्टी की जल धारण क्षमता कम हो जाती है,
जिससे भूमि सूखी और कठोर हो जाती है और अंततः उसकी गुणवत्ता घट जाती है।
प्रश्न :12. दो मानवीय गतिविधियाँ बताइए जिनसे वायु प्रदूषित होती है। एक कार्य सुझाएँ जो वायु प्रदूषण कम
करने में सहायक हो।
उत्तर: . 1.जीवाश्म ईंधन जलाना: कार, बस और स्कूटर जैसे वाहनों में पेट्रोल, डीज़ल जलाने से और उद्योगों में
कोयला जलाने से हानिकारक गैसें (जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड) और कण
(particulates) वायुमंडल में मुक्त होते हैं।
2. कृषि संबंधी गतिविधियाँ: फसलों के अवशेष (जैसे पराली) को जलाना, जिससे धुआँ और राख निकलती है।
वायु प्रदूषण कम करने में सहायक कार्य :
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना: व्यक्तिगत वाहनों (Private vehicles) का उपयोग कम
करना और इसके बजाय बस, ट्रेन, या मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन (Public transport) का
अधिक उपयोग करना। इससे सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी और वाहनों से होने वाला उत्सर्जन घटेगा।
प्रश्न :13. एक परिवार सौर पैनल बिजली उत्पादन के लिए, गैस स्टोव खाना बनाने के लिए और पवनचक्की
कुएं से पानी खींचने के लिए उपयोग करता है। क्या होगा यदि एक सप्ताह तक सूर्य का प्रकाश न हो।
उत्तर: यदि एक सप्ताह तक सूर्य का प्रकाश न हो (अर्थात बादल छाए रहें या लगातार बारिश हो), तो परिवार
की गतिविधियों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेंगे:
1. सौर पैनल (Solar Panel): बिजली उत्पादन रुक जाएगा या बहुत कम हो जाएगा। सौर पैनल सूर्य
के प्रकाश को सीधे बिजली में बदलते हैं। धूप न होने की स्थिति में, परिवार को बिजली की आपूर्ति के लिए ग्रिड
बिजली (यदि उपलब्ध हो) पर निर्भर रहना पड़ेगा या बिजली के बिना रहना पड़ेगा।
2. गैस स्टोव (Gas Stove): खाना बनाने की प्रक्रिया अप्रभावित रहेगी। गैस स्टोव (LPG/CNG पर
आधारित) सूर्य के प्रकाश पर निर्भर नहीं करता है, इसलिए परिवार गैस स्टोव का उपयोग करके सामान्य रूप से
खाना बना पाएगा।
3. पवनचक्की (Windmill): पानी खींचने की प्रक्रिया जारी रह सकती है, बशर्ते हवा चलती रहे।
पवनचक्की सूर्य के प्रकाश पर नहीं, बल्कि हवा की गति पर निर्भर करती है। यदि एक सप्ताह तक धूप न भी हो,
लेकिन तेज हवाएँ चलती रहें, तो वे कुएँ से पानी खींचना जारी रख पाएगी।
प्रश्न :14. निम्नलिखित शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति करें—
(जीवाश्म
ईंधन,
वन,
वायु,
पेट्रोलियम,
कोयला,
जल
और अनवीकरणीय संसाधन)
उत्तर:
प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources) :
1. नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources)
वायु ,जल और वन
2. अनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources)
खनिज पदार्थ, मृदा, चट्टानें, कोयला,पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस
जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels)
कोयला (Coal)
पेट्रोलियम (Petroleum)
प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
प्रश्न :15. उद्योगों और आवास की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पेड़ों की माँग बढ़ रही है। इसलिए
लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। क्या यह उचित है? चर्चा कीजिए और एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए। 🌳
उत्तर: यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।
पेड़ क्यों ज़रूरी हैं: पेड़ हमें शुद्ध हवा (ऑक्सीजन) देते हैं और हवा से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को हटाते हैं। वे बारिश लाने में मदद करते हैं, मिट्टी के कटाव को रोकते हैं, और कई जानवरों को घर (आश्रय) देते हैं।
पेड़ काटने के नुकसान: जब हम लगातार पेड़ काटते हैं, तो प्रदूषण बढ़ जाता है, ज़मीन बंजर हो जाती है, और बाढ़ आने का खतरा बढ़ जाता है। इससे हमारा पर्यावरण खराब होता है और जीव-जंतुओं के लिए भी खतरा पैदा होता है।
निष्कर्ष: बढ़ती जनसंख्या के लिए जगह बनाने या अन्य ज़रूरतों के लिए पेड़ काटना हमारे भविष्य के लिए बहुत हानिकारक है। हमें पेड़ बचाने और नए पेड़ लगाने पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे।
प्रश्न :16. अपने विद्यालय में पानी के उपयोग को कम करने के लिए एक योजना बनाइए। इस योजना को साकार करने के लिए आप क्या कदम उठाएँगे और इससे पर्यावरण को कैसे सहायता मिलेगी?
उत्तर: विद्यालय में पानी बचाने की योजना :
- विद्यालय में प्रति छात्र पानी के उपयोग को 25% तक कम करना।
- छात्रों और कर्मचारियों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
1. उठाए जाने वाले कदम:
नल की जाँच: यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल में कोई भी नल लीक (टपक) न हो। यदि कोई नल टपक
रहा है, तो उसे तुरंत ठीक करवाएँगे।
जागरूकता अभियान: हम और हमारे दोस्त यह ध्यान रखेंगे कि पानी का नल खुला न छूटे, खास करके
हाथ धोते समय।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): स्कूल की छत पर गिरे हुए बारिश के पानी को इकट्ठा
करने और उसे जमीन में डालने या बगीचे में उपयोग करने की व्यवस्था करेंगे।
पौधों को पानी: पौधों को सुबह या शाम के समय पानी देंगे, ताकि पानी भाप (वाष्पीकरण) बनकर उड़े
नहीं।
2. पर्यावरण को सहायता:
भूजल स्तर में सुधार: वर्षा जल संचयन से ज़मीन के अंदर का पानी का स्तर (Groundwater Level)
बढ़ेगा।
पानी की बचत: स्कूल में कम पानी इस्तेमाल होने से स्थानीय जल स्रोतों पर दबाव कम होगा और पानी
की कमी नहीं होगी।
ऊर्जा की बचत: पानी को साफ करने और दूर तक पंप करने में लगने वाली बिजली (ऊर्जा) की बचत
होगी।
अथवा
योजना: विद्यालय में जल संरक्षण (Water Conservation)
1. मुख्य उद्देश्य:
- विद्यालय में प्रति छात्र पानी के उपयोग को 25% तक कम करना।
- छात्रों और कर्मचारियों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
2 . योजना को साकार करने के लिए उठाए गए कदम:
'जल मित्र' टीम: छात्रों के एक समूह को 'जल मित्र' बनाना जो नियमित रूप से पानी के अपव्यय की निगरानी
करें।
* पोस्टर और नारे: नल के पास 'नल बंद करो!' जैसे संदेश वाले पोस्टर लगाना।
* सभा में शपथ: छात्रों को पानी बचाने की शपथ दिलाना।
* लीकेज चेक: सभी नल, पाइप और शौचालयों में रिसाव (Leakage) की नियमित जांच करना और उन्हें
तुरंत ठीक करना।
* कम प्रवाह वाले नल: बाथरूम और रसोई के नलों में कम प्रवाह वाले फिक्स्चर (Low-flow
fixtures) लगाना।
* बागवानी के लिए पानी: हाथ धोने वाले सिंक ( जहां साबुन का कम उपयोग होता है) से निकले पानी को
इकट्ठा करने की व्यवस्था करना और उसका उपयोग विद्यालय के बगीचे या पेड़-पौधों में करना।
* कम पानी वाले फ्लश टैंक (Dual-flush) लगाना या फ्लश टैंक में ईंट/पानी की बोतल रखना ताकि हर
फ्लश में कम पानी इस्तेमाल हो।
3. पर्यावरण को सहायता:
- जल संसाधनों का संरक्षण: पीने योग्य पानी की बर्बादी कम करके, हम भूजल (Groundwater) और स्थानीय जल निकायों पर दबाव कम करते हैं, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी उपलब्ध रहता है।
- ऊर्जा की बचत: पानी को साफ करने (उपचारित करने), पंप करने और गर्म करने में बिजली (जो अक्सर जीवाश्म ईंधन से बनती है) का उपयोग होता है। जब हम पानी बचाते हैं, तो अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा की भी बचत करते हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
- प्रदूषण में कमी: पानी के कम उपयोग का अर्थ है कम अपशिष्ट जल (Wastewater) उत्पन्न होना। इससे अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों (Wastewater Treatment Plants) पर बोझ कम होता है, जिससे जलीय प्रदूषण (Water Pollution) को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions - MCQ)
प्रश्न 1. वायु में ऑक्सीजन का प्रतिशत कितना होता है
(a) 78%
(b) 21%
(c) 1%
(d) 50%
उत्तर: (b) 21%
प्रश्न 2. चलती हुई वायु को क्या कहते हैं?
(a) बयार
(b) पवन
(c) आँधी
(d) तूफान
उत्तर: (b) पवन
प्रश्न 3. पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?
(a) जल
(b) कोयला
(c) सूर्य
(d) वन
उत्तर: (c) सूर्य
प्रश्न 4. जीवाश्म ईंधन (Fossil fuel) का उदाहरण है:
(a) वायु
(b) जल
(c) पेट्रोल
(d) वन
उत्तर: (c) पेट्रोल
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resource) है?
(a) कोयला
(b) खनिज
(c) वायु
(d) पेट्रोलियम
उत्तर: (c) वायु
अति लघु प्रश्न और उत्तर (Very Short Answer Questions and Answers)
प्रश्न 1: हमें जीवित रहने के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हमें जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन गैस की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2: पवनचक्की के पंखों को कौन घुमाता है?
उत्तर: पवन (चलती हुई वायु) पवनचक्की के पंखों को घुमाती है ।
प्रश्न 3: पृथ्वी पर पाए जाने वाले अधिकांश जल का क्या स्वरूप है?
उत्तर: अधिकांश जल महासागरों एवं समुद्रों में पाया जाता है और यह नमकीन (लवणीय) होता है।
प्रश्न 4: दो जीवाश्म ईंधनों के नाम लिखिए।
उत्तर: दो जीवाश्म ईंधन हैं: पेट्रोल और कोयला।
प्रश्न 5: कौन से संसाधन प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा उचित समयावधि के भीतर पुनःपूरित हो जाते हैं?
उत्तर: ऐसे संसाधनों को नवीकरणीय संसाधन कहते हैं (उदाहरण: वायु, जल, वन)।
लघु प्रश्न और उत्तर (Short Answer Questions and Answers)
प्रश्न 1: नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर: नवीकरणीय संसाधन: वे संसाधन हैं जिनकी पूर्ति प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा एक उचित अवधि के भीतर हो जाती है। उदाहरण: वायु, जल, और वन।
अनवीकरणीय संसाधन: वे संसाधन हैं जिनका भंडार सीमित होता है और जिनकी पूर्ति होने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, और खनिज।
प्रश्न 2: जल का संरक्षण क्यों आवश्यक है? (कोई तीन कारण)
उत्तर: 1. उपयोग के लिए उपलब्ध मृदु (मीठा) जल पृथ्वी पर सीमित मात्रा में है।
2. पृथ्वी पर अधिकांश जल नमकीन होता है, जो घरेलू, कृषि या औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं होता।
3. हमें जल को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए ताकि यह सभी जीवित प्राणियों के उपयोग के लिए उपयुक्त रहे।
प्रश्न 3: पवनचक्की का उपयोग किन कार्यों के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: पवनचक्की का उपयोग पवन की ऊर्जा से निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:
विद्युत (बिजली) का उत्पादन करना।
कुएँ से पानी ऊपर खींचना।
आटे की चक्की चलाना।
प्रश्न 4: जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: 1. सीमित भंडार: जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला, पेट्रोल) सीमित मात्रा में हैं और इनके बनने में लाखों वर्ष लगते हैं, इसलिए इन्हें भविष्य के लिए बचाना जरूरी है।
2. वायु प्रदूषण: इनके जलाए जाने पर धुआँ और कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है, जिससे बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण होता है।
दीर्घ प्रश्न और उत्तर (Long Answer Questions and Answers)
प्रश्न 1: प्राकृतिक संसाधन क्या हैं? उनका संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: प्राकृतिक संसाधन: वे संसाधन जो हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं और जो हमारे जीवन को बनाए रखने तथा हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं, उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।उदाहरण: वायु, जल, सौर-ऊर्जा, वन, मृदा, चट्टानें, खनिज और जीवाश्म ईंधन।
संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग का महत्व:
अस्तित्व की निर्भरता: मानव सहित सभी सजीव अपने जीवन और अस्तित्व के लिए इन प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं।
अनवीकरणीय संसाधनों का संरक्षण: जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम) और खनिज जैसे संसाधन सीमित हैं और लाखों वर्षों में बनते हैं। इनका संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है ताकि ये भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध रहें।
पर्यावरण को बचाना: प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में लापरवाही से पर्यावरण को हानि पहुँचती है। उदाहरण के लिए, जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग वायु प्रदूषण को बढ़ाता है। विवेकपूर्ण उपयोग से हम प्रदूषण कम कर सकते हैं।
पारंपरिक निर्भरता: वनों जैसे संसाधनों की कटाई को रोकने से मृदा की गुणवत्ता बनी रहती है और जैव-विविधता को आश्रय मिलता है।
प्रश्न 2: वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) से आप क्या समझते हैं? भारत में उपयोग की जाने
वाली किसी पारंपरिक विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर: वर्षा जल संचयन: वर्षा के जल को बाद में उपयोग करने के लिए बड़ी मात्रा में एकत्रित एवं संग्रहित करने
की विधि को वर्षा जल संचयन कहा जाता है। यह जल संरक्षण की एक महत्वपूर्ण विधि है।
भारत में वर्षा जल संचयन की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
पारंपरिक विधि: बावड़ी और वाव
स्थान: राजस्थान और गुजरात जैसे पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल संचयन के लिए बावड़ी (सीढ़ीदार कुएँ) एवं वाव बनाए गए थे।
विशेषता: इन बावड़ियों में जल संचयन की एक अनूठी व्यवस्था होती थी ।
इनमें न केवल वर्षा का जल बल्कि आस-पास की झीलों, तालाबों और नदियों से रिसने वाला जल भी संचयित होता था ।
इनको धरती में लंबे और गहरे गड्ढों के रूप में बनाया जाता था, जिनकी अंदर की दीवारें पत्थर के टुकड़ों से इस प्रकार बनी होती थीं, जिससे खाइयों में जल का रिसाव आसानी से हो सके ।
प्रश्न: 3 हमें पानी की बर्बादी क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर: हमें पानी की बर्बादी इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि पानी जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है और पृथ्वी पर पीने लायक साफ पानी बहुत कम है।
पानी की बर्बादी न करने के मुख्य कारण:
सीमित संसाधन: पृथ्वी पर मौजूद सारा पानी पीने या इस्तेमाल करने लायक नहीं होता। पीने लायक मीठा पानी (fresh water) बहुत ही कम मात्रा में है।
जीवन के लिए आवश्यक: जीने के लिए, खाना बनाने के लिए, पौधे उगाने के लिए और सफाई के लिए पानी सबसे ज़रूरी है। पानी के बिना कोई भी जीव ज़िंदा नहीं रह सकता।
सूखा और कमी: अगर हम पानी बर्बाद करेंगे, तो पानी के स्रोत (जैसे नदियाँ, झीलें और भूमिगत जल) सूख जाएँगे। इससे सूखे की स्थिति बन सकती है और भविष्य में लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
पर्यावरण संतुलन: पानी जानवरों और पौधों के आवास (घर) के लिए भी आवश्यक है। पानी बर्बाद करने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है।
इसलिए, हमें पानी की हर बूँद बचानी चाहिए ताकि यह हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहे।
प्रश्न: 4 आप अपने आस-पास ऐसे कौन-से परिवर्तन देखते हैं जो हमारी पृथ्वी को बीमार कर रहे हैं? चर्चा कीजिए और कुछ उपाय भी सुझाइए।
उत्तर: हमारे आस-पास कई ऐसी चीजें हो रही हैं जिनसे हमारी पृथ्वी बीमार हो रही है। इन्हें पर्यावरण परिवर्तन कहते हैं:
पृथ्वी को बीमार करने वाले परिवर्तन - वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण , वनोन्मूलन (पेड़ काटना) , कचरे की समस्या ।
वायु प्रदूषण:
कारण: फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआँ और गाड़ियों का धुआँ हवा को गंदा कर रहा है।
परिणाम: इससे हमें साँस लेने में दिक्कत होती है।
जल प्रदूषण:
कारण: कारखानों का गंदा पानी और घरों का कचरा नदियों और समुद्रों में मिलाया जा रहा है।
परिणाम: इससे पानी पीने लायक नहीं रहता और जलीय जीव (पानी में रहने वाले जानवर) मर जाते हैं।
वनोन्मूलन (पेड़ काटना):
कारण: घर बनाने या फर्नीचर के लिए लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं।
परिणाम: पेड़ कम होने से बारिश कम होती है और हवा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस बढ़ जाती है।
कचरे की समस्या:
कारण: प्लास्टिक जैसी चीज़ें बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होती हैं जो ग़लती नहीं हैं और ज़मीन पर जमा होती रहती हैं।
✅ सुधार के उपाय (Solution Suggestions)
पेड़ लगाओ: हमें ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाने चाहिए, क्योंकि पेड़ हवा को साफ करते हैं।
पानी बचाओ: हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और पानी को साफ रखना चाहिए।
कचरा कम करो: हमें प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना चाहिए और कचरे को कूड़ेदान में डालना चाहिए। हमें चीज़ों को दोबारा इस्तेमाल करना (Recycle) सीखना चाहिए।
गाड़ियों का कम उपयोग: जहाँ पैदल या साइकिल से जा सकते हैं, वहाँ गाड़ी का उपयोग कम करें।
ये छोटे-छोटे काम करके हम अपनी पृथ्वी को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं।
प्रश्न: 5 वर्षा जल संचयन भारत में एक सदियों पुरानी परंपरा है। अपने राज्य या देश के अन्य भागों में उपयोग की जा रही कुछ पारंपरिक वर्षा जल संचयन विधियों का पता लगाइए।
उत्तर: भारत में उपयोग की जाने वाली कुछ पारंपरिक वर्षा जल संचयन की विधियाँ:
बावड़ियाँ/बावड़ी (Baoris/Stepwells): ये सीढ़ियों वाले बड़े कुएँ होते हैं, जो मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात जैसे सूखे राज्यों में बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए बनाए जाते थे।
जोहड़ (Johads): ये छोटे मिट्टी के बाँध या तालाब होते हैं, जो राजस्थान में बारिश के पानी को रोककर ज़मीन में जाने में मदद करते हैं।
टाँका (Tankas): यह राजस्थान में घरों के अंदर बनाया गया एक भूमिगत टैंक होता है, जिसमें सीधे छत से आने वाले बारिश के पानी को पीने के लिए जमा किया जाता है।
खादिन (Khadin): यह राजस्थान में कृषि के लिए पानी इकट्ठा करने की एक पुरानी तकनीक है, जिसमें पानी को ढलान वाली ज़मीन पर रोककर खेती की जाती है।
प्रश्न: 6 वायु प्रदूषण आपके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अपने से बड़े या समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत कर अपने स्थानीय क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर जाँच करें। आप निष्कर्षों के आधार पर दो व्यावहारिक उपाय सुझाइए जिनका उपयोग कर आपका विद्यालय या समुदाय वायु प्रदूषण कम कर सकता है।
उत्तर: 1. स्थानीय वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत (उदाहरण):
गाड़ियाँ: वाहनों (कार, स्कूटर, बस और मोटरसाइकिल ) से निकलने वाला धुआँ हवा को गंदा कर रहा है। इससे हमें साँस लेने में दिक्कत होती है।
कचरा जलाना (Burning Waste): आस-पास के क्षेत्रों में कूड़ा-करकट या पत्तियों को जलाना।
निर्माण कार्य (Construction Work): धूल और निर्माण सामग्री के छोटे कणों का हवा में मिलना।
2. वायु प्रदूषण कम करने के दो आसान उपाय:
पेड़ लगाएँ: स्कूल के मैदान और आस-पास की खाली जगहों पर ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएँ, क्योंकि पेड़ हवा में मौजूद धुआँ और कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेते हैं। पेड़ हवा को प्राकृतिक रूप से साफ करते हैं।
गाड़ियों का कम उपयोग: स्कूल आने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें, या एक ही कार में कई दोस्त (कार-पूलिंग) मिलकर आएँ, ताकि सड़कों पर कम धुआँ हो। समुदाय के लोग सार्वजनिक बस का उपयोग करें।
ये छोटे-छोटे काम करके हम अपनी पृथ्वी को फिर से स्वस्थ बना सकते हैं।
प्रश्न: 7 हमें पानी की बर्बादी क्यों नहीं करनी चाहिए?
उत्तर: हमें पानी की बर्बादी इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि पानी जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है और पृथ्वी पर पीने लायक साफ पानी बहुत कम है।
पानी की बर्बादी न करने के मुख्य कारण:
1. सीमित संसाधन: पृथ्वी पर मौजूद सारा पानी पीने या इस्तेमाल करने लायक नहीं होता। पीने लायक मीठा पानी (fresh water) बहुत ही कम मात्रा में है।
2. जीवन के लिए आवश्यक: जीने के लिए, खाना बनाने के लिए, पौधे उगाने के लिए और सफाई के लिए पानी सबसे ज़रूरी है। पानी के बिना कोई भी जीव ज़िंदा नहीं रह सकता।
3. सूखा और कमी: अगर हम पानी बर्बाद करेंगे, तो पानी के स्रोत (जैसे नदियाँ, झीलें और भूमिगत जल) सूख जाएँगे। इससे सूखे की स्थिति बन सकती है और भविष्य में लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
4. पर्यावरण संतुलन: पानी जानवरों और पौधों के आवास (घर) के लिए भी आवश्यक है। पानी बर्बाद करने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है।
इसलिए, हमें पानी की हर बूँद बचानी चाहिए ताकि यह हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहे।










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